कमिश्नर डॉ. भार्गव को मिला बेटी बचाओ अभियान का राष्ट्रीय पुरस्कार
बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना में मध्यप्रदेश पहले स्थान पर
रीवा 24 जनवरी 2019. केन्द्र सरकार द्वारा संचालित बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना के बेहतर क्रियान्वयन के लिये भारत सरकार द्वारा मध्यप्रदेश को सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले पहले राज्य के रूप में चयनित किया गया है। प्रथम स्थान प्राप्त करने पर उत्कृष्ट कार्य के लिए महिला एवं बाल विकास संचालनालय के तत्कालीन आयुक्त और रीवा संभाग के वर्तमान कमिश्नर डॉ. अशोक कुमार भार्गव को राष्ट्रीय बालिका दिवस पर 24 जनवरी को नई दिल्ली में पुरस्कार प्रदान किया गया। केन्द्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री श्रीमती मेनका गांधी तथा राज्य मंत्री डॉ. वीरेन्द्र कुमार ने कमिश्नर डॉ. भार्गव को पुरस्कार प्रदान किया। इस अवसर पर हरियाणा राज्य की महिला एवं बाल विकास मंत्री कविता जैन, राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा, सचिव श्री राकेश श्रीवास्तव तथा बेटी बचाओ अभियान के डायरेक्टर श्री अशोक कुमार यादव उपस्थित रहे। डॉ. भार्गव को आयुक्त महिला एवं बाल विकास के रूप में उत्कृष्ट कार्य करने पर पुरस्कृत किया गया है। उल्लेखनीय है कि यह पुरस्कार देश भर के पांच राज्यों को ही दिया जा रहा है, जिसमें मध्यप्रदेश पहले स्थान पर है। इस उपलब्धि पर प्रमुख सचिव महिला एवं बाल विकास श्री जे.एन. कंसोटिया ने कमिश्नर डॉ. भार्गव को बधाइयां एवं शुभकामनाएँ दी हैं।
उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश के सभी जिलों में बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ अभियान लागू किया गया। इस अभियान ने महिला सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभायी। इसके फलस्वरूप गर्भवती महिलाओं का प्रथम त्रैमास में पंजीयन 53 से बढ़कर 62 प्रतिशत हो गया है जबकि संस्थागत प्रसव 80 से बढ़कर 92 हो गया है। केवल चार वर्षों के सफल प्रयासों ने संस्थागत प्रसव में 12 प्रतिशत वृद्धि की है। आंगनवाड़ियों में कन्या शिशु का पंजीयन एवं उपस्थिति लगातार बढ़ रही है। अभियान के कारण समाज में बेटियों के प्रति सकारात्मक वातावरण का निर्माण हुआ है। बेटियों की शिक्षा पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। वर्ष 2016-17 में प्राथमिक शिक्षा से शाला त्यागी बालिकाओं का प्रतिशत 4.71 तथा माध्यमिक शाला में 11 प्रतिशत था। 2017-18 में इन दोनों में गिरावट आयी। इनका प्रतिशत प्राथमिक शाला में घटकर 3.63 तथा माध्यमिक शाला में 4.63 रह गया। इसी तरह हाई स्कूल में वर्ष 2016-17 में शाला त्यागी बेटियों का प्रतिशत 27.7 था। यह वर्ष 2017-18 में घटकर 15.4 रह गया है। बेटी बचाओ अभियान की यह बड़ी सफलता है। इसी तरह प्रदेश भर में लाडली लक्ष्मी योजना से 31 लाख से अधिक बालिकाएं लाभान्वित हुई हैं। बाल विवाह को रोकने के लिए चलाये जा रहे लाडो अभियान, पिंक ड्राइविंग लायसेंस, महिला सुरक्षा संवाद, शौर्या दल जैसे प्रयासों ने बेटी बचाओ अभियान को नया आयाम दिया है। अभियान के तहत किशोरियों को स्वास्थ्य एवं आत्म रक्षा का प्रशिक्षण भी दिया गया है। मध्यप्रदेश को इन्हीं श्रेष्ठतम उपलब्धियों के मूल्यांकन को राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता देते हुए प्रथम स्थान प्रदान किया गया है।