अमेरिका के हित में फैसला लेने के लिए ट्रंप स्वतंत्र हैं 

कानूनन अमेरिका के हित में फैसला लेने के लिए ट्रंप स्वतंत्र हैं

 भारत आज अपना 76 वां गणतंत्र दिवस मोदी सरकार में मना रहा है तो अमेरिका में मोदी के मित्र ट्रंप का शासन आ चुका है।
 ट्रंप ने अवैध प्रवासियों को अमेरिका से हटाने का काम प्रारंभ कर दिया है अब चाहे वह  मित्र देश का प्रवासी हो या दीगर। अब वैध, अवैध  देखा जाएगा।  इसके शिकार वह भारतीय भी होंगे जो अवैध प्रवासी के रूप में अमेरिका में रह रहे हैं । ट्रंप इस बार जब कड़ा निर्णय लेंगे तो स्वाभाविक तौर पर परेशान प्रवासियों की तस्वीर तथा समाचार मीडिया में आएंगे और इन परेशान अवैध प्रवासियों में भारतीय भी होंगे ऐसे में मोदी ट्रंप विरोधी कहेंगे कि ट्रंप तो मोदी के  मित्र हैं।
 अब मोदी अपने भारतीय नागरिकों को क्यों नहीं बचा पा रहे। अवैध प्रवासियों को देश के बाहर निकलना सभी देश का अधिकार है उसी अधिकार का प्रयोग अमेरिका भी कर रहा है ऐसे में जब हजारों की संख्या में अवैध प्रवासी भारतीयों को वहां से निकल जाएगा  तो हमें यह मानना पड़ेगा कि वह यह कार्य करने के लिए कानूनी स्वतंत्र हैं ।
अवैध प्रवासियों से किसी भी देश की व्यवस्था अव्यवस्था में बदल जाती है आर्थिक स्थिति चरमराने लगती है।
वर्तमान अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप यह भली-भांति जानते हैं। अमेरिका फर्स्ट में ट्रंप काबिल लोगों का अमेरिका में स्वागत करते हैं लेकिन वह प्रवासी जो देश की अर्थव्यवस्था में नुकसान की तरह है यह दीमक की तरह हैं उन्हें अब देश छोड़ना पड़ेगा क्योंकि अमेरिका को अमेरिका बनाए रखने के लिए जरूरी है। अमेरिका की पहचान उसकी समृद्धि से है और अगर भूखे नंगो की फौज उसके संसाधनों को हड़प करेंगे तो कितने दिनों तक अमेरिका की समृद्धि रहेगी। वैसे भी इस्लामी देशों की एक चाल पूरी दुनिया में अपनी जनसंख्या को बढ़ाकर शासन करने की है वह कई देशों से गृह युद्ध की आड़ में रिफ्यूजी बनकर कई यूरोपीय देश तथा अमेरिका में बसाना चाहते हैं। ऐसे में अमेरिका के लिए आवश्यक है कि वह अपने देश की रक्षा सुरक्षा करे । भारत को भी अपने देश की रक्षा सुरक्षा के लिए यह कार्य करना चाहिए । अवैध घुसपैठिए  रोहिंग्या, बांग्लादेशी और पाकिस्तानियों से मुक्ति का प्रयास करना चाहिए। कोई भी देश अपनी सुरक्षा के लिए स्वतंत्र है इस दिशा में अमेरिका के हित में ट्रंप अगर अवैध प्रवासियों को बाहर करने का फैसला लेते हैं तो मानवीय आधार पर कुछ मदद की बात की जा सकती है लेकिन देश की सुरक्षा व्यवस्था के लिए ऐसा करने के लिए ट्रंप शासन स्वतंत्र है।
अजय नारायण त्रिपाठी “ अलखू “
26 जनवरी 2025
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