अटल जी से जो मिला वो उन्हीं का हो गया – मुख्यमंत्री श्री चौहान
अटल जी को दी भावभीनी श्रद्धांजलि
ग्वालियर में फूलबाग मैदान पर हुई श्रद्धांजलि सभा
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि अटलजी का व्यक्तित्व अद्भुत था। उनसे जो भी मिलता था, वह उनका हो जाता था। उनकी कमी हमें हमेशा खलेगी। मुख्यमंत्री ने आज ग्वालियर में फूलबाग मैदान में स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी की श्रद्धांजलि सभा में यह बात कही।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी ने अपने व्यक्तित्व और कृतित्व से ग्वालियर का नाम पूरे विश्व में आलोकित किया। स्व. अटलजी के जाने से न केवल ग्वालियर, प्रदेश, देश बल्कि करोड़ों लोगों के हृदय सूने हो गए हैं। स्व. अटल जी ने सम्पूर्ण जीवन देश सेवा में समर्पित करते हुए देशवासियों के हृदय पर राज किया। मुख्यमंत्री ने अटल जी के व्यक्तित्व के अनूठे तत्वों का उल्लेख करते हुए कहा है कि वे हमेशा छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखते थे। वे स्नेह से भरे हुए थे। उन्होंने पूरी दुनिया में हिंदी का मान बढ़ाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान पीढ़ी अपने भाग्य पर गर्व करेगी कि अटल जी को देखा था। अटलजी जैसा बनने का प्रयास करना उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
केन्द्रीय पँचायती राज मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि मैं भाग्यशाली हूँ कि मुझे स्व. अटलजी का सानिध्य प्राप्त हुआ। अटलजी का व्यक्तित्व अपने आप में एक विचार था। श्री तोमर ने कहा कि अटल जी के अपनत्व के कारण जो भी उनसे मिलता था, उनका हो जाता था। स्व. श्री अटल जी के भाषण सुनकर ही अनेक लोग उनके साथ और उनके विचार पर कार्य करने के लिये तैयार हुए। उन्होंने कहा कि स्व. श्री अटलजी का सम्पूर्ण जीवन देश के लिये समर्पित रहा।
प्रदेश की नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने कहा कि स्व. अटल जी ने राजनीति की सीमाओं से हटकर लोगों के दिलों में अपना स्थान बनाया। वे मध्यप्रदेश के लाल थे। इसका हमें गर्व है। वे व्यक्ति नहीं एक विचार थे।
उच्च शिक्षा मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया ने कहा कि स्व. अटल जी एक व्यक्ति न होकर एक हस्ती थे और उनकी हस्ती को कभी मिटाया नहीं जा सकता। हमें गर्व है कि स्व. अटल जी ग्वालियर के सपूत थे। उनके कारण ही विश्व भर में ग्वालियर की पहचान स्थापित हो सकी। स्व. श्री अटल जी ने देश पर नहीं लोगों के दिलों पर राज किया। स्व. श्री अटलजी द्वारा बताए हुए मार्ग पर चलना ही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री श्री नारायण सिंह कुशवाह ने कहा कि स्व. श्री अटलजी के भाषण सुन-सुनकर ही मेरे जैसे अनेक युवा राष्ट्र प्रेम की मुख्य-धारा से जुड़े। उनमें सदैव अपनत्व का भाव रहता था। स्व. अटलजी की कमी हम सबको हमेशा खलेगी, लेकिन उनके विचार सदैव हमारे साथ रहेंगे।
सांसद श्री अनूप मिश्रा ने कहा कि स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी मेरे परिवार के मुखिया थे। उन्होंने मुझे राजनीति का क, ख, ग सिखाया। स्व. श्री अटल जी ने जीवन भर राष्ट्रहित को ही अपना जीवन माना। स्व. श्री अटल जी ने पूरे विश्व में लोकतंत्र में सबको साथ लेकर चलने का उदाहरण प्रस्तुत किया।
राज्यसभा सांसद श्री प्रभात झा ने कहा कि मैं खुशनसीब हूँ कि मुझे स्व. श्री अटलजी के साथ कार्य करने का सौभाग्य मिला। स्व. अटल जी महान व्यक्तित्व के धनी थे। उनकी सहृदयता के सभी कायल थे। स्व. श्री अटलजी ने देश को एक नई ऊँचाई तक पहुँचाया। उनके द्वारा किए गए कार्यों को कभी भुलाया नहीं जा सकता।
महापौर श्री विवेक नारायण शेजवलकर ने कहा कि स्व. अटल बिहारी वाजपेयी सम्पूर्ण जीवन देश सेवा में लगे रहे। उनके बताए मार्ग पर हम सब कार्य करें, यही उनके प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और सांसद श्री राकेश सिंह ने कहा कि अटल जी ने राजनीति की सीमा से हटकर लोगों के दिलों में स्थान बनाया। वे मध्यप्रदेश की माटी के लाल थे, इसका हमें गर्व है।
इस मौके पर कांग्रेस के जिला अध्यक्ष श्री देवेन्द्र शर्मा, पूर्व मंत्री श्री भगवान सिंह यादव, श्री कृष्ण गोपाल जी ने भी स्व. अटलजी के व्यक्तित्व पर अपने विचार व्यक्त किए। सांसद डॉ. भागीरथ प्रसाद, सामान्य निर्धन वर्ग कल्याण आयोग के अध्यक्ष श्री बालेन्दु शुक्ल, जीडीए के अध्यक्ष श्री अभय चौधरी, साडा अध्यक्ष श्री राकेश सिंह जादौन समेत अटलजी की दत्तक सुपुत्री श्रीमती नमिता भट्टाचार्य, दामाद श्री रंजन भट्टाचार्य, भतीजे श्री दीपक वाजपेयी व पौत्री सुश्री निहारिका सहित अन्य परिजन के साथ ही सर्वश्री शैलेन्द्र बरुआ, देवेश शर्मा, वीरेंद्र जैन और अन्य जन-प्रतिनिधि सहित बड़ी संख्या में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे। सभा के अंत में सभी अतिथियों एवं गणमान्य नागरिकों सहित आमजनों ने भी स्व. अटलजी के चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित कर श्रद्धांजलि अर्पित की। संचालन श्री वेदप्रकाश शर्मा ने किया। धर्मगुरूओं ने भी स्व. अटल जी को श्रद्धा-सुमन अर्पित किए।