किसानों के बेटे-बेटियों को खाद्य प्र-संस्करण इकाइयाँ खोलने मिलेगा दो करोड़ तक का लोन

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने किया भावांतर भुगतान योजना के पोर्टल का शुभारंभ
अपने खेत में घर बनाने पर किसान के लिये जमीन का डायवर्सन जरूरी नहीं होगा

मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि किसानों के बेटे-बेटियों को खाद्य प्र-संस्करण इकाइयाँ खोलने के लिये 10 लाख से 2 करोड़ तक का लोन उपलब्ध करवाया जायेगा। लोन की गारंटी राज्य सरकार लेगी। खाद्य प्र-संस्करण इकाइयाँ खुलने से किसानों की आय बढ़ाने में मदद मिलेगी।

आज यहाँ स्थानीय समन्वय भवन में राज्य स्तरीय मास्टर ट्रेनर वर्कशॉप और विकासखण्डीय कृषि संगोष्ठियों की श्रंखला के शुभारंभ सत्र को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि यदि किसान अपने खेत पर स्वयं के उपयोग के लिये घर बनाता है तो उसे जमीन के डायवर्सन की जरूरत नहीं होगी। उन्होंने इस अवसर पर मुख्यमंत्री भावांतर भुगतान योजना के पोर्टल www.mpeuparjan.nic.in का शुभारंभ किया और इसे प्रदेश के लिये कृषि में नई क्रांति बताया। उन्होंने किसानों से इस पोर्टल पर जाकर अपना पंजीयन कराने का आग्रह किया।

15 सितम्बर से किसान सम्मेलन

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि 15 सितम्बर से 15 अक्टूबर तक सभी जिलों में किसान सम्मेलन होंगे। इनमें किसानों की आय दोगुना करने की रणनीति पर चर्चा होगी। हर विकासखण्ड का अलग से रोडमैप बनेगा।

श्री चौहान ने कहा कि 378 शहरों में किसान बाजार बनाये जायेंगे जहाँ किसान अपनी उपज सीधे ग्राहकों को बेच सकेंगे। इसके लिये संबंधित नगर पालिका, नगर परिषद जमीन उपलब्ध करवायेगी और मंडी बोर्ड बाजार की अधोसंरचना बनाने में मदद करेगा। श्री चौहान ने बताया कि प्याज के भण्डारण के लिये भण्डार गृह बनाने वाले किसानों को राज्य सरकार 50 प्रतिशत की सबसिडी देगी।

श्री चौहान ने कहा कि अगले पाँच वर्षों में प्रत्येक किसान की आय दोगुनी करने के लिये राज्य सरकार संकल्पित है। यह चुनौतीपूर्ण काम है लेकिन किसानों के सहयोग से संभव है। उन्होंने कहा कि इस साल सूखे के आसार दिख रहे हैं लेकिन इस संकट से निजात पा लेंगे। खेती-किसानी के काम में आपात परिस्थितियाँ आती रहती हैं।

श्री चौहान ने कहा कि कृषि उत्पादन की लागत कम करना, कृषि उत्पादन का वाजिब दाम किसानों को दिलवाना और उत्पादन बढ़ाना मुख्य प्राथमिकताएँ हैं। इसके अलावा किसानों को अन्य सहयोगी व्यवसाय से जोड़ना होगा। उन्होंने कहा कि पशुपालन के क्षेत्र में भरपूर संभावनाएँ हैं।

डेयरी उद्योग का होगा विस्तार

श्री चौहान ने कहा कि किसानों के हित में काम करने के लिये साहसपूर्ण फैसले करना जरूरी है। कई ऐसे रचनात्मक काम किये गये हैं जिनके कारण अगले साल से खेती करना आसान हो जायेगा। श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश में दुग्ध उत्पादन की विपुल संभावनाएँ हैं। वर्तमान में डेयरी उद्योग कुछ जिलों तक ही सीमित है। पूरे प्रदेश में इसका विस्तार किया जायेगा। यदि दुग्ध उत्पादन आशातीत बढ़ेगा तो इसका भी न्यूनतम मूल्य घोषित किया जायेगा। दुग्ध के प्र-संस्करण और दूध उत्पाद बनाने के क्षेत्र में निजी निवेशकों को प्रोत्साहित किया जायेगा ताकि अतिरिक्त दूध की खपत हो सके। उन्होंने कहा कि किसानों की आय बढ़ाने के लिये जैविक सब्जियों के प्रमाणीकरण की प्रक्रिया भी जल्द शुरू की जायेगी। सब्जियों के रूट तय किये जा रहे हैं।

कार्यशाला में कृषि वैज्ञानिक, कृषक मित्र, कृषक दीदी, प्रगतिशील किसान और कृषि विभाग के मैदानी अमले ने भाग लिया। कृषि मंत्री श्री गौरीशंकर बिसेन, कृषक आयोग के अध्यक्ष श्री ईश्वरलाल पाटीदार, कृषि उत्पादन आयुक्त श्री पी.सी. मीणा, प्रमुख सचिव कृषि डॉ. राजेश राजौरा, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री श्री अशोक बर्णवाल ने भी कार्यशाला को संबोधित किया।

Facebook Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *