तीन तलाक असंवैधानिक,अमानवीय, उच्चतम न्यायालय ने लगाई रोंक

न्यायालय के इस आदेश से मुस्लिम महिलाओं को बड़ी राहत मिली है. अब दुनिया के कई इस्लामिक देशों की तरह भारत ने भी इसे खत्म कर दिया है. देश में कई ऐसी मुस्लिम महिलाएं हैं जिनकी जिंदगी तीन तलाक ने बर्बाद कर दी थी.

तीन तलाक मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना एतिहासिक फैसला सुना दिया है. तीन तलाक मामले में सुप्रीम कोर्ट के पांच जजों में से तीन जजों ने तीन तलाक को असंवैधानिक करार दिया है. कोर्ट के इस आदेश से मुस्लिम महिलाओं को बड़ी राहत मिली है. अब दुनिया के कई इस्लामिक देशों की तरह भारत ने भी इसे खत्म कर दिया है. देश में कई ऐसी मुस्लिम महिलाएं हैं जिनकी जिंदगी तीन तलाक ने बर्बाद कर दी थी.

पांच में से तीन जजों ने तीन तलाक को असंवैधानिक माना है.आज के बाद अगर कोई मुस्लिम पुरूष अपनी पत्नी को तीन तलाक देगा तो उसे अवैध माना जाएगा.सरकार को अब 6 महीनों के अंदर तीन तलाक को लेकर कानून बनाना पड़ेगा.

तीन तलाक के मामले पर कोर्ट में 11 से 18 मई तक सुनवाई चली थी जिसके बाद फैसले को सुरक्षित रख लिया गया था। तीन तलाक के मामले पर केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में अपनी ओर से दिए हलफनामे में कहा था कि वह तीन तलाक की प्रथा को वैध नहीं मानती और इसे जारी रखने के पक्ष में नहीं है।

मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट में ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने माना था कि वह सभी काजियों को अडवाइजरी जारी करेगा कि वे तीन तलाक पर न केवल महिलाओं की राय लें, बल्कि उसे निकाहनामे में शामिल भी करें।

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