उद्योग मंत्री श्री शुक्ल ने स्व. श्री रोशनलाल सक्सेना को श्रद्धांजलि अर्पित की
श्री सक्सेना आकर्षक व्यक्तित्व के शिक्षा विद थे
उद्योग एवं खनिज साधन मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने आज रोशनलाल सक्सेना के अस्थि कलस में श्रद्धा सुमन अर्पित कर श्रद्धांजलि देते हुये कहा कि व्यक्ति अपने कर्मो से महान होता है। समाज को सक्षम एवं प्रगतिशील बनाना है तो उसे शिक्षित करना आवश्यक है। श्री रोशनलाल सक्सेना ने प्रदेश में निजी स्कूलों की स्थापना कर अनुशासन शिक्षा, और संस्कारवान व्यक्तियों का निर्माण कर समाज में अहम भूमिका निभाई।
इस मौके पर समाज सेवी डॉ. नरेशचन्द्र चौरसिया, डॉ. गुप्ता कृष्ण कुमार श्रीवास्तव, गौसंवर्धन बोर्ड के उपाध्यक्ष राजेश पाण्डेय सहित समाज सेवी उपस्थित थे।
मंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि श्री सक्सेना ने व्यक्ति निर्माण एवं समाज निर्माण कर संस्कारवान व्यक्तियों का निर्माण किया। उन्होंने कहा कि संस्कारित मनुष्यों की संख्या बढ़जाने से समाज की विकृतियां अपने आप दूर हो जाती हैं। समाज को सही दिशा देने के लिए श्री सक्सेना ने निजी स्कूलों की स्थापना का जो पौधा रोपा था वह आज वटवृक्ष का रूप लेकर समाज को गढ़ने में सशक्त भूमिका निभा रहा है। उनके द्वारा किये गये कृतित्व से वे अमर हो जायेंगे। जीवन वही सार्थक कहलाता है जो औरों के लिए जीये उन्होंने समाज को गढ़ने जो अहम भूमिका निभाई है हमारा कर्तव्य है कि उनके मिशन को उचाईयों तक पहुंचाये तथा अपना योगदान दें।
डॉ. नरेशचन्द्र चौरसिया ने उनके व्यक्तियों एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुये कहा कि श्री सक्सेना कर्मठ शिक्षा विद थे तथा उनका जीवन साधारण था उनको देख के नहीं लगता था कि ये इतने कर्मठ व्यक्ति हैं। उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं एवं छात्रों को पिता के समान वात्सल्य दिया। तथा शिक्षकों का अमूल्य मार्गदर्शन किया। वे जिस कार्य के लिए पीछे पड़ जाते थे उसे पूरा करके छोड़ते थे। उन्होंने प्रदेश में आवासीय विद्यालयों की स्थापना कर शिक्षा के क्षेत्र में अमूल्य सहयोग दिया। वह इतने कर्मठ व्यक्तित्व के धनी व्यक्ति थे कि अपने कर्मठता के बल पर बस्तर में दुसाध्य लगने वाले बस्तर में एक वर्ष अन्दर विद्यालय प्रारंभ किया।