उद्यानिकी विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला एवं कृषक मेले का शुभारंभ

उद्यानिकी फसलों के अधिकाधिक उत्पादन पर ध्यान दें किसान – कमिश्नर डॉ. भार्गव

रीवा 14 मार्च 2019. कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. अशोक कुमार भार्गव के मुख्य आतिथ्य में आज उद्यानिकी विभाग द्वारा कृषि विज्ञान केन्द्र रीवा में आयोजित दो दिवसीय कार्यशाला एवं कृषक मेले का शुभारंभ हुआ। कमिश्नर डॉ. भार्गव ने उद्यानिकी फसलों, फल, फूल एवं सब्जियों की प्रदर्शनी का शुभारंभ किया। उन्होंने प्रदर्शनी में रखे गये किसानों के विभिन्न उत्पादों की सराहना की। उन्होंने यहां कृषि विज्ञान केन्द्र के वैज्ञानिकों द्वारा बनाये गये पॉली हाउस में हो रहे टमाटर के उत्पादन की सराहना की। इस अवसर पर विशिष्ट अतिथि के रूप में कलेक्टर बसंत कुर्रे एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अर्पित वर्मा मौजूद थे।
उक्त अवसर पर कमिश्नर डॉ. भार्गव ने किसानों को उद्यानिकी फसलों के अधिकाधिक उत्पादन के लिए प्रेरित करते हुए कहा कि रीवा जिले के किसान अन्य जिलों के किसानों से कम नहीं हैं। हमारे किसान ब्रम्हा, विष्णु एवं महेश की समन्वित भूमिका का निर्वहन करते हैं। किसान त्याग, परिश्रम एवं विपरीत परिस्थितियों में भी कार्य करते हैं। वे निष्काम कर्मयोगी की तरह हमेशा अपने खेतों में लगे रहते हैं। जब सारा संसार रात्रि में सोता है तब किसान जागते रहते हैं। उन्होंने कहा कि किसानों की समृद्धि एवं खुशहाली के लिए खेती को लाभ का धंधा बनाने की जरूरत है। इसके लिए हमें खेती के तौर तरीकों में बदलाव करने की जरूरत है। आज हमारी आबादी लगातार बढ़ रही है लेकिन जमीन उतनी ही है। ऐसे में खेती की उर्वरा शक्ति बढ़ायी जाना जरूरी है। विभिन्न नई तकनीकों से खेती करने से किसानों की आय तो बढ़ रही है लेकिन हमें खेती के प्रति अपनी मानसिकता बदलने की जरूरत है।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि उद्यानिकी फसलें हमारी पोषण क्षमता को बढ़ाती हैं। हमारे भोजन में इन्द्रधनुष की तरह सात रंगों का समावेश होगा तो हम स्वस्थ रह सकेंगे। उद्यानिकी फसलें पर्यावरण को संरक्षित करती हैं। उद्यानिकी फसलों से रोजगार की संभावनाएं अधिक हैं। उन्होंने कहा कि गर्भवती महिलाओं को फल-सब्जियां खिलाकर उनमें खून की कमी दूर की जा सकती है। विभिन्न प्रकार के विटामिन, मिनरल, प्रोटीन जैसे पोषक तत्व फल और सब्जियों से ही प्राप्त होते हैं। शरीर और बुद्धि का विकास करने के लिए संतुलित आहार लेना जरूरी है। उद्यानिकी फसलें सिर्फ किसानों की आय बढ़ाने का साधन मात्र नहीं हैं बल्कि यह हमें पोषक तत्व भी प्रदान करती हैं। उन्होंने किसानों से खेती के नए तौर तरीकों को अपनाकर उद्यानिकी फसलों के उत्पादन को बढ़ाकर मानवता की सेवा करने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि खेती को पूजा मानकर अपना कार्य करें। उन्होंने किसानों को मिट्टी परीक्षण कराने एवं शासन द्वारा चलायी जा रही योजनाओं का लाभ उठाने की समझाइश दी। उन्होंने कहा कि हमारी अर्थव्यवस्था की जड़ें खेती पर ही निर्भर हैं। उन्होंने पशुपालन को बढ़ावा देने और ऐरा प्रथा के खिलाफ जागृति लाने की भी समझाइश दी।
कलेक्टर बंसत कुर्रे ने कहा कि फसलों के उत्पादन में मौसम की बहुत बड़ी भूमिका होती है। किसान फसलों के नुकसान से बचने के लिए उद्यानिकी, मत्स्य पालन, पशुपालन, कुक्कुट पालन आदि पर ध्यान देकर अपनी आय का अतिरिक्त साधन पैदा कर सकते हैं। मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अर्पित वर्मा ने कहा कि उद्यानिकी एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें कम जमीन एवं कम लागत में ज्यादा उत्पादन कर सकते हैं। उन्होंने नई तकनीकों को अपनाकर किसानों को उद्यानिकी फसलों के उत्पादन के लिए प्रेरित किया। संयुक्त संचालक उद्यानिकी जे. पी. कोल्हेकर ने कहा कि उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के लिए शासन द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाएं चलाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि उद्यानिकी फसलों से किसानों की आय बढ़ायी जा सकती है। किसानों को अपनी आय बढ़ाने के लिए उद्यानिकी फसलों के उत्पादन पर ध्यान देना चाहिए।
कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्र रीवा के वैज्ञानिक डॉ. एके पाण्डेय, मृदा विज्ञान के वैज्ञानिक डॉ. एके पटेल एवं डॉ. राजेश सिंह, वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. आरपी जोशी सहित उद्यानिकी विभाग के अधिकारी-कर्मचारी एवं बड़ी संख्या में किसान उपस्थित रहे।

Facebook Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *