सहकारिता के माध्यम से रोजगार के नये अवसर सृजित करें : मुख्यमंत्री श्री चौहान

मुख्यमंत्री द्वारा सहकारिता से अन्त्योदय एवं कृषक सहकारी ऋण मित्र योजना का शुभारंभ
अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह समापन समारोह में किसानों का सम्मान

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि सहकारिता के माध्यम से रोजगार के नये अवसर सृजित करें। अलग-अलग क्षेत्रों में सहकारी संस्थाएं बनायें और लोगों को रोजगार दिलायें। रोजगार के अवसर बढ़ाना राज्य सरकार की महत्वपूर्ण प्राथमिकताओं में शामिल है। श्री चौहान आज यहाँ अखिल भारतीय सहकारी सप्ताह के समापन समारोह को संबोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्यक्रम में सहकारिता से अंत्योदय योजना एवं कृषक सहकारी ऋण मित्र योजना का शुभारंभ किया। श्री चौहान ने इस अवसर पर सहकारिता से अंत्योदय पुस्तिका का विमोचन भी किया। समारोह में सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री विश्वास सारंग भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि प्रदेश में सहकारिता के क्षेत्र का विस्तार हो रहा है। यह नये रूप में आगे बढ़ रहा है। खेती पर जनसंख्या के दबाव को कम करने में सहकारिता की महत्वपूर्ण भूमिका होगी। कृषि के क्षेत्र में मध्यप्रदेश देश में अग्रणी है। कृषि के क्षेत्र में प्रदेश में कई अभिनव नवाचार हुये हैं, जिन्हें बाद में अन्य प्रदेशों ने दोहराया है। भावांतर भुगतान योजना अपने तरह की अनूठी योजना है, जिसमें किसानों को समर्थन मूल्य से कम मूल्य पर फसल बिकने पर भाव के अंतर की राशि दी जाएगी। आज पूरे देश में इस योजना की चर्चा है। उज्जैन में 22 नवम्बर को आयोजित कार्यक्रम में गत 16 से 31 अक्टूबर तक योजना के तहत फसल बेचने वाले किसानों के खाते में भावांतर की राशि जमा की जाएगी। सहकारी संस्थाएं इस योजना को सही परिप्रेक्ष्य में लोगों तक पहुंचायें।

सूदखोरों के खिलाफ बना कानून और सख्त होगा

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि राज्य सरकार ने कृषक उद्यमी योजना शुरू की है, जिसमें किसान के बेटा-बेटी कृषि से जुड़े उत्पादों के प्रसंस्करण की इकाई स्थापित कर सकते हैं। इसके लिये उन्हें दो करोड़ रूपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जाएगा। साथ ही योजना में पन्द्रह प्रतिशत अनुदान और पाँच वर्ष तक पाँच प्रतिशत ब्याज अनुदान की व्यवस्था भी की गई है। रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिये सहकारी संस्थाएं छोटे स्तर पर काम कर सकती हैं। राज्य सरकार ने पोषण आहार प्रदाय का कार्य महिला स्व-सहायता समूहों के माध्यम से कराने का निर्णय लिया है। इसी तरह, रेत खदानों के संचालन के अधिकार ग्राम पंचायतों को दिये गये हैं। इसके माध्यम से रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। बेरोजगारी दूर करने के लिये जिस तरह के कामों की जरूरत है, उसका प्रशिक्षण युवाओं को दिया जाए। सहकारिता नये क्षेत्रों में प्रवेश करे। किसानों को परेशान करने वाले सूदखोरों के खिलाफ बने कानून को और सख्त बनाया जाएगा।

सहकारिता के माध्यम से कौशल उन्नयन का कार्य शुरू

सहकारिता राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री विश्वास सारंग ने कहा कि सहकारिता के माध्यम से कौशल उन्नयन का कार्य प्रदेश में शुरू किया गया है। एक वर्ष में अलग-अलग क्षेत्रों में 320 नयी सहकारी संस्थाएं गठित की गई हैं। परिवहन, पर्यटन और चिकित्सा जैसे नये क्षेत्रों में सहकारी संस्थाएं गठित की गई हैं। शासकीय योजनाओं को लोगों तक पहुंचाने के लिये अगले दो माह में प्राथमिक सहकारी संस्थाओं के स्तर पर कार्यशालाएं आयोजित की जायेंगी। प्रदेश में किसानों को शून्य प्रतिशत ब्याज पर कृषि ऋण उपलब्ध कराया गया है। अब एक लाख रूपये कृषि ऋण लेने पर 90 हजार रूपये ही लौटाने होंगे। इन निर्णयों के माध्यम से राज्य सरकार ने कल्याणकारी राज की कल्पना को साकार किया है।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कार्यक्रम में कृषक सहकारी ऋण मित्र योजना के तहत लगातार पाँच वर्ष तक समय पर कृषि ऋण चुकाने वाले किसानों का सम्मान किया तथा उन्हें प्रशस्ति पत्र दिये। कार्यक्रम में सांसद एवं प्रदेश भाजपा अध्यक्ष श्री नंदकुमार सिंह चौहान, मार्कफेड के अध्यक्ष श्री रमाकांत भार्गव, राज्य वनोपज सहकारी संघ के अध्यक्ष श्री महेश कोरी, श्री नेमीचंद जैन, अपर मुख्य सचिव कृषि श्री पी.सी. मीना, प्रमुख सचिव सहकारिता श्री के.सी. गुप्ता, आयुक्त सहकारिता श्रीमती रेणु पंत सहित सहकारी बैंकों के अध्यक्ष तथा पदाधिकारी और बड़ी संख्या में किसान उपस्थित थे।

 

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