बिना किसी भेदभाव के समतामूलक समाज की परिकल्पना को साकार करें – कमिश्नर डॉ. भार्गव
ग्राम जोड़ौरी में अस्पृश्यता निवारण हेतु आयोजित हुआ सद्भावना शिविर
रीवा 02 अक्टूबर 2019. राष्ट्रपिता महात्मा गांधीजी के 150 वें जन्मदिवस के उपलक्ष्य में गंगेव विकासखंड के ग्राम जोड़ौरी में अस्पृश्यता निवारण के उद्देश्य से सद्भावना शिविर का आयोजन किया गया। शिविर में मुख्य अतिथि के रूप में राज्यसभा सांसद राजमणि पटेल शामिल हुए जबकि अध्यक्षता कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने की। कार्यक्रम में कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव विशिष्ट अतिथि के रूप में मौजूद थे।
इस अवसर पर राज्यसभा सांसद श्री पटेल ने कहा कि प्राचीन समय में काम का बंटवारा करने के लिए समाज में व्यवस्था बनाई गई थी लेकिन वर्तमान समय में जाति व्यवस्था के कारण व्यक्ति को व्यक्ति से बांटने का काम किया है जो हमारे समाज के लिए सही नहीं है। उन्होंने कहा कि गांधीजी ने हमेशा सभी को समानता की दृष्टि से देखने का कार्य किया तथा समाज में फैली कुरीतियों एवं अस्पृश्यता की बुराई को दूर करने के लिए हमेशा कार्य किया। उनके बताए मार्ग पर चलकर ही हम अपने समाज का उद्धार कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि बाबा साहब भीमराव अम्बेडकर भी सामाजिक न्याय के मसीहा थे जिन्होंने अपना जीवन दलितों के उद्धार के लिए समर्पित कर दिया। गांधीजी ने सादा जीवन-उच्च विचार रखकर आजादी की लड़ाई लड़ी। उन्होंने कमजोर वर्गों में स्वाभिमान और सम्मान का भाव जगा कर देश को आजाद कराने में सफलता प्राप्त की। उन्होंने कहा कि कमजोर वर्गों के लिए शासन की बनाई गई योजनाओं का लाभ दिलाने के लिए हर अधिकारी अपने दायित्व का निर्वहन ईमानदारी से करें तो गांधीजी की विचारधारा सार्थक होगी।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने कहा कि भारतीय संविधान में सभी को समान अवसर देने की बात कही गई है। गांधीजी ने मानवीय गरिमा को सम्मान देते हुए छुआछूत और अस्पृश्यता को मिटाकर समाज में समानता लाने के लिए अनेक प्रयास किये। उन्होंने हमेशा स्त्री और पुरूष की समानता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि छुआछूत और अस्पृश्यता हमारे समाज के लिए कलंक है। एक ओर हम पेड़-पौधों की पूजा करते हैं वहीं दूसरी ओर किसी दलित के स्पर्श हो जाने से गंगाजल से अपने आप को पवित्र करते हैं, यह हमारे समाज की विडंबना है। उन्होंने कहा कि बिना किसी भेदभाव के समतामूलक समाज की परिकल्पना को साकार करने के लिए हम सभी को मिलकर प्रयास करना होगा। उन्होंने कहा कि बिना किसी भेदभाव के सद्भाव का निर्माण करें और समानता तथा संप्रभुता स्थापित करने की कोशिश करें।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि हम सब एक ही विधाता की संतान हैं और आपस में भेदभाव करना परमपिता परमेश्वर का अपमान है। गांधीजी ने सत्य और अहिंसा के बल पर देश को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। अहिंसा वीरों का आभूषण है। हिंसा के माध्यम से हम राजाओं के किलों को जीत सकते हैं लेकिन दिल नहीं जीत सकते। उन्होंने कहा कि हिंसा के तीन रूप हैं। आर्थिक, राजनीतिक तथा धार्मिक। यदि हम निर्धन और कमजोर व्यक्तियों के प्रति अनाचार और अत्याचार करते हैं तो यह आर्थिक हिंसा मानी जायेगी। इसी तरह यदि कोई नेता कमजोर लोगों की सहायता नहीं करता तो वह राजनीतिक हिंसा मानी जायेगी तथा यदि कोई व्यक्ति अपने धर्म को अच्छा और दूसरों के धर्म को कमजोर बताता है तो वह धार्मिक हिंसा कहलाती है।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने इस अवसर पर भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री को भी याद किया। उन्होंने कहा कि आज के दिन लाल बहादुर शास्त्री का भी जन्म हुआ था। शास्त्री जी काफी सरल, सहज और सादगी के प्रतीक थे। उन्होंने शास्त्री जी की सरलता और सहजता पर आधारित रोचक प्रसंग भी सुनाए। उन्होंने कहा कि आदमी की पहचान छोटे या बड़े होने से नहीं बल्कि उसके मन से होती है। आज दुनिया में काफी विकास हो चुका है फिर भी हमारे समाज की स्थिति दयनीय है। हमें अस्पृश्यता निवारण के लिए सद्भावना शिविरों के आयोजन की आवश्यकता हो रही है जो हमारे समाज की दयनीय स्थिति को दर्शाता है। हमारी सांस्कृतिक चेतना में सबके कल्याण, सुखी और निरोगी होने की कामना की गई है। इसलिए हमारा दायित्व है कि हम अनुसूचित जाति और जनजातियों के प्रति भेदभाव नहीं करें। हम सब समाज में आपसी सद्भाव और मैत्रीपूर्ण वातावरण बनाने का प्रयास करें। बेटा और बेटियों में भेदभाव नहीं करें। बेटियों को नकारात्मक भाव से नहीं देखें। बेटियां घर की रौनक होती हैं। बेटियों के प्रति हम सम्मान का भाव रखकर उन्हें आजादी से कार्य करने का अवसर दें।
कार्यक्रम में कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने हमें स्वतंत्रता ही नहीं दिलाई बल्कि पूरे देश को एकजुट करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी है। पांच हजार साल पहले हमारे समाज में जातियां नहीं थीं। हमारा समाज कर्म पर आधारित था लेकिन धीरे-धीरे हमारे समाज में जातिवाद का उदय हुआ। जातिवाद हमारे समाज की कुरीति है। इसे मिटाने के लिए हम सभी को आगे आना होगा। उन्होंने कहा कि मानव समाज की गरिमा की स्थापना करने के लिए छुआछूत को मिटाना होगा। हमें संपूर्ण समाज के निर्माण की ओर अग्रसर होना चाहिए। उन्होंने कहा कि गांधीजी का दर्शन संपूर्ण समाज की स्थापना करने पर आधारित था। इसके लिए हमें उनके दर्शन का अनुसरण करते हुए अच्छा नागरिक बनने की कोशिश करना चाहिए। उन्होंने कहा कि नए समाज के निर्माण में हम सबको अपनी भागीदारी निभानी चाहिए।
कार्यक्रम में त्रियुगीनारायण शुक्ला, बबीता साकेत, अखिलेश पाण्डेय एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत अर्पित वर्मा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। इसके पश्चात सभी अतिथियों ने कार्यक्रम स्थल शासकीय पूर्व माध्यमिक विद्यालय जोड़ौरी के परिसर में पौधारोपण भी किया। कार्यक्रम का संचालन सहायक संचालक पिछड़ावर्ग एवं अल्पसंख्यक कल्याण सीएल सोनी ने किया। कार्यक्रम के पश्चात सभी अतिथियों ने विद्यालय में समरसता भोज में हिस्सा लिया। कार्यक्रम में संयुक्त आयुक्त पीसी शर्मा, उप संचालक कमिश्नर कार्यालय सतीश निगम, प्रभारी जिला संयोजक आदिम जाति कल्याण विभाग माला त्रिपाठी सहित अन्य अधिकारी, जनप्रतिनिधिगण एवं बड़ी संख्या में ग्रामीण जन उपस्थित थे।