कमिश्नर ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग से की अन्तर्राज्यीय बाढ़ नियंत्रण प्रबंधों की समीक्षा

आपसी समन्वय तथा संवाद से ही रूकेगी बाढ़ की विभीषिका – कमिश्नर श्री सुचारी

रीवा 09 जून 2021. अन्तर्राज्यीय बाढ़ नियंत्रण संबंधी बैठक वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से कलेक्ट्रेट के एनआईसी कक्ष में आयोजित की गई। बैठक में रीवा संभाग तथा उत्तरप्रदेश के मिर्जापुर संभाग के अधिकारी शामिल रहे। बैठक में रीवा संभाग के कमिश्नर अनिल सुचारी ने कहा कि आपसी समन्वय और संवाद से ही बाढ़ की विभीषिका रूकेगी। वर्षा तथा बाढ़ से जुड़ी हर महत्वपूर्ण सूचना का दोनों राज्यों के अधिकारी तत्परता से आदान-प्रदान करें। सही समय पर यदि सूचना मिलेगी तो बाढ़ की विभीषिका को हम सीमित करने में सफल होंगे। हमें उत्तरप्रदेश के किसान भाईयों के लिए सिंचाई जल के पर्याप्त भण्डारण के साथ त्योंथर क्षेत्र की आम जनता को बाढ़ की विभीषिका से बचाना भी है। मिर्जापुर के कमिश्नर योगेश्वर मिश्र ने कहा कि प्राकृतिक आपदा का मामला राज्यों की सीमा से बंधा नहीं है। दोनों राज्यों के अधिकारी समन्वय से बाढ़ के संकट को रोकने के लिये प्रयास करेंगे। रीवा के अधिकारियों को उत्तरप्रदेश के अधिकारियों का हमेशा पूरा सहयोग मिलेगा।

बैठक में कमिश्नर ने कहा कि दोनों राज्यों के अधिकारियों को व्हाट्सएप ग्रुप में जोड़ा गया है। इस ग्रुप में 15 जून के बाद प्रतिदिन आवश्यक सूचनाओं का आदान-प्रदान हो। वर्षा की स्थिति, बांधों के जल स्तर तथा नदियों में पानी की आवक के संबंध में हर समय सूचनाओं का आदान-प्रदान हो। विगत कई वर्षों में दोनों राज्यों के अधिकारियों ने बेहतरीन समन्वय से काम किया है। बांधों में जल प्रवाह के उचित प्रबंधन से उत्तरप्रदेश के अधिकारियों ने कई बार त्योंथर क्षेत्र को बाढ़ से बचाया है। इसके लिये हम सब बहुत आभारी हैं। ऐसा ही समन्वय और सहयोग निरंतर रहेगा तो हम बाढ़ की विभीषिका को नियंत्रित करने में सफल होंगे। समय पर सूचना मिलने से जनहानि को रोका जा सकेगा।

कमिश्नर ने कहा कि वर्षा के सटीक अनुमान के आधार पर सिरसी, मेजा तथा अदवा बांधों में जल भराव किया जाय। इनमें हर समय इतनी जल भण्डारण क्षमता शेष रहनी चाहिए कि तीन-चार घण्टे की भारी बारिश से पानी के आवक को संचित किया जा सके। कमिश्नर ने वीडियो कान्फ्रेंसिंग से उत्तरप्रदेश के अधिकारियों के साथ चर्चा करते हुए कहा कि प्रशासनिक अधिकारियों, पुलिस तथा जल संसाधन विभाग के अधिकारियों एवं बाढ़ नियंत्रण एवं निगरानी के लिए तैनात अधिकारियों का व्हाट्सएप ग्रुप माध्यम से सूचनाओं का लगातार आदान-प्रदान करें। लगातार वर्षा की स्थिति में हर आधे घण्टे में बांधों में जल भराव की स्थिति की सूचनाओं का आदान-प्रदान करें। गत वर्ष दोनों प्रदेशों के अधिकारियों ने मिलकर बाढ़ से बचाव के लिए जो निर्णय दिये थे उनका इस वर्ष भी भली-भांति पालन करेंगे तो हम बाढ़ के संकट से बच सकते हैं। बैठक में वायरलेस सेट से सूचनाओं के आदान-प्रदान, वर्षामापी केन्द्रों की जानकारी देने तथा पानी छोड़ने से पहले उचित समय पर सूचना देने के संबंध में निर्णय लिये गये।

बैठक में मुख्य अभियंता गंगा कछार सीएम त्रिपाठी ने बताया कि जल संसाधन विभाग के अधिकारी उत्तरप्रदेश के अधिकारियों के साथ सतत सम्पर्क में रहेंगे। जब भारी वर्षा होती है तो इसमें दोनों राज्यों के क्षेत्र शामिल होते हैं। इसे ध्यान में रखकर यदि बांधों को कुछ खाली रखेंगे तो भारी वर्षा से उत्पन्न स्थिति पर हम नियंत्रण कर सकते हैं। त्योंथर क्षेत्र में उत्तरप्रदेश की ओर से 80 क्यूसेक से अधिक पानी आने पर बाढ़ रोकना संभव नहीं होगा। वीडियो कान्फ्रेंसिंग में शामिल उत्तरप्रदेश के अधिकारियों ने बैठक में लिये गये निर्णयों में सहमति व्यक्त की। कलेक्ट्रेट के एनआईसी केन्द्र से पुलिस महानिरीक्षक उमेश जोगा, डीआईजी अनिल सिंह कुशवाह, कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी, पुलिस अधीक्षक राकेश कुमार सिंह, अपर कलेक्टर इला तिवारी तथा संबंधित अधिकारियों ने भाग लिया।

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