नवीन औऱ नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय और जर्मनी की जीआईजेड के बीच ग्रिड एकीकरण में सुधार के लिए के लिए समझौता

नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय और जर्मनी सरकार की ओर से डायचे जिसेशैफ्ट फुर इंटरनेशनल के बीच इंडो –जर्मन ऊर्जा कार्यक्रम व हरित ऊर्जा गलियारा के तहत तकनीकी सहयोग के लिए आज एक समझौता हुआ है।  इस समझौते का उद्देश्य नवीकरणीय ऊर्जा के लिए ग्रिड एकीकरण और मौजूदा ढांचे में सुधार करना है।

विद्युत, कोयला, नवीन और नवीकरणीय ऊर्जा राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) श्री पीयूष गोयल और भारत में जर्मनी के राजदूत डॉ. मार्टिन नी की उपस्थिति में जीआईजेड के कंट्री डायरेक्टर डॉ. वोल्फगैंग हैनिंग और मंत्रालय के संयुक्त सचिव ए.एन शरण ने समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए।

इस अवसर पर श्री पीयूष गोयल ने कहा कि मुझे प्रसन्नता हो रही है कि जीआईजेड और भारत के बीच यह समझौता हुआ है। इसके परिणाम स्वरूप बाज़ार तंत्र और नियमन में सुधार होगा। साथ ही इस क्षेत्र के लिए कार्यबल को प्रशिक्षण दिया जा सकेगा ताकि ग्रिडों का स्थायित्व और एकीकरण सुनिश्चित हो। उन्होंने कहा कि यह समझौता ग्रिडों की सुरक्षा और साइबर संबंधी चुनौतियों से निपटने में भी कारगर साबित होगा। श्री पीयूष गोयल ने कहा कि जर्मनी भारत का भरोसेमंद साझेदार है और पिछले 6 दशकों से भारत के समावेशी विकास के लक्ष्य को हासिल करने में मदद कर रहा है।

वहीं जर्मनी के राजदूत डॉ. मार्टिन ने कहा कि पॉवर ग्रिड कोर्पोरेशन ऑफ इंडिया ने 2012 में एक विस्तृत योजना पेश की थी ताकि भारत अपनी ऊर्जा जरूरतों में नवकरणीय ऊर्जा की हिस्सेदारी बढ़ा सके।

Facebook Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *