चुनाव लोकतंत्र की आत्मा है इसका केन्द्रीय कारक मतदाता है – कमिश्नर डॉ. भार्गव

वोट हमारी ताकत, हक और जिम्मेदारी है – कमिश्नर डॉ. भार्गव

लोकसभा निर्वाचन में हर मतदाता की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए रीवा संभाग के कमिश्नर एवं एक्सेसिबिलिटी ऑब्जर्वर डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने मतदाता जागरूकता की अलख जगाई। उन्होनें सिंगरौली जिले में एनसीएल की अमलोरी तथा निगाही परियोजनाओं में आयोजित कार्यक्रमों में मतदाता जागरूकता का संदेश दिया। प्रत्येक मतदाता से मताधिकार की अपील करते हुये कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि चुनाव लोकतंत्र की आत्मा है। इसका केन्द्रीय कारक मतदाता है। चुनाव लोकतंत्र की आराधना तथा उपासना का उत्सव है। दिव्यांग मतदाताओं सहित हर मतदाता की सक्रिय भागीदारी से ही निर्वाचन के उद्देश्य सफल होंगे। कमिश्नर ने दोनों परियोजनाओं में आयोजित कार्यक्रमों में मतदाता जागरूकता की शपथ दिलाई।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने एनसीएल परियोजनाओं तथा सिंगरौली जिले में चलाये जा रहे मतदाता जागरूकता अभियान की सराहना की। उन्होंने ने कहा कि स्वस्थ लोकतंत्र के लिए आयोजित हो रहे चुनाव में मतदाताओं के भाग लेने तथा उनमें मतदान की चेतना जागृत करने के लिए सराहनीय प्रयास किये गये है। लोकतंत्र जीवन जीने की शैली है। लोकतंत्र में जनता के द्वारा जनता के लिए सरकार चुनी जाती है।भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। जाति, धर्म, भाषा तथा वेषभूषा की तमाम विभिन्नताओं के बावजूद भारत निष्पक्ष और सफल लोकतंत्र के लिए जाना जाता है। पूरी दुनिया यहां की लोकतंत्रिक व्यवस्था और चुनाव कराने की व्यवस्था का लोहा मानती है।
डॉ. भार्गव ने कहा कि दुनिया के कई देशों में आम जनता को लंबे संघर्ष के बाद मत देने का अधिकार मिला लेकिन भारत के लोगों को स्वतंत्रता के साथ ही वयस्क मताधिकार प्राप्त हो गया। अमेरिका में महिलाओं को 144 वर्ष के बाद मताधिकार मिला। स्विटजरलैण्ड में 1974 में महिलाओं को मताधिकार मिला। लेकिन भारत के प्रत्येक 18 वर्ष से अधिक आयु के व्यक्ति को सहज ही मताधिकार प्राप्त हो गया है। जनता लोकतंत्र की भाग्य विधाता है। इसे जागरूक करने के लिए निर्वाचन आयोग द्वारा मतदाता जागरूकता अभियान आरंभ किया गया है। जिसके फलस्वरूप मतदान के प्रतिशत में वृद्धि हो रही है।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि वोट हमारी ताकत, हक और जिम्मेदारी है। लोकतांत्रिक व्यवस्था में अमीर हो या गरीब सबके मत का मूल्य समान होता है। कई बार चुनाव का फैसला केवल एक या दो चार मतों के अंतर से हुआ है। तब हमें एक मत का महत्व समझ में आता है। जिस तरह बेटी की शादी के लिए हम अच्छा वर और परिवार का चयन करते हैं उसी तरह निष्पक्ष होकर समझदारी से अपने प्रतिनिधि का चयन करें। मत देते समय जाति और धर्म से परे हटकर बिना किसी भय और बिना लालच के मतदान करंे। हर मतदाता मतदान की जिम्मेदारी निभाये। उन्होंने ने कहा कि जम्हूरियत वह तर्जे हुकुमत है कि जिसमे बंदों को तौला नही गिना जाता है।
मतदान पर्ची के साथ मतदाता की पहचान के लिए 12 दस्तावेज मान्य किये गये हैं। दिव्यांग मतदाताओं को मतदान कराने के लिए हर मतदान केन्द्र में विशेष प्रबंध किये गये हैं। कार्यक्रम में कमिश्नर डॉ. भार्गव ने दिव्यांग मतदाताओं तथा वृद्ध मतदाताओं को मतदाता पहचान पत्र वितरित किये। उन्होनें ने 116 वर्ष की मतदाता नवाली देवी को इपिक कार्ड प्रदान किया।

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