युवा सामाजिक सरोकारों के प्रति दायित्वों का निर्वाह करें : श्रीमती आनन्दी बेन पटेल
गुरूवार, मार्च 14, 2019
राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल ने छात्र-छात्राओं से सामाजिक सरोकारों के प्रति अपने दायित्वों के निर्वहन का आव्हान करते हुए ऐसे अध्ययन एवं अनुसंधानों पर बल दिया है, जो देश और समाज के लिए उपयोगी हों। उन्होंने कहा कि पर्यावरण-संरक्षण, महिला सशक्तिकरण, दलितोत्थान जैसे सम-सामयिक विषयों एवं समस्याओं को अध्ययन एवं अनुसंधान में शामिल करने से निश्चित रूप से समाज को लाभ पहुँचेगा। राज्यपाल आज जबलपुर में रानी दुर्गावती विश्वविद्यालय के 31वें दीक्षांत समारोह को संबोधित कर रही थी। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय की स्मारिका, की शोध पत्रिका ‘विश्लेषण’ एवं प्रो. सी.एस.एस. ठाकुर की पुस्तक का विमोचन भी किया।
राज्यपाल ने पदक एवं उपाधि प्राप्त करने वाले छात्र-छात्राओं को बधाई दी। श्रीमती पटेल ने कहा कि वे दीक्षांत को शिक्षा का अंत नहीं समझें। उन्हें अपने अंदर की ज्ञान अर्जन की अभिलाषा को सदैव जीवन्त बनाये रखते हुए समाज को अशिक्षा, अंध-विश्वास, गरीबी, हिंसा, भेदभाव से मुक्ति दिलाने का प्रयास करते रहना होगा। राज्यपाल ने विश्वविद्यालय द्वारा क्षय रोग से पीड़ित बच्चों को गोद लेने तथा स्वस्थ होने तक उनके पोषण एवं देख-रेख की जिम्मेदारी संभालने के प्रयासों की सराहना भी की।
श्रीमती पटेल ने विश्वविद्यालय परिसर में व्यापक वृक्षारोपण की अपील की। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय में प्रवेश लेते समय ही यदि प्रत्येक विद्यार्थी एक पौधा रोपने और अध्ययन काल के दौरान उसकी देख-रेख की जिम्मेदारी संभालने का संकल्प लें, तो परिसर को हरा-भरा बनाया जा सकता है।
राज्यपाल ने उपाधि प्राप्त करने वाले विद्यार्थियों को गुरू-दक्षिणा के रूप में संकल्प दिलाये। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों को समाज में व्याप्त बुराइयों को दूर करने, शादी-विवाह में किसी तरह की मांग न करने, पानी को व्यर्थ न बहाने, बाल विवाह में किसी भी तरह से भागीदार न बनने तथा भोजन की बर्बादी रोकने का सकंल्प लेना होगा। राज्यपाल ने छात्र-छात्राओं एवं नागरिकों से मताधिकार का अनिवार्य रूप से इस्तेमाल करने का आग्रह भी किया।
स्वागत भाषण कुलपति प्रो. कपिल देव मिश्र ने दिया। कुलसचिव प्रो. कमलेश मिश्रा ने कार्यक्रम का संचालन किया।
दीक्षांत समारोह में डी. लिट की 1, कला संकाय की 24, विज्ञान की 07, जीव विज्ञान की 14, विधि की 08, वाणिज्य की 14, शिक्षा की 17, प्रबंधन की 03 एवं गणितीय विज्ञान संकाय की 05 पीएच.डी उपाधियों का वितरण किया गया।