प्रेस टूर के माध्यम से पत्रकारों ने किया बाणसागर बांध का भ्रमण

बाणसागर परियोजना के कार्यों की ली विस्तृत जानकारी, बहुउद्देशीय परियोजना बाणसागर के कार्यों को देखकर की सराहना

विकास कार्यों का भ्रमण कराने के उद्देश्य से संभागीय जनसम्पर्क कार्यालय रीवा द्वारा अन्तर्विभागीय प्रेसटूर आयोजित कर शहडोल जिले के देवलोंद में स्थित बाणसागर परियोजना का पत्रकारों को भ्रमण कराया गया। पत्रकारों ने बाणसागर बांध का बारीकी से मुआयना किया। उन्होंने यहां जल संसाधन विभाग के स्टाफ से परियोजना की विस्तृत जानकारी ली। बाणसागर बांध के निर्माण कार्यों को देखकर उन्होंने सहराहना भी की। प्रेस टूर में रीवा जिले के प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकारगण उपस्थित थे।
रीवा जिला मुख्यालय से लगभग 60 किलोमीटर की दूरी पर देवलोंद में बाणसागर बांध का निर्माण किया गया है। यह शहडोल मुख्यालय से लगभग 100 किलोमीटर की दूरी पर है। इस परियोजना का शिलान्यास 14 मई 1978 को तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री मोरारजी देसाई के मुख्य आतिथ्य में हुआ था। इस परियोजना को पूरा होने में 28 वर्ष लगे। सन् 2006 में पूर्व प्रधानमंत्री पंडित अटल बिहारी बाजपेई के मुख्य आतिथ्य में परियोजना का लोकार्पण हुआ था। यह बहुउद्देशीय परियोजना विंध्य क्षेत्र के लिए वरदान साबित हो रही है। इससे सिंचाई के साथ-साथ बिजली उत्पादन भी होता है। पेयजल के लिए भी इसका उपयोग हो रहा है। यह मत्स्य पालन का भी अच्छा स्त्रोत है।
भ्रमण के दौरान सबसे पहले पत्रकारों ने बांध के ऊपर से पानी को देखा। पानी के जल भराव को देखकर पत्रकार आनंदित महसूस कर रहे थे। इसके बाद उन्होंने बांध के गेट खुलने एवं बंद होने की प्रक्रिया की जानकारी ली। साथ ही कंट्रोल रूम से आपरेटिंग सिस्टम संबंधी अन्य जानकारी एकत्रित की। तत्पश्चात बांध की तलहटी में स्थित इन्सेपेक्शन गैलरी का जायजा लिया। यहां पहुंचकर पत्रकार अद्भुत महसूस कर रहे थे तथा बांध के निर्माण की सराहना किये बगैर नहीं रहे। यहां जानकारी मिली कि इन्सपेक्शन गैलरी से 147 सीढ़ी नीचे फाउंडेशन गैलरी स्थित है जिसमें बांध से संबंधित उपकरण एवं यंत्र लगे हुए हैं।
पत्रकारों ने बांध के जल भराव की भी जानकारी ली। ज्ञात हुआ कि बारिश कम होने से इस बार बांध पूरा नहीं भर पाया था। लगभग 3 मीटर खाली रह गया था। वर्तमान में 6.1 मीटर बांध खाली हो चुका है एवं 49 प्रतिशत पानी शेष बचा है। बाणसागर की सुरक्षा एसएएफ की बटालियन द्वारा की जा रही है।
बाणसागर परियोजना का संक्षिप्त परिचय – बाणसागर बांध परियोजना अंतर्गत देवलोंद नहर के समीप सोन नदी में मुख्य बांध निर्मित है। इसके अतिरिक्त 6 स्थलों पर मिट्टी के उप बांध निर्मित किए गए हैं। मुख्य बांध की ऊँचाई 63 मीटर है। इसमें 18 जलद्वार लगाये गये हैं। बाणसागर जलाशय का पानी अन्य 6 छोटे-छोटे स्थलों से जिनका भू-स्तर बांध के अधिकतम जल स्तर से कम है से न निकले इसके लिए इन स्थलों को पहाड़ियों से जोड़कर मिट्टी के उप बांध बनाये गये हैं। निर्मित उप बांधों में से झिन्ना उप बांध से संयुक्त जल वाहिनी नहर की निकासी की गई है। यह नहर पुरवा नहर, क्योटी नहर एवं सिहावल नहर को सिंचाई हेतु जल की आपूर्ति करती है।
बाणसागर परियोजना से विद्युत उत्पादन हेतु 04 विद्युत उत्पादन गृह बनाये गये हैं। इनमें मुख्य बांध का उत्पादन गृह, झिन्ना विद्युत उत्पादन गृह, सिलपरा विद्युत उत्पादन गृह एवं चचाई जल विद्युत उत्पादन गृह शामिल है।
मुख्य बांध के पावर हाउस से 60 मेगावाट, झिन्ना पावर हाउस से 20 मेगावाट, सिलपरा पावर हाउस से 30 मेगावाट एवं चचाई पावर हाउस की तीन इकाईयों से 315 मेगावाट विद्युत उत्पादन की क्षमता है। बाणसागर परियोजना से मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश एवं बिहार राज्यों को सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध कराया जाता है। साथ ही नगरीय एवं शहरी जल प्रदाय योजना तथा औद्योगिक इकाईयों को जल आपूर्ति की जाती है।
बाणसागर परियोजना का 3 लाख 61 हजार 620 हेक्टेयर सिंचाई हेतु रूपांकित रकबा है। बाणसागर परियोजनान्तर्गत अन्य योजनाएं भी चिन्हित की गई हैं। यदि ये योजनाएं स्वीकृत हुई तो 3 लाख 94 हजार 220 हेक्टेयर सिंचाई क्षमता हो जायेगी। रीवा जिले के लिए बाणसागर परियोजना बहुत बड़ी सौगात है। वर्तमान में रीवा जिले की कृषि भूमि में क्योटी नहर प्रणाली से 42 हजार, पुरवा नहर प्रणाली से 28 हजार 500, गुढ़ उद्वहन योजना से 1750 एवं त्योंथर उद्वहन योजना से 9 हजार 200 हेक्टेयर में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है।

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