बाणसागर की नहरें बनीं वरदान, हुआ पेयजल समस्या का निदान
रीवा जिले में गत दो वर्षों से औसत से कम वर्षा हो रही है जिसके कारण तालाब, कुआं, बावड़ी तथा अन्य पेयजल स्त्रोतों में पर्याप्त पानी संचित नहीं हो पा रहा है। इस वर्ष मई तथा जून माह में जिले में लगातार 40 दिनों तक भीषण गर्मी का प्रकोप रहा। अधिकतम तापमान 42 से 47 डिग्री सेल्सियस के बीच बना रहा। ऐसी गर्मी में पेयजल स्त्रोत सूखने लगे। मार्च माह आते-आते जिले के अधिकांश तालाबों में पानी सूख गया। इससे आम आदमी को पेयजल तथा निस्तार के लिए पानी का संकट उत्पन्न हो गया। पालतू पशुओं तथा जंगली जानवरों को भी पानी के लिए मोहताज होना पड़ा।
ऐसी स्थिति में रीवा जिले के लिए बाणसागर बांध की नहरें वरदान साबित हुईं। कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव की विशेष पहल पर जल संसाधन विभाग ने रीवा विकासखण्ड की 19 पंचायतों के 21 तालाबों में जल भराव किया। इनमें हर सप्ताह नहरों से पानी भरा जाता है। तालाबों में बाणसागर बांध का स्वच्छ पानी भरा हुआ है। इस पानी से आम जनता अपनी प्यास बुझा रही है। आम जनता के निस्तार तथा पशुओं के लिए भी पर्याप्त पानी उपलब्ध हो गया है। तालाबों में पानी भर जाने से आसपास के क्षेत्रों की हरियाली लौट आयी है। गावं के कुओं में भी पानी निकलने लगा है। बाणसागर की सिंचाई नहरें रीवा जिले की 19 ग्राम पंचायतों के लिए वरदान बन गई हैं। रीवा विकासखण्ड के ग्रामों लक्ष्मणपुर, खौर, कोठी, शिवपुरवा, भटलो, दूबी, मैदानी, लोही, जोरी भानपुर, गड़रिया, चुआं, सुपिया, भिटवा, बिड़वा, हर्दीशंकर, रूपौली, अमवा तथा बनकुइयां के तालाबों को बाणसागर की नहरों से भरकर पेयजल की आपूर्ति की जा रही है।