रेरा अध्यक्ष ॲन्टोनी डिसा कुशल प्रशासक सम्मान से सम्मानित
भोपाल गुरूवार, 14 फरवरी 2018
विधानसभाध्यक्ष श्री एन.पी. प्रजापति द्वारा मुख्य अतिथि के रूप में विचित्र कुमार सिन्हा स्मृति सम्मान समारोह-2019 के लिए भोपाल में आज आयोजित भव्य समारोह में कुशल प्रशासक सम्मान से रेरा अध्यक्ष श्री ॲन्टोनी डिसा को सम्मानित किया गया। सम्मान समारोह की अध्यक्षता पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर ने की। इस मौके पर विशिष्ट अतिथि के रूप में जनसम्पर्क मंत्री श्री पी.सी. शर्मा भी मौजूद थे।
समारोह में स्वतंत्रता संग्राम सेनानी सम्मान से श्री हबीब नज़र, कर्मठ राजनीतिज्ञ श्री चन्द्र प्रभाष शेखर, पत्रकारिता इलेक्ट्रानिक श्री राजेश बादल, पत्रकारिता प्रिंट श्री सोमदत्त शास्त्री, साहित्य सेवी श्री दिनेश प्रभात, समाज सेवी श्री पाण्डूरंग नामदेवराव केवाले, पत्र छायाकार श्री प्रवीण वाजेपयी, विधि सेवी सम्मान से श्री राजीव सक्सेना को सम्मानित किया जाना शामिल है।
जीवन परिचय-
श्री अन्टोनी डिसा वर्तमान में मध्यप्रदेश भू-संपदा विनिमयामक प्राधिकरण में अध्यक्ष के पद पर पदस्थ है। इसके पूर्व वे तीन वर्ष से अधिक अवधि तक मध्यप्रदेश शासन में मुख्य सचिव के पद पर पदस्थ रहे है। श्री डिसा 1980 बेच के आई.ए.एस.अधिकारी है।
इन्होंने मुम्बई विश्वविद्यालय में इतिहास और राजनीति विज्ञान में एम.ए. किया जिसमें इनकों स्वर्ण पदक से नवाजा गया। हावर्ड विश्वविद्यालय अमेरिका से अर्थशास्त्र और पर्यावरण विज्ञान में मास्टर डिग्री प्राप्त की।
श्री डिसा बुरहानपुर, तामिया, बिलासपुर, जबलपुर में विभिन्न पदों पर कार्यरत् रहे तथा छिंदवाडा में कलेक्टर के पद पर पदस्थ रहे। वे आयुक्त मध्यप्रदेश गृह निर्माण के पद पर करीब चार वर्ष हेतु पदस्थ रह चुके है। इस अवधि में उन्होनें हाउसिंग सेक्टर में अनेक नवाचार और सुधार किये। भारत सरकार में संचालक पर्यावरण एवं वन मंत्रालय भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर। मुम्बई में कंट्रोलर एवं वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय में संयुक्त सचिव के दायित्व का निर्वहन किया है। जिसके दौरान उन्होंने वल्र्ड ट्रेड ऑर्गनाइजेशन में भारत का प्रतिनिधित्व किया। राज्य सरकार में अपर मुख्य सचिव खाद्य विभाग के पद पर रहते हुए ”ई- उपार्जन” पद्धति को प्रारंभ कराया एवं प्रदेश में खाद्यान्न उपार्जन का राष्ट्रीय स्तर पर कीर्तिमान रचा।
वे संयुक्त राष्ट्र संघ के यूनाईटेड डेवलपमेंट आर्गेनाईजेशन में संचालक के पद पर 5 वर्ष तक पदस्थ रहे।
उनकी नगरीय प्रबंधन वास्तुशास्त्र तथा विरासत संरक्षण में गहन रूचि और विशेषज्ञता है। शौर्य-स्मारक सदर मंजिल और मिंटो-हाल का जीर्णोधार मात्र चुनिंदा उदाहरण है जिनमें उनकी महती भूमिका रही है।
वह एक कवि और लेखक भी है तथा हाल ही में उन्हें टाईम्स ऑफ इंडिया द्वारा लघु कहानी प्रतियोगिता का राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया गया है।