विन्ध्य में होमस्टे पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं – पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ल

रीवा के फूड एंड क्रॉप इन्स्टिट्यूट में मध्यप्रदेश के पर्यटन बोर्ड द्वारा संचालित होम-स्टे योजना हेतु संभाग स्तरीय एक दिवसीय कार्यशाला एवं व्यंजन प्रतियोगिता में प्रतिभागियों को सम्मानित  करते हुए  उनका उत्साहवर्धन किया ।

रीवा 19 मार्च 2021. पर्यटन विकास निगम द्वारा बड़े और महंगे होटलों के स्थान पर घर में पर्यटकों को रूकने की सुविधा देकर पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये होमस्टे पर्यटन योजना शुरू की गई है। इसकी एक दिवसीय कार्यशाला पर्यटन विकास निगम के फूड एण्ड क्राफ्ट संस्थान रीवा में आयोजित की गई। कार्यशाला में पूर्व मंत्री  पुष्पराज सिंह ने कहा कि विन्ध्य में होमस्टे पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं। पूरे विन्ध्य में कई बड़े प्रपात, सुंदर प्राकृतिक स्थल, विकसित गांव, प्रचुर वन संपदा तथा वन्यजीव हैं। विन्ध्य में संस्कृति और भोजन की अनूठी परंपरा है। विन्ध्य के एक सौ से अधिक व्यंजन, अचार तथा चटनी पर्यटकों में तेजी से लोकप्रिय हो रहे हैं।
श्री सिंह ने कहा कि मुकुंदपुर व्हाइट टाइगर सफारी तथा जिले के बहुती, पुर्वा, चचाई एवं क्योटी प्रपातों के आसपास के गांवों में होमस्टे पर्यटन को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। इससे लोगों को पर्यटन की दुनिया में आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा। लक्ष्मणबाग संस्थान के मंदिरों के परिसरों में टेंपल टूरिज्म की सुविधा विकसित की जानी चाहिए। कार्यशाला में कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने कहा कि होमस्टे पर्यटन से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। रीवा तथा आसपास के क्षेत्रों में ऐतिहासिक एवं प्राकृतिक रूप से सुंदर कई स्थान हैं। शहर के लोगों को अवकाश के दिनों में इनका भ्रमण करना चाहिए। इसके लिये शीघ्र ही बस सेवा शुरू करने का भी विचार किया जा रहा है। रीवा में अभी एक भी होमस्टे पर्यटन विकास निगम में पंजीकृत नहीं हैं। जागरूक लोग आगे बढ़कर इस योजना का लाभ लेते हुए कम से कम 10 होमस्टे पंजीकृत करायें। पर्यटन से अच्छी आय प्राप्त होती है। साथ ही पर्यटन का अनुभव भी अनूठा होता है। कई व्यक्ति केवल अनुभव के लिये अच्छी धनराशि खर्च करके होमस्टे के अनुभव का लाभ लेना चाहेंगे।
बैठक में पर्यटन विकास निगम के संचालक डॉ. मनोज सिंह ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये ग्रामीण पर्यटन होमस्टे तथा फार्मस्टे जैसे नवाचार किये जा रहे हैं। पर्यटकों को महंगे होटलों के स्थान पर घर जैसे वातावरण में रहने की सुविधा दी जाती है। घर में ही दो या तीन कमरे सामान्य सुविधाओं अच्छे फर्नीचर तथा भोजन की सुविधा के साथ होमस्टे योजना में पंजीयन कराया जा सकता है। पंजीयन की ऑनलाइन सुविधा उपलब्ध है। अपने घर में पर्यटकों को ठहरने की सुविधा देने के लिये केवल स्वच्छता और सुरक्षा में ध्यान देने की आवश्यकता है। पर्यटन विकास निगम पंजीयन फीस के अलावा कोई राशि आपसे नहीं लेगा। पर्यटक से मिलने वाली पूरी राशि आपकी होगी। साल में यदि 50 दिन होमस्टे व्यवसाय होता है तो निगम आपको 15 हजार रूपये की प्रोत्साहन राशि देगा। योजना के प्रचार प्रसार में भी निगम आपको सहयोग देगा।
कार्यशाला में होमस्टे योजना के प्रावधानों की विस्तार से जानकारी दी गई। कार्यशाला में बताया गया कि होमस्टे योजना का उद्देश्य सांस्कृतिक मूल्यों का विनिमय, स्थानीय स्तर पर रोजगार सृजन, पर्यटन में निजी क्षेत्र की भागीदारी बढ़ाना तथा पर्यटन के लिये अतिरिक्त कक्षों की व्यवस्था करना है। जब कोई पर्यटक किसी व्यक्ति के घर में रूकता है तो वह स्थानीय व्यंजन, कला, गीत-संगीत, शिल्पकला, कपड़े, परंपरा, त्यौहार आदि से अधिक गहराई से परिचित होता है। होटल में रूकने पर यह सुविधा नहीं होती है। कार्यशाला में विन्ध्य में पर्यटन की विकास की संभावनाओं पर भी विस्तार से चर्चा की गई। कार्यशाला में डॉ. ज्योति सिंह, डॉ. मुकेश येंगल, राइडर क्लब के विक्रांत द्विवेदी ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यशाला में महाप्रबंधक उद्योग यूबी तिवारी, सेवानिवृत्त चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. एचपी सिंह, जिला प्रबंधक ई-गवर्नेंस आशीष द्विवेदी, जिला प्रबंधक आजीविका मिशन अजय सिंह, सीए प्रशांत जैन तथा समाजसेवी, व्यवसायी तथा विभिन्न क्षेत्रों के प्रतिनिधि उपस्थित रहे। कार्यशाला का समापन फूड एण्ड क्राफ्ट संस्थान के प्राचार्य बीएल मुंडे द्वारा आभार प्रदर्शन से हुआ।

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