सेल इस्‍पात से निर्मित एक्‍सप्रेस-वे पर वायु सेना का सुपर हरक्‍यूलि‍स विमान उतारा गया

भारतीय स्‍टील प्राधिकरण (सेल) द्वारा 33,500 मीट्रिक टन इस्‍पात की आपूर्ति से निर्मित आगरा-लखनऊ एक्‍सप्रेस-वे पर आज भारतीय वायु सेना के विमानों को टच एंड गो लैंडिंग की सुविधा प्रदान की गई।

सेल ने इस परियोजना के लिए मुख्‍य रूप से भूकंप रोधी टीएमटी सरियों से बने कई उत्‍पादों की आपूर्ति की थी। सेल की बेहतरीन गुणवत्ता के भूकंप रोधी ईक्‍यूआर टीएमटी स‍रियें विभिन्‍न प्रकार के होते हैं।

भारतीय वायु सेना ने 35000 किलोग्राम भार से शुरू होने वाले सी-130जे सुपर हरक्‍यूलिस विमान का आज एक्‍सप्रेस-वे पर टच एंड गो लैंडिंग का अभ्‍यास किया। एक्‍स्प्रेस-वे पर भारतीय वायु सेना के विमान उतारने के विशेष अभियान में पहली बार सी-130जे परिवहन विमान को शामिल किया गया।

इससे पहले वायु सेना ने अपने मिराज-2000 और सुखोई-30 एमकेआई लड़ाकू विमानों को यमुना एक्‍सप्रेस-वे और लखनऊ-आगरा एक्‍सप्रेस-वे पर उतारा था।

‘सबके जीवन में थोड़ा-सा सेल है’ इस टैग लाइन की भावना को ध्‍यान में रखते हुए कंपनी ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों की विशेष आवश्‍यकताओं और रक्षा जैसे महत्‍वपूर्ण क्षेत्रों तथा बाजार की जरूरतों के अनुरूप विश्‍व स्‍तरीय स्‍टील उत्‍पादों का निर्माण करने पर ध्‍यान केन्द्रित कर रही है। सेल सरदार सरोवर बांध, ढोला-सादिया पुल, चेनानी-नाशरी सुरंग से लेकर विभिन्‍न मेट्रो परियोजनाओं, बिजली संयंत्रों और गुजरात में लगने वाली एकता की प्रतिमा जैसे राष्‍ट्रीय महत्‍व की परियोजनाओं का अभिन्‍न अंग है।

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