मध्यप्रदेश ने निवेश के लिये सिंगल टेबल कान्सेप्ट अपनाया है
पर्यटन में निवेश की अपार संभावनाएँ
ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिये किया आमंत्रित
मुख्यमंत्री श्री चौहान के साथ उद्योग मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल बैंगलुरु में निवेश सेमीनार में हुए शामिल
मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि मध्यप्रदेश में निवेश की व्यापक संभावनाओं के मद्देनजर सिंगल टेबल कान्सेप्ट को अपनाया गया है। हर सोमवार मुख्यमंत्री और उद्योग मंत्री द्वारा निवेशकों तथा उच्च अधिकारियों के साथ बैठक कर निवेश प्रस्तावों पर चर्चा कर त्वरित निर्णय लिये जाते हैं। श्री चौहान प्रदेश में निवेश की संभावनाओं पर आज बैंगलुरु में सेमीनार को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने उद्योगपतियों एवं कम्पनियों के पदाधिकारियों को इंदौर में आगामी 22-23 अक्टूबर को होने वाले ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिये आमंत्रित किया।
मुख्यमंत्री ने निवेश संभावनाओं पर चर्चा करते हुए कहा कि प्रदेश में पर्यटन के क्षेत्र में निवेश की अपार संभावनाएँ हैं। इसके लिये पर्यटन केबिनेट बनायी गयी है। मध्यप्रदेश प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर है। मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि हर प्रदेश प्रगति करे, इसके लिये स्पर्धा हो रही है। प्रदेश आगे बढ़ेगा तो देश आगे बढ़ेगा। मध्यप्रदेश अब बीमारू राज्य नहीं रहा। अब यह तेजी से विकासशील राज्य बनकर कई क्षेत्र में अग्रणी है। प्रदेश में निवेश के लिये बेहतर अधोसंरचना उपलब्ध है। प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति सबसे अच्छी है। प्रदेश में एक समय चम्बल क्षेत्र में जहाँ बीहड़ वन थे, आज वे औद्योगिक क्षेत्र के रूप में अपनी पहचान बना रहे हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि मध्यप्रदेश ऐसा पहला राज्य है, जिसने सबसे पहले रिवर लिंकिंग प्रोजेक्ट पूरा किया है। नर्मदा को क्षिप्रा से लिंक किया गया है। श्री चौहान ने कहा कि केवल खेती ही सबका पेट नहीं भर सकती, इसलिये राज्य सरकार उद्योगों पर ज्यादा ध्यान दे रही है, ताकि ज्यादा से ज्यादा युवाओं को रोजगार मुहैया करवाया जा सके। युवाओं को उद्यमी बनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना के माध्यम से 10 लाख से एक करोड़ रूपये तक का ऋण उपलब्ध करवाया जा रहा है। उन्हें 15 प्रतिशत का अनुदान दिया जाता है और पाँच वर्ष के लिये ब्याज में 5 प्रतिशत सबसिडी दी जा रही है। प्रदेश में 100 करोड़ रूपये का वेंचर केपिटल फंड बनाया गया है। निवेशकों की सुविधा के लिये नीतियों में परिवर्तन किया गया है तथा सिंगल विण्डो प्रणाली शुरू की गयी है। लोक सेवा प्रदाय गारंटी कानून बनाया गया है। इसमें विभिन्न सेवाओं के प्रदान करने की समय-सीमा तय की गयी है। इसमें देरी होने पर दण्ड का प्रावधान किया गया है। प्रदेश में उद्योग उन्मुखी वातावरण होने का कारण ही आज पंजाब की टेक्सटाइल इण्डस्ट्री मध्यप्रदेश की ओर रूख कर रही है।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आज मध्यप्रदेश अधोसंरचना विकास के मामले में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। सड़क, बिजली और पानी की पर्याप्त उपलब्धता मध्यप्रदेश में मौजूद है। सबसे अधिक महत्वपूर्ण यह है कि वर्तमान राजनैतिक नेतृत्व निवेशकों के साथ मित्रवत् भावना के साथ व्यवहार करता है। प्रदेश का मुख्यमंत्री सीएम ही नहीं सीईओ भी है। औद्योगिक विकास हमारी सर्वोच्च प्राथमिकता है और सिर्फ बड़े उद्योग नहीं, लघु, कुटीर उद्योगों का जाल हम प्रदेश में फैलाना चाहते हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने उद्योगपतियों एवं कम्पनियों के पदाधिकारियों से प्रदेश में निवेश करने और उद्योग लगाने का आव्हान किया।
इस अवसर पर उद्योग मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि प्रदेश में निवेश के लिये बेहतर माहौल है। मुख्य सचिव श्री अंटोनी डिसा, प्रमुख सचिव उद्योग श्री मोहम्मद सुलेमान ने प्रदेश की औद्योगिक नीति की जानकारी दी।
इस दौरान लेप्प इंडिया के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री मार्क जारॉर्ट, माइण्ड ट्री के एक्जीक्यूटिव चेयरमेन श्री कृष्ण कुमार नटराजन, ग्रुप ऑफ गारमेंट मेन्युफेक्चर्स वर्धमान ग्रुप के को-ऑर्डिनेटर श्री मुकेश बंसल, मयूर यूनीक्वॉटर के चेयरमेन श्री सुरेश के. पोड्डर, को-ऑर्डिनेटर श्री स्वप्निल व्यास, एमेजॉन सेलर सर्विस के डायरेक्टर श्री अविनाश रामाचन्द्रा, स्माइल सिक्यूरिटी एण्ड सर्विलेंस के मैनेजिंग डायरेक्टर श्री राहुल गुप्ता, वाल्वो इंडिया के एम.डी. श्री कमल बाली, ए.बी.बी. के एम.डी. श्री संजीव शर्मा सहित अन्य कम्पनी़, औद्योगिक संगठनों के पदाधिकारी उपस्थित थे।