पूर्ण गौशालाओं का पंजीयन कराकर नियमित संचालन कराएं – कलेक्टर

पूर्ण गौशालाओं का पंजीयन कराकर नियमित संचालन कराएं – कलेक्टर
गौशालाओं में गौवंश के लिए चारे, भूसे और पानी की उचित व्यवस्था करें – कलेक्टर
रीवा 11 जनवरी 2024. कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक में कलेक्टर श्रीमती प्रतिभा पाल ने गौशालाओं के संचालन की विकासखण्डवार समीक्षा की। कलेक्टर ने कहा कि स्वीकृत गौशालाओं का निर्माण कार्य 15 फरवरी तक अनिवार्य रूप से पूरा कराएं। इनका तत्काल पंजीयन कराकर नियमित संचालन कराएं। ग्राम पंचायतों तथा स्वसहायता समूहों को गौशालाओं के संचालन के लिए समय पर राशि उपलब्ध कराएं। प्रत्येक गौशाला में चारे, भूसे और पानी की उचित व्यवस्था करें। सभी एसडीएम गौशालाओं में चारे की व्यवस्था के लिए आसपास उपलब्ध जमीन गौशाला को प्रदान करें। स्वसहायता समूह तथा ग्राम पंचायतें इस जमीन पर मनरेगा से चारागाह का विकास करें। इससे गौवंश के लिए हरे चारे की व्यवस्था के साथ रोजगार के अवसर सृजित होंगे। एसडीएम और जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी गौशालाओं का नियमित रूप से निरीक्षण करें।
बैठक में कलेक्टर ने कहा कि जिले में बड़ी संख्या में निराश्रित गौवंश हैं। इन्हें बसामन मामा गौ अभ्यारण्य तथा गौशालाओं में सुरक्षित और व्यवस्थित कराएं। गौशाला चलाने वाले स्वसहायता समूहों को अन्य आर्थिक गतिविधियों का अवसर दें। जिससे वे गौशाला का संचालन कर सकें। गोबर पर आधारित गोकाष्ठ, गोनाइल तथा जैविक उर्वरक बनाकर भी स्वसहायता समूहों को अतिरिक्त आय मिल सकती है। उप संचालक पशुपालन प्रत्येक गौशाला के लिए पशु चिकित्सा अधिकारी तथा गौ सेवक तैनात करें। इनके द्वारा हर सप्ताह गौशाला का भ्रमण कर वहाँ गौवंश को आवश्यक देखभाल में सहयोग किया जाए। जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी गौशालाओं के संचालन की नियमित मॉनीटरिंग करें। उप संचालक पशुपालन टीएल बैठक में गौशालाओं के संबंध में प्रतिवेदन हर सप्ताह प्रस्तुत करें।
बैठक में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी डॉ सौरभ सोनवणे ने बताया कि जिले में 192 गौशालाओं का निर्माण स्वीकृत किया गया है। इनमें से 157 का निर्माण कार्य पूरा हो गया है। लगभग 130 गौशालाओं का संचालन किया जा रहा है। शेष गौशालाओं का निर्माण कार्य 15 फरवरी तक पूरा करा लिया जाएगा। पशुपालन विभाग के सहयोग से सभी गौशालाओं का पंजीयन कराया जा रहा है। सभी एसडीएम विकासखण्ड स्तर पर गौसंवर्धन बोर्ड की बैठक आयोजित कर गौशाला संचालन की समीक्षा करें। ग्रामीण विकास विभाग द्वारा निर्मित सभी अमृत सरोवरों को खसरे में दर्ज कराएं। बैठक में उप संचालक पशुपालन डॉ राजेश मिश्रा, सभी एसडीएम, जनपद के मुख्य कार्यपालन अधिकारी तथा अन्य संबंधित अधिकारी उपस्थित रहे।

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