रीवा में बघेली पीठ की स्थापना के सभी प्रयास किये जायेंगे – पूर्व मंत्री एवं रीवा विधायक श्री राजेन्द्र शुक्ल

बघेलखण्ड सांस्कृतिक महोत्सव समिति द्वारा आयोजित हुआ बघेली लोक समागम कार्यक्रम

रीवा 20 दिसम्बर 2020. बघेलखण्ड सांस्कृतिक महोत्सव समिति के तत्वाधान में अयोजित बघेली लोक समागम कर्याक्रम में बघेली रचनाकारों का सम्मान किया गया। इस अवसर पर ज्योति पत्रिका के बघेली विशेषांक तथा प्रदीप बनर्जी द्वारा लिखित बघेली कहानी संग्रह का विमोचन भी हुआ।
कार्यक्रम को मुख्य अतिथि के तौर पर सम्बोधित करते हुए पूर्व मंत्री एवं रीवा विधायक श्री राजेन्द्र शुक्ल ने कहा कि बघेली भाषा के संरक्षण व संवर्धन के लिये अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय रीवा में बघेली पीठ की स्थापना के सभी प्रयास किये जायेंगे। उन्होंने कहा कि संस्कृति, भाषा, परंपरा को आत्मसात किये बिना विकास संभव नहीं है अत: जरूरी है कि हम अपनी बोली के संरक्षण के लिये तत्पर रहें तथा इसे सशक्त बनाने का प्रयास करें क्योकि हमारी विरासत गरिमामय है। श्री शुक्ल ने कहा कि बघेली के जनकवि शंभू प्रसाद द्विवेदी “काकू’’ के नाम से ऋतुराज पार्क में वाचनालय की स्थापना की जायेगी तथा कोरोना संक्रमण के समाप्त होते ही विन्ध्य महोत्सव का आयोजन पुन: प्रारम्भ कराया जायेगा। पूर्व मंत्री ने कहा कि बघेली लोक समागम के इस आयोजन से जो निषकर्ष निकलेगा उसे आत्मसात किया जायेगा। बघेली के रचनाकारों की रचनाओं में अपनी धीरती के सोधेपन का अहसास मिलता है।
इस अवसर पर अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय के प्रभारी कुलपति प्रो. एन.पी.पाठक ने कहा कि बघेली पीठ की स्थापना का प्रस्ताव तैयार कर लिया गया है इसे शीघ्र की शासन को प्रेषित कर दिया जायेगा। ऐसे आयोजनों से अपनी भाषा व संस्कृति को वढ़ावा मिलता है तथा बघेली के प्रति लोगों का जुड़ाव बढ़ेगा। वरिष्ठ साहित्यकार चन्द्रिका प्रसाद चन्द्र ने कहा कि बघेली भाषा के उत्थान के लिये हम सब मिलकर प्रयास करें। पद्मश्री पुरस्कार प्राप्त बघेली के कवि बाबूलाल दाहिया ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि लोक संस्कृति परिस्थितियों के अनुसार बदलती रहती है। बघेली पर्यावरण से जोड़ने का भी कार्य करती है।
कार्यक्रम में बघेली भाषा में स्वागत उद्बोधन देते हुए देवेन्द्र सिंह ने कहा कि बघेली लगभग 2 करोड़ लोग बोलते है अत: इसके संरक्षण संवर्धन के प्रयास होने चाहिए। कार्यक्रम का संचालन बघेली के वरिष्ठ कवि रामनरेश निष्ठुर ने बघेली में किया। इस अवसर पर शैफुद्दीन शैफू, बैजनाथ बैजू व शंभू काकू के परिजनों का शाल श्रीफल से सम्मान किया गया। कार्यक्रम में अवध ज्योति पत्रिका के बघेली विशेषांक के संपादक रामगरीब पाण्डेय विकल तथा उप संपादक रामबहादुर मिश्रा, रमाकांत पाण्डेय द्वारा अतिथियों का सम्मान किया गया। इस अवसर पर आयोजक जगजीवन लाल तिवारी, डॉ. मुकेश येंगल, हेमंत त्रिपाठी, गजेन्द्र सिंह गज्जू ने आगंतुकों का स्वागत किया। इस अवसर पर डॉ. सेवाराम त्रिपाठी, कलिका प्रसाद त्रिपाठी ने भी अपने विचार व्यक्त किये। कार्यक्रम में राजकुमार तिवारी ने विन्ध्य गीत की प्रस्तुति दी। द्वितीय सत्र में बघेली कवि सम्मेलन का आयोजन हुआ। इस दौरान रीवा, सतना, सीधी, शहडोल के रचनाकार, कवि बुद्धिजीवी, विधायक प्रतिनिधि विवेक दुबे सहित बड़ी संख्या में सुधी श्रोता उपस्थित रहे।

Facebook Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *