कारगिल की विजय सेना के धैर्य, साहस और पराक्रम की गाथा-मेजर जनरल,रावत

कारगिल विजय दिवस पर आज सैनिक विश्राम गृह में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में कारगिल युद्ध के संबंध में जनसमुदाय को चल चित्र के माध्यम से विस्तृत जानकारी को दी गई।

मुख्य अतिथि मेजर जनरल टी.पी.एस.रावत ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि हमारी सेनाएँ देश की सीमाओं और देशवासियों की सुरक्षा के लिए पूरी तरह सक्षम हैं। विपरीत पस्थितियों में सेना ने बड़े धैर्य और साहस से पराक्रम का प्रदर्शन करते हुए कारगिल युद्ध में विजय हासिल की थी। यह युद्ध किसी अन्य देश की सेना द्वारा जीत पाना असंभव था। मेजर जनरल रावत ने बताया कि दुर्गम स्थल होते हुए भी हमारी सेना ने कारगिल युद्ध लड़कर दुश्मनों को परास्त किया। उन्होंने कहा कि हमारे सैनिक अपने जीवन का अधिकतम और स्वर्णिम समय देश की सेवा में सर्मपित करते हैं। हमें भी उनके प्रति सदैव अपनत्व और सहयोग की भावना रखना चाहिये।

इस अवसर पर मेजर जनरल अशोक कुमार,कर्नल ओ.पी.मिश्रा,कर्नल वी.पी.त्रिपाठी,कर्नल प्रणव मिश्रा (से.नि.) ने 16500 फिट उंची बर्फीली पहाड़ी पर हुऐ कारगिल सहित अन्य युद्धों की परिस्थितियों,सेना की रणनीति आदि के सम्बन्ध में विस्तृत जानकारी दी। इस युद्ध में 8 जवान शहीद और 48 सैन्य कार्मिक घायल हुऐ थे। कारगिल में शहीद हुए वीर जवानों को श्रद्धांजलि और राष्ट्रगान के उपरान्त कार्यक्रम का समापन हुआ।

कार्यक्रम का संचालन कर्नल गिरिजेश सक्सेना तथा आभार प्रदर्शन कर्नल यशवंत के.सिंह ने किया। इस अवसर पर संचालक सैनिक कल्याण ब्रिगे.आर.एस. नोटियाल, भोपाल एक्स सर्विसेस लीग के अध्यक्ष कार्नल एस कुमार सहित सेवारत/सेवानिवृत्त सैन्य कार्मिक,उनके परिवारजन,शासकीय सेवक एवं गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।

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