रोटी, कपड़ा और मकान के नारे के साथ शिक्षा और स्वास्थ्य को जोड़ने की आवश्यकता

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राष्ट्रपति श्री मुखर्जी द्वारा 81 करोड़ रूपए की लागत के आवासों का लोकार्पण

राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने आज ग्वालियर में सबके लिये आवास योजना में 81 करोड़ रूपए की लागत के 1088 आवास का लोकार्पण किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि सन 2022 तक देश के सभी लगभग 3 करोड़ 50 लाख आवासहीनों को आवास मुहैया करा दिए जायेंगे। इसके लिये केन्द्र और राज्य सरकार द्वारा अभियान प्रारंभ कर दिया गया है। श्री मुखर्जी ने आशा व्यक्त की कि सरकार निर्धारित समय-सीमा में अपने लक्ष्य को प्राप्त कर लेगी। राष्ट्रपति ने प्रतीक स्वरूप छ: हितग्राही को आवासों का आधिपत्य-पत्र और चाबी प्रदान की। उन्होंने कहा कि अब देश में रोटी, कपड़ा और मकान के नारे के साथ-साथ शिक्षा और स्वास्थ्य को भी जोड़े जाने की आवश्यकता है।

कार्यक्रम में राज्यपाल श्री ओ.पी. कोहली, केन्द्रीय पंचायत राज एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री नरेन्द्र सिंह तोमर, प्रदेश की नगरीय विकास मंत्री श्रीमती माया सिंह, उच्च शिक्षा मंत्री श्री जयभान सिंह पवैया व महापौर श्री विवेक नारायण शेजवलकर सहित जन-प्रतिनिधि, अधिकारी और हितग्राही उपस्थित थे।

राष्ट्रपति ने ग्वालियर शहर को स्मार्ट सिटी के रूप में जोड़े जाने पर नगरवासियों को बधाई के साथ कहा कि राज्य सरकार मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान के नेतृत्व में गरीबों के कल्याण और मध्यप्रदेश के विकास के लिये सतत् प्रयत्नशील है। उन्होंने कहा कि मेरे द्वारा 2015 में संसद में अपने अभिभाषण के दौरान भारत के सभी आवासहीन गरीब परिवारों को स्वयं के आवास के स्वप्न की चर्चा की गई थी, जिसे लोकतांत्रिक परंपरा से चुनी हुई श्री नरेन्द्र मोदी की सरकार ने गंभीरता से लेते हुए काम प्रारंभ कर दिया है। इसके लिये उन्होंने प्रधानमंत्री को बधाई दी। भारत सरकार द्वारा महत्वाकांक्षी योजना “प्रधानमंत्री आवास योजना” तैयार की गई है, जिसका लक्ष्य 2022 तक सभी संभावित साढ़े तीन करोड़ आवासहीन को आवास मुहैया करवाना है। राष्ट्रपति ने देश में बढ़ते हुए शहरीकरण पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि जब भी ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था कमजोर होती है तब शहरीकरण की प्रवृति बढ़ती है।

श्री मुखर्जी ने कहा कि भारत एक लोकतांत्रिक देश है। सन् 2014 के आम निर्वाचन में 80 करोड़ से अधिक लोगों ने मतदान किया। इसमें बड़ी संख्या में युवा भी हैं। युवाओं को रोटी, कपड़ा, मकान के साथ शिक्षा और बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं की जरूरत है। राष्ट्रपति ने ग्वालियर में आईएचएसडीपी योजना में बनाए जा रहे आवासों के लिये भी बधाई दी और कहा कि ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले गरीबों के लिये भी आवास बनाने का कार्य किया जा रहा है। उनकी सरकार वर्ष 2022 तक सभी के आवास मुहैया कराने के वादे को पूरा करेगी।

प्रदेश के राज्यपाल श्री ओ.पी. कोहली ने कहा सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और पर्यटन की दृष्टि से समृद्ध मध्यप्रदेश में सरकार द्वारा जन-कल्याण के लिये अनेक योजनाएँ और कार्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं। उन्होंने आईएचएसडीपी योजना में स्वयं के आवास की चाबी प्राप्त कर रहे हितग्राहियों को बधाई दी और कहा कि शहरों की ओर पलायन की प्रवृत्ति के कारण भी शहरों में ऐसी आवास व्यवस्था विकसित करने की आवश्यकता महसूस की जा रही है।

श्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि सन् 2019 तक एक करोड़ आवास तैयार करवाने का लक्ष्य भारत सरकार द्वारा निर्धारित किया गया है। इस पर लगभग 13 हजार करोड़ रूपए खर्च होंगे। उन्होंने मध्यप्रदेश शासन द्वारा किए जा रहे जन-कल्याणकारी कार्यों की तारीफ करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री श्री चौहान के नेतृत्व में प्रदेश की आर्थिक और कृषि विकास दर में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। श्री तोमर ने राष्ट्रपति को जीवाजी विश्वविद्यालय के दीक्षांत समारोह में भी आने का निमंत्रण दिया।

मंत्री श्रीमती माया सिंह ने कहा कि सरकार अपनी सभी योजनाओं में अंत्योदय के लक्ष्य को पूरा करने के लिय कृत-संकल्पित है। सबके लिये मकान योजना के संबंध में उन्होंने बताया कि ग्वालियर शहर में दो चरण में 95 करोड़ रूपए की लागत से 3328 आवास बनाए जायेंगे। इसी कड़ी में ग्वालियर शहर में 605 आवास पूर्ण कर लिए गए हैं, जिनका कार्यक्रम में आधिपत्य प्रदान किया जा रहा है।

प्रारंभ में श्रीमती माया सिंह ने पुष्प-गुच्छ भेंट कर राष्ट्रपति का स्वागतकिया। श्रीमती सिंह ने राष्ट्रपति को स्मृति-चिन्ह के रूप में शॉल-भंजिका की पाषाण-प्रतिमा और शॉल, श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया। महापौर श्री विवेक नारायण शेजवलकर ने आभार माना। कार्यक्रम में नवनिर्मित भवनों का प्रजेण्टेशन भी दिया गया।

छ: हितग्राही को राष्ट्रपति से मिली सपनों की चाबी

राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी ने आज आईएचएसडीपी के 1088 आवासों के हितग्राहियों में से चुने गए छ: सौभाग्यशाली हितग्राही को आवास का आधिपत्य और चाबियाँ प्रदान की। इनमें श्री अनिल सल्या पुत्र हरप्रसाद सल्या निवासी रंगियाना मोहल्ला, श्रीमती खातून पत्नी स्व. श्रीलाल खाँ निवासी मेवाती मोहल्ला, श्री हरी गोस्वामी पुत्र श्री कन्हैयालाल गोस्वामी निवासी जीवाजीगंज, श्रीमती विमलेश मंगल पत्नी मातादीन मंगल निवासी ढोलीबुआ का पुल, श्री रामअवतार पुत्र श्री सियाराम निवासी रंगियाना मोहल्ला तथा श्रीमती संगम कोकाटे पत्नी बसंत राव कोकाटे निवासी रंगियाना मोहल्ला शामिल हैं।

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