हर विकासखण्ड मे खोली जायेगी मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला – राजेन्द्र शुक्ल जनसंपर्क मंत्री ने किया किसान भवन और प्रशिक्षण केन्द्र का लोकार्पण

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प्रदेश के ऊर्जा एवं खनिज साधन, जनसंपर्क मंत्री तथा सतना जिले के प्रभारी मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा कृषि को लाभ का धंधा बनाने के लिये हर स्तर पर प्रयास किये जा रहे है। सरकार के निर्णय के अनुसार हर विकासखण्ड में मिट्टी परीक्षण प्रयोगशाला खोली जायेगी। जिसके लिये आवश्यक राशि कृषि मण्डी बोर्ड से स्वीकृत की जा रही है। प्रभारी मंत्री श्री शुक्ल 1 जनवरी को अपने चित्रकूट के प्रवास के दौरान महात्मा गॉधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय के कृषि संकाय के अंर्तगत 1 करोड़ 20 लाख रूपये की लागत से नवनिर्मित किसान भवन एवं कृषक प्रशिक्षण केन्द्र के लोकार्पण अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। कार्यक्रम में केन्द्रीय सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम राज्यमंत्री गिरिराज सिंह, राज्य शासन के मण्डी बोर्ड के प्रबंध संचालक अरूण पाण्डेय, महासचिव दीनदयाल शोध संस्थान अभय महाजन, कुलपति प्रो. एन.सी.गौतम, राजेश पाण्डेय, बालेन्द्र गौतम, ओमप्रकाश शर्मा भी उपस्थित थे।

जनसंपर्क एवं ऊर्जा मंत्री राजेन्द्र शुक्ल तथा केन्द्रीय राज्यमंत्री गिरिराज सिंह ने 1 करोड़ 20 लाख रूपये की लागत से रजौला कृषि फार्म में नवनिर्मित किसान भवन और किसान प्रशिक्षण केन्द्र का लोकार्पण किया तथा मण्डी बोर्ड से 1 करोड़ 20 लाख रूपये की लागत से स्वीकृत मृदा परीक्षण प्रयोगशाला का शिलान्यास भी किया। इस मौके पर प्रभारी मंत्री श्री शुक्ल ने कहा कि राज्य सरकार ने कृषि को लाभ का धंधा बनाने का बीड़ा उठाया है। सरकार ने किसानो के लिये सोसायटी से मिलने वाले कर्ज पर लगने वाली ब्याज को 14 प्रतिशत से घटाकर शनै-शनै शून्य पर लाया गया है। इसके बाद भी मुख्यमंत्री श्री चौहान ने अगले वर्ष से अब 100 प्रतिशत मूलधन के ऋण पर किसानो से 90 प्रतिशत राशि ही वापस लेने का निर्णय किया है। उन्होने कहा कि सिंचाई के क्षेत्र में 7 लाख हेक्टेयर से बढाकर सिंचाई क्षमता 35 लाख हेक्टेयर कर ली गई है जिसे 50 लाख हेक्टेयर तक करने का लक्ष्य निर्धारित है। उन्होने कहा कि राज्य में घरेलू उपयोग के लिये 24 घण्टे और सिंचाई के लिये 10 घण्टे बिजली देने का कार्य किया जा रहा है। किसानो के पम्पो पर फ्लैट रेट पर बिजली देने पर नियामक आयोग द्वारा निर्धारित 31 हजार 145 रूपये के विद्युत ब्यय पर किसान को केवल 6 हजार 145 रूपये ही अदा करने होगें। उन्होने कहा कि इन्ही प्रयासो का परिणाम है कि प्रदेश के किसानो ने अपना उत्पादन बढाया तथा म.प्र. को लगातार तीन वर्षो से कृषि कर्मण अवार्ड भी मिल रहा है।

केन्द्रीय राज्यमंत्री गिरिराज सिंह ने प्रदेश की कृषि विकास दर वृद्धि की प्रशंसा करते हुये कहा कि पूरे देश मे सबसे अधिक कृषि विकास दर मध्यप्रदेश की है। कृषि के क्षेत्र में मध्यप्रदेश रिकार्ड तो बना ही रहा है इसके साथ ही औद्योगिक विकास के क्षेत्र में भी यह प्रदेश लगातार आगे बढ रहा है। प्रदेश की इन उपलब्धियो के लिये उन्होने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रयासो की भरपूर प्रशंसा की। केन्द्रीय राज्यमंत्री ने कृषि के क्षेत्र में पशुधन विकास को भी अपनाने पर जोर दिया। उन्होने कहा कि पशुधन विकास को कृषि के साथ जोड़े बिना कृषि को लाभ का धंधा नही बनाया जा सकता और ना ही किसानो को खुशहाली दी जा सकती है। उन्होने कहा कि पशुधन के साथ कृषि पण्डित दीनदयाल उपाध्याय और नानाजी देशमुख की आर्थिक नीति रही है। कुलपति प्रो. नरेशचन्द्र गौतम ने मण्डी बोर्ड द्वारा मृदा परीक्षण प्रयोगशाला के लिये 1 करोड़ 20 लाख रूपये की राशि स्वीकृत करने पर प्रबंध संचालक अरूण पाण्डेय का आभार ब्यक्त करते हुये कहा कि ग्रामोदय विश्वविद्यालय के पास 200 एकड़ जमीन सुरक्षित है जिसमें नानाजी देशमुख के नाम से एक कृषि विश्वविद्यालय खोला जा सकता है। कार्यक्रम के अंत में आभार प्रदर्शन दीनदयाल शोध संस्थान के महासचिव अभय महाजन ने किया।

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