म्यांमार के बगान स्थित बौद्ध मंदिर आनंदा टेंपल में पीएम मोदी ने की पूजा-अर्चना

पीएम मोदी बुधवार को म्यांमार के बगान स्थित प्राचीन बौद्ध मंदिर ‘आनंदा टेंपल’ में गए। 1105 ईसवी में बने इस मंदिर का इतिहास बहुत पुराना है। आनंदा मंदिर को मॉन वास्तुकला का सबसे पुराना मौजूद मास्टरपीस माना जाता है।

नाय पी ताव के दौरे के बाद पीएम मोदी जब बुधवार को म्यांमार के सबसे प्राचीन शहर बगान में पहुंचे तो उनका वहां बेहद खास तरीके से स्वागत किया गया। हवाई अड्डे पर पीएम के स्वागत के लिए अधिकारियों के साथ ही कुछ बच्चे मौजूद थे जो पारंपरिक परिधान में थे। पीएम ने इन बच्चों के साथ प्यार से मुलाकात और उनसे कुछ बातचीत भी की। इसके बाद पीएम मोदी बगान शहर के प्राचीन बौद्ध मंदिर आनंदा टेंपल पहुंचे। पीएम ने प्राचीन मंदिर के परिसर का दौरा किया और वहां पर पूजा-अर्चना भी की। पीएम ने मंदिर की परिक्रमा भी की। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने ट्वीट किया- “इतिहास से जुड़ रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आनंदा मंदिर में पूजा-अर्चना की। यह म्यांमार के बगान का सबसे ऐतिहासिक और पवित्र मंदिर है।”
प्रधानमंत्री ने मंदिर में आगंतुक पुस्तक पर हस्ताक्षर किए। पीएम ने आनंद मंदिर के पुनर्निमाण में भारत के योगदान को दर्शाते हुए एक पट्टिका का भी अनावरण किया। प्रधानमंत्री ने मंदिर में एक फोटी प्रदर्शनी भी देखी जिसमें मंदिर के पुनर्निमाण के काम के चित्र दिखाए गए थे। इस दौरान भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के अधिकारियों ने पीएम को पुनर्निमाण के काम की जानकारी भी दी।
1105 ईसवी में बना ये मंदिर बगान का दूसरा सबसे बड़ा मंदिर है। इसे बगान मंदिरों में सबसे बेहतरीन, सबसे भव्य, सबसे अच्छी तरह संरक्षित और सबसे महत्वपूर्ण मंदिर माना जाता है। 1975 में भूकंप के दौरान, आनंदा को काफी नुकसान हुआ जिसके बाद इसका जीर्णोद्धार किया गया। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण ने इस मंदिर और शहर की कुछ अन्य ऐतिहासिक संरचनाओं के जीर्णोद्धार का काम कराया है। यह मंदिर शुरुआती बगान काल की शैली और वास्तुकला को समेटे हुए है। मंदिर में ढेरों बुद्ध प्रतिमाएं हैं और मंदिर के चारों कोनों में बुद्ध खड़ी मुद्रा में बने हुए हैं। वास्तुकला का यह अनोखा नमूना इतिहासकारों के लिए भी एक आकर्षण है

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