योगी मोदी के प्रयागराज का पहला अर्ध कुंभ
प्रयागराज में 15 जनवरी से अर्ध कुम्भ आरंभ हो रहा है। जिसके प्रचार के लिए नारा दिया गया है “दिव्य कुम्भ भव्य कुम्भ”।वैसे यह कुम्भ 14 जनवरी से ही प्रारंभ हो जाएगा लेकिन सरकारी कैलेंडर के अनुसार यह 15 जनवरी से 4 मार्च तक चलेगा।
16 दिसंबर को प्रधानमंत्री मोदी ने लगभग तेतालिस सौ करोड़ रुपये लागत वाले निर्माण कार्यों का लोकार्पण तथा शिलान्यास किया ।जबकि प्रयागराज को दुल्हन की तरह सजाने के कार्य पहले से ही चल रहे हैं।
16 दिसंबर को मैं भी प्रयागराज में था जिस तरह से पूरे प्रयागराज का कायाकल्प किया जा रहा है वह अद्भुत है।गंदा मैला कुचैला सा रहने वाला इलाहाबाद, प्रयागराज अपना पुराना नाम पाते ही नए कलेवर में आ गया है। मोदी योगी की सरकार यह दिखाने में सफल है कि हमारे कार्यकाल का कुंभ अद्भुत अद्वितीय अकल्पनीय रहेगा ।
पूरा प्रयागराज अतिक्रमण मुक्त हुआ है जहां जरूरत हुई है वहां अतिक्रमण के अलावा भी जमीन निर्माण कार्य तथा सड़कों के चौड़ीकरण के लिए ली गई है।
रीवा से चलकर प्रयागराज पहुंचने वाले मार्ग से प्रारंभ करें तो चाहे लालगांव की तरफ से हो चाहे मनगवां की तरफ से हो श्रद्धालुओं को बेहतरीन सड़क आवागमन के लिए मिलेगी ।पूरे प्रयागराज तक कहीं भी जाम वाली स्थित नहीं बनने वाली ।प्रयागराज की तरफ आने वाली सभी सड़कों को पर्याप्त चौड़ा कर दिया गया है ।प्रयागराज मे आज बड़े बड़े चौराहे निर्मित हो गए हैं ।प्रयागराज की पूरी दीवारे और इमारते मे रंगरोगन हो गया है ।आकर्षक चित्रकारी के माध्यम से दीवारों को बड़ी ही सुंदरता के साथ सजाया गया है ।शहर इतना सुंदर लगता है की पहली नजर में लगता ही नहीं कि हम प्रयागराज में हैं।नई सड़क, नये फ्लाईओवर, पुल, नई बिजली व्यवस्था सब कुछ नया।बस स्टैंड बड़े और सौंदर्यीकृत, रेलवे स्टेशन का विस्तार और नवीनीकरण करने के साथ ही सरकार ने एक नया एयरपोर्ट भी बना दिया जिसका 16 तारीख को प्रधानमंत्री ने लोकार्पण किया ।
इस सबके साथ साथ पहले जितने क्षेत्रफल में कुंभ का मेला लगता था उसको भी दुगने के स्तर तक बढ़ा दिया गया जिससे लोग आसानी से अपनी श्रद्धा का पालन कर सकें।
गंगा जमुना सरस्वती के त्रिवेणी संगम के आसपास के साथ ही जमुना जी तथा गंगा जी के किनारों की सफाई देखते ही बनती है। स्वच्छता दूत चारों तरफ तैनात हैं जो गंदगी देखते ही तुरंत सफाई मे लग जाते हैं। पहले जहां टाट पट्टी वाले महिला पुरुष प्रसाधन कक्ष बने रहते थे वहां पर इस बार अत्याधुनिक प्रकार के प्रसाधन कक्ष बनाए गए हैं संख्या भी इनकी इतनी ज्यादा रखी गई है कि श्रद्धालुओं को कोई तकलीफ न हो।
सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट द्वारा पहले ही यह निश्चित कर लिया गया है कि गंदगी गंगा जी यमुना जी की तरफ न जाए।
संगम क्षेत्र के मंदिरों के साथ साथ पूरे प्रयागराज के मंदिरों का कायाकल्प हुआ है ।कुंभ में वैसे भी पूरी दुनिया से श्रद्धालु आते हैं लेकिन इस बार इसका भी प्रचार प्रसार जोरों से हुआ है इसी क्रम में विदेशी राजनयिकों का एक कार्यक्रम 16 तारीख के पहले संपन्न हुआ। सरकार का प्रयास है कि देशी के साथ विदेशी श्रद्धालु ज्यादा से ज्यादा तादात में आएं लेकिन उन्हें किसी तरह की परेशानी न हो ।सर्वसुविधायुक्त टेंट भी इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए ज्यादा से ज्यादा संख्या में लगाए गए हैं।
प्रयागराज में हो रहे स्थाई और अस्थाई निर्माण कार्य का प्रयागराज की आर्थिक, सामाजिक, सांस्कृतिक, आध्यात्मिक उन्नति में भी सर्वाधिक योगदान होगा। क्योंकि प्रयागराज तो युगों युगों से आध्यात्मिक नगरी है ही उसकी शोभा में यह निर्माण कार्य चार चांद लगा रहे हैं ।
मेरा तो मानना है कि जिसने पहले के प्रयागराज को देखा है और जब आज का प्रयागराज देखेगा तो उसे सहसा विश्वास ही नहीं होगा कि यह वही प्रयागराज है ।
प्रयागराज उत्तर प्रदेश की न्यायधानी भी है इसलिए इसका यह नया रूप सबको लाभान्वित करेगा। सभी तरह की व्यवस्थाओं तथा कानून व्यवस्था को सुचारु बनाए रखने के लिए अत्याधुनिक कमांडिंग कंट्रोल सेंटर बनाया गया। अक्षय वट, सरस्वती मंदिर के दर्शन की सुविधा भी अब सबको सरलता से सुलभ होगी। कल्पवास करने वालों के लिए इस बार विशेष सुविधाओं का ध्यान रखा गया है ।प्रधानमंत्री मोदी के प्रयास से वर्ष 2017 में यूनेस्को द्वारा कुंभ को “मानवता की अमूर्त सांस्कृतिक विरासत” की प्रतिनिधि सूची में मान्यता प्रदान की गई ।इस विरासत को सहेजने संवारने का उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रयास स्तुत्य है ।
सबकुछ देखने के बाद कहा जा सकता है कि इस बार प्रयागराज में हुए विकास कार्यों तथा लगातार चल रहे विकास कार्यों से यह सच लगता है कि हमेशा का दिव्य कुम्भ इस बार भव्य भी होगा।
अजय नारायण त्रिपाठी ” अलखू “
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