ध्यान और योग से जीवन को नई दिशा दी जा सकती है – डॉ. भार्गव
ध्यान व्यष्टि से समष्टि को मिलाने की चेष्टा है – कमिश्नर डॉ. भार्गव
रीवा 15 दिसम्बर 2019. कृष्णा राजकपूर आडिटोरियम में हार्टफुलनेस संस्थान द्वारा तीन दिवसीय ध्यानोत्सव का आयोजन किया गया। इसके समापन समारोह के मुख्य अतिथि रीवा संभाग के कमिश्नर डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने कहा कि ध्यान और योग जीवन को नई दिशा दे सकते हैं। हमारी भौतिक सुविधाएं जैसे-जैसे बढ़ती हैं वैसे-वैसे नैतिक मूल्यों का पतन हो रहा है। नैतिक मूल्यों के संक्रमण के कारण व्यक्ति आत्म केन्द्रित और स्वार्थी होते जा रहे हैं। जिसके कारण जीवन में सुविधाएं बढ़ने के बावजूद मानसिक तनाव और परेशानियां रहती हैं। इन्हें हल करने का सबसे कारगर साधन हृदयानुभुति ध्यान है। यह ध्यान हमें स्वयं से अपना परिचय कराता है। हम स्वार्थ को त्यागकर परमार्थ पर ध्यान देते हैं। जब पूरे समाज और विश्व का कल्याण होगा तो हमारा कल्याण अपने आप हो जायेगा।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि हृदयानुभुति ध्यान व्यष्टि से समष्टि को मिलाने की चेष्टा है। यह हमें ईश्वर से जुड़ने के मार्ग पर आगे बढ़ाता है। हार्टफुलनेस संस्थान द्वारा बताये गये ध्यान, मन की सफाई और प्रार्थना के मार्ग से हम आम जीवन कठिनाईयों, तनावों से मुक्ति पाकर मन की शांति प्राप्त कर सकते हैं। इसके लिये ध्यान का नियमित अभ्यास करना आवश्यक होगा। ध्यान को अपनी आदत बनायें। जब हम चित्र लगाकर ध्यान करेंगे तो हमारे हृदय में बदलाव आयेगा। हर व्यक्ति में अच्छाई होती है। मनोविकारों को छोड़कर तथा अपनी अंतरआत्मा की आवाज सुनकर हम सही मार्ग पर चलें। ध्यान हमें मन में नियंत्रण का उपाय बताता है। जब हम सही निर्णय लेंगे तथा अंतरात्मा से जुड़ेंगे तो हम धीरे-धीरे सन्मार्ग पर बढ़ते हुए ईश्वर के करीब पहुंच जायेंगे। ध्यान मानवीय उत्कर्ष का सोपान है।
समारोह में मेजर आनंद नारायण, उमाशंकर वाजपेयी तथा डॉ. हरिकृष्णन ने हृदयानुभूति ध्यान का अभ्यास कराया। समारोह में विधायक रीवा श्री राजेन्द्र शुक्ला, संयुक्त आयुक्त पीसी शर्मा तथा बड़ी संख्या में योग अभ्यास करने वाले शामिल रहे।