कृषि के साथ उद्यानिकी के क्षेत्र में किसान आगे आयें – कलेक्टर

संभाग स्तरीय उद्यानिकी कार्यशाला संपन्न

रीवा 26 मार्च 2021. कृषि विज्ञान केन्द्र रीवा में उद्यानिकी के क्षेत्र में किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिये संभागीय कार्यशाला का आयोजन गत दिनों किया गया। उद्यानिकी विभाग के तत्वाधान में आयोजित कार्यशाला में संभाग भर में उद्यानिकी विभाग के अधिकारी, कृषि विभाग, कृषि महाविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक, उद्यानिकी विशेषज्ञ सहित किसान एवं कृषि महाविद्यालय के छात्रों ने भाग लिया।
इस अवसर पर कलेक्टर रीवा इलैयाराजा टी ने कहा कि कार्यशाला की सफलता तभी है जब इसके माध्यम से किसानों में कुछ करने की इच्छाशक्ति जागृत हो तथा वह उद्यानिकी के क्षेत्र में आगे आये । उन्होंने कहा कि युवा वर्ग भी कृषि व उद्यानिकी क्षेत्र में आगे आ रहे हैं। वह उत्पादन व उत्पादकता के साथ अधिक से अधिक लाभ की दृष्टि से फसलों को भी चयनित कर मुनाफा कमा रहे है। कार्यशाला में उनके बारे में किसानों ने अपनी-अपनी समस्याओं को बताया जिनके निराकरण के संबंध में कलेक्टर ने सहयोग की बात कही। कार्यशाला में कृषि महाविद्यालय के डॉ. एस.के. पाण्डेय ने कहा कि यह कार्यशाला एक संगम की तरह है क्योंकि इसमें एक ही स्थल पर कृषि उद्यानिकी, किसान, कृषि कालेज के छात्र उपस्थित है। जहां फूड प्रोसेसिंग, आर्गेनिक खेती आदि के संबंध में चर्चा हो रही है। उन्होंने कहा कि इस क्षेत्र में फूड प्रोसेसिंग की अपार संभावनायें है क्योंकि यहां कच्चा माल पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध है।
संयुक्त संचालक जेपी कोल्हेकर ने उद्यानिकी के क्षेत्र में अधिक रूचि लेने की अपेक्षा की। पढ़े लिखे किसानों के बच्चों को आगे आकर उद्यानिकी में काम करने व लाभ लेने की बात कही। जिला पंचायत कृषि समिति के अध्यक्ष लल्लू प्रसाद कुशवाहा ने भी अपने विचार रखे। इस अवसर पर सहायक संचालक उद्यान योगेश पाठक, कृषि विज्ञान केन्द्र के कृषि वैज्ञानिक डॉ. राजेश सिंह, कृषि महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ. आरपी जोशी, सीए प्रशान्त जैन, एसके पाण्डेय आदि ने अपने विचार व्यक्त किये। उद्यान अधीक्षक एसएन शर्मा सहित उद्यानिकी विभाग ने अधिकारियों ने अतिथियों का स्वागत किया। कार्यशाला में रीवा में हल्दी की खेती पर आधारित प्रस्तुतिकरण दिया गया । इस दौरान आम की ब्राण्डिगं, सर्टीफिकेशन आदि के संबंध में बताया गया। सतना के अधिकारियों ने मैहर क्षेत्र में टमाटर व करेले की खेती व उससे तैयार होने वाले उत्पाद से आय प्राप्त करने की तरीके बताये।सतना  जिले से किसान अजय नारायण त्रिपाठी के साथ   कई किसान   शामिल  रहेे। रीवा को एक जिला एक   एक उत्पाद के रूप में सुन्दरजा आम के लिये चयनित किया गया है। इस जिले में आम की खेती व उसके उत्पाद से होने वाली आय के तौर तरीके अपनाने का जोर दिया गया। उद्यानिकी उत्पादों को बाहर बड़ी मण्डियों में बिक्री करने व विदेशो में निर्यात करने की संभावनाओं के बारे में भी बताया गया।

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