निवेश संवर्धन मंत्री परिषद् समिति की बैठक सम्पन्न

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मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में उद्दोग मंत्री राजेन्द्र शुक्ल ,वित्त मंत्री जयंत मलैया , सूक्ष्म लघु उद्दोग मंत्री संजय पाठक ,प्रमुख सचिव अंटोनी डीशा की उपस्थिति में  निवेश संवर्धन मंत्री परिषद् समिति की बैठक में उद्दोगों के बेहतर विकास के लिए जरुरी पूंजी  निवेश के सभी पहलुओ पर चर्चा की गई |

आज मुख्यमंत्री श्री चौहान से  मंत्रालय में ब्रिटिश डिप्टी हाई कमिश्नर श्री कुमार अय्यर ने मुलाकात भी की मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि प्रदेश में पूँजी निवेश के लिये बेहतर वातावरण, उद्योग मित्र नीति और अधोसंरचना उपलब्ध है। मध्यप्रदेश निवेश के लिये आदर्श प्रदेश है। मुख्यमंत्री श्री चौहान से आज यहाँ मंत्रालय में ब्रिटिश डिप्टी हाई कमिश्नर श्री कुमार अय्यर ने मुलाकात की। इस दौरान डी.एफ.आई.डी के कन्ट्री हेड श्री मार्शल इलियट भी उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि आज मध्यप्रदेश देश का सबसे तेजी से विकसित प्रदेश है। मेक इन एम.पी. कार्यक्रम के लिये आगामी अक्टूबर माह में ग्लोबल इनवेस्टर्स समिट आयोजित की जा रही है। डी.एफ.आई.डी के माध्यम से इंग्लेंड प्रदेश में बहुत पहले से कार्य कर रहा है। प्रदेश में निवेश आकर्षित करने के लिये होने वाली उनकी इंग्लेंड यात्रा का फोकस स्मार्ट सिटी और स्किल डेव्हलपमेंट रहेगा। प्रदेश के सात शहर का चयन स्मार्ट सिटी के रूप में किया गया है। प्रदेश के अन्य शहरों को भी स्मार्ट बनाया जायेगा। प्रदेश में अगले तीन वर्ष में नगरीय विकास के क्षेत्र में 75 हजार करोड़ रूपये खर्च होंगे। ग्रामीण क्षेत्र में समूह पेयजल योजनाओं पर 18 हजार करोड़ रूपये खर्च किये जायेंगे। प्रदेश में ई-टेंडरिंग की पारदर्शी प्रणाली लागू है। उन्होंने कहा कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में इंग्लेंड से अधिक से अधिक निवेशक शामिल हो। लन्दन में यू.के. इन्वेस्टर्स बिजनेस काउंसिल के सहयोग से इन्वेस्टर्स समिट आयोजित की जायेगी। निवेश के साथ रोजगार सृजन के अवसर बढ़ाने पर जोर है।

ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में इंग्लेंड पार्टनर कंट्री रहेगा

चर्चा के दौरान ब्रिटिश डिप्टी हाई कमिश्नर श्री अय्यर ने बताया कि ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में इंग्लेंड पार्टनर कंट्री रहेगा। इंग्लेंड द्वारा देश में तीन स्मार्ट सिटी के लिये सहयोग किया जा रहा है, उसमें इंदौर शामिल है। स्मार्ट सिटी के अलावा वाटर ट्रीटमेंट और नवकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में सहयोग किया जा सकता है। इंग्लेंड के विदेशी पूँजी निवेश का दस प्रतिशत भारत में निवेशित है। उनके देश की औद्योगिक कम्पनियाँ गुजरात, महाराष्ट्र और दिल्ली में विभिन्न क्षेत्रों में कार्यरत है। ये कंपनियाँ मध्यप्रदेश में आ सकती हैं।

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