कमिश्नर डॉ. भार्गव ने रामपुर बाघेलान के सहायक यंत्री एवं उप यंत्री को किया निलंबित
रीवा 02 मई 2020. रीवा एवं शहडोल संभाग के कमिश्नर डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने सतना जिले के जनपद पंचायत रामपुर बाघेलान के प्रभारी सहायक यंत्री रामावतार सिंह तथा उप यंत्री श्री एलपी शर्मा को पदीय दायित्वों के निर्वहन में बरती गई गंभीर लापरवाही एवं स्वेच्छाचारिता के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। कमिश्नर डॉ. भार्गव द्वारा यह कार्रवाई कलेक्टर सतना के प्रस्ताव पर मध्यप्रदेश सिविल सेवा (वर्गीकरण नियंत्रण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9 (क) के प्रावधानों के तहत की गई है। निलंबन अवधि में प्रभारी सहायक यंत्री तथा उप यंत्री का मुख्यालय कार्यपालन यंत्री ग्रामीण यांत्रिकी सेवा संभाग सतना नियत किया गया है। दोनों यंत्रियों को निलंबन अवधि में नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता की पात्रता होगी।
कमिश्नर डॉ. भार्गव द्वारा जारी निलंबन आदेश के अनुसार प्रभारी सहायक यंत्री तथा उप यंत्री कभी भी मुख्यालय में न रहकर रीवा में निवास करते हैं। इन दोनों यंत्रियों द्वारा क्षेत्र का भ्रमण नहीं करने के कारण जल संरक्षण एवं अन्य सामुदायिक कार्य अवरूद्ध हैं जिससे श्रमिकों का नियोजन न्यून है। दोनों यंत्रियों ने कोरोना महामारी जैसे महत्वपूर्ण कार्यों में कोई कार्य नहीं किया तथा 20 मार्च 2020 से 29 अप्रैल 2020 तक लगातार बिना किसी सूचना के अपने कार्य से अनुपस्थित रहे। जनपद की ग्राम पंचायतों में जल संरक्षण सहित अन्य कार्यों को सिक्योर सॉफ्टवेयर में कार्यों के प्राक्कलन तैयार नहीं कराए गए जिसे अपेक्षित लेबर नियोजन एवं कार्य अवरूद्ध हैं। मनरेगा के अतिरिक्त विभिन्न योजनाओं के तहत अपूर्ण अथवा लंबित कार्यों का समय-समय पर मूल्यांकन नहीं किया गया जिसके फलस्वरूप जो निर्माण कार्य पूर्ण हो चुके हैं वे मूल्यांकन के अभाव में पूर्णता के लिए लंबित हैं। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सतना द्वारा 29 अप्रैल को किए गए जनपद पंचायत के भ्रमण की जानकारी होने के बावजूद भी दोनों यंत्री कार्य पर उपस्थित नहीं हुए जिससे क्षेत्र के निर्माण कार्यों की न तो समीक्षा की जा सकी और न ही श्रमिकों को रोजगार के अवसर प्रदान करने के लिए योजना तैयार की जा सकी। अत: कमिश्नर डॉ. भार्गव ने प्रभारी सहायक यंत्री तथा उप यंत्री को सौंपे गये कार्य की अनदेखी करने, बिना अनुमति मुख्यालय से अनुपस्थित रहने तथा वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों तथा निर्देशों का पालन नहीं करने के कारण दोनों यंत्रियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है।