मोदी जी काश ! आप प्रधानमंत्री के साथ पटवारी भी होते
जमीनी स्तर की सभी योजनाएं बिना पटवारी को नमस्कार के आगे नहीं बढ़ सकती। सरकारी योजनाओं में या बिना सरकारी योजना के देश में रहने वाला हर वह नागरिक कभी न कभी पटवारी को नमस्कार करता ही है जिसके पास 1 इंच भी जमीन रहती है। और उस व्यक्ति की तो कमर झुक जाती है जिसके पास कुछ ज्यादा जमीन हो और वह भी अगर विवादित हो जाए तो खाज मे कोढ़ वाली बात हो जाती है।
कहीं मैंने सचित्र चुटकुला पढ़ा था कि एक पटवारी के पीछे एक गली का कुत्ता दौड़ पड़ता है और पटवारी दौड़ते दौड़ते बचने के लिए पास के पेड़ में चड़ जाता है ।पेड़ में चढ़ा हुआ पटवारी कुत्ते को देखकर कहता है कि बच्चू अगर तेरे पास 1 इंच भी जमीन होती तो तुझे पता चलता कि आज तूने किस से पंगा लिया था।
देश की लगभग सभी जमीन से जुड़ी सरकारी योजनाओं को धरातल में उतारने के लिए जहां पटवारी का सबसे महत्वपूर्ण किरदार है वहीं अगर पटवारी चाह ले तो आधे से ज्यादा विवाद या तो हों ही नहीं और अगर हों भी तो उनका तुरंत हल हो जाए ।
देश का राजस्व विभाग ऐसा विभाग है जहां सबसे ज्यादा भ्रष्टाचार है और सबसे ज्यादा जहां जनता प्रताड़ित भी होती है। जब भी कोई नेता किसी सरकारी अधिकारी को जनता के सामने डांटता है तो जनता बड़ी खुश होती है खुशी इस बात को दर्शाती है कि जनता सरकारी कर्मचारियों से काफी प्रताड़ित है उनको डांट पड़ने पर वह अपने दुख को कुछ हद तक भूल सी जाती है। यह स्थिति और सरकारी अधिकारियों के प्रति हमारा व्यवहार और अविश्वास एक नियति बन गया है ।यह भी सच है कि सरकारी व्यवस्था के बिना काम भी नहीं चलना है और यह भी सच है कि प्रताड़ना भी यहीं पर ज्यादा है और इस प्रताड़ना में भी पटवारी की प्रताड़ना ऐसी है कि जिंदगी भर भुलाए नहीं भूलती। सरकारी योजनाओं में प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों के लिए किसान सम्मान निधि योजना प्रारंभ की है जो किसान के लिए वरदान है और उसमें मदद के रूप में मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री ने अपने प्रदेश का भी सहयोग मिला दिया है इस तरीके से मध्य प्रदेश का पात्र किसान प्रति वर्ष ₹10000 पाने का अधिकारी हो गया है।यह एक सम्मानजनक मदद है एक किसान के लिए लेकिन इस योजना में पटवारी और उसका कंप्यूटर ऑपरेटर ऐसे राहु केतु हैं जो हमेशा ग्रहण लगाते हैं ।पटवारी उसके कंप्यूटर ऑपरेटर द्वारा पहले तो किसानों के नाम केंद्रीय पोर्टल मे भेजे ही नही जाते और अगर भेजे जाते हैं तो गलत। आज गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम मे रीवा मे प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी यह बात कही है। नाम चढ़ाने के लिए जबरन वसूली की जाती है अगर विभाग से कहीं बाहर या अन्य स्तर पर पंजीयन किया है तो यह तब तक सही नहीं होता है जब तक पटवारी द्वारा सत्यापित न हो जाए ।
पात्र किसान के आवेदन को भी तब तक सही नहीं किया जाता जब तक मनचाही राशि पटवारी द्वारा या उसके कंप्यूटर ऑपरेटर द्वारा प्राप्त नहीं कर ली जाती। प्रधानमंत्री मोदी जी बड़े अच्छे हैं उनकी अन्य योजनाओं की तरह यह योजना भी अच्छी है लेकिन पटवारी का क्या करें जो सारी योजनाओं में ग्रहण की तरह बैठ जाता है। इसलिए लगता है कि मोदी जी अगर प्रधानमंत्री के साथ पटवारी भी होते तो कितना अच्छा होता सारी योजनाएं सफल होती ।किसानों के लिए जो भी योजनाएं हैं वह सब धरातल पर उतरती और किसान को बिना रिश्वत के लाभ मिलता ।
अजय नारायण त्रिपाठी “ अलखू ”
26 जनवरी 2021
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