आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के संरक्षण, संवर्धन एवं प्रगति के हर संभव प्रयास किये जायेंगे – पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री

पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री पटेल आयुष कर्मचारी संघ के स्नेह मिलन सम्मेलन में हुये शामिल

रीवा 02 फरवरी 2020. प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री कमलेश्वर पटेल ने आज जिला आयुर्वेद चिकित्सालय में आयोजित आयुष कर्मचारी संघ के स्नेह मिलन सम्मेलन में कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति हमारे देश के 5 हजार वर्ष पुरानी चिकित्सा पद्धति है। इसमें पूरी तरह से जड़ी-बूटियों की सहायता से इलाज किया जाता है। गंभीर बीमारियां होने पर मरीज के परिजन दूसरी चिकित्सा पद्धतियों में इलाज कराने के पश्चात रोग के ठीक न होने पर थकहार कर आयुर्वेद से इलाज कराने आते हैं और पूरी तरह से स्वस्थ्य होकर वापस लौटतें हैं। उन्होंने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति की एक विशेषता और है कि इसमें औषधियों का कोई साइडइफैक्ट नहीं होता। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री जी आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति के उत्त्तरोतर प्रगति और हर संभव सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए गंभीर हैं। इससे पूर्व मंत्री श्री पटेल ने भगवान धनवंतरी के चित्र में माल्यार्पण एवं दीप प्रज्जवलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम में समाजसेवी कुंवर सिंह, प्राचार्य दीपक कुलश्रेष्ठ, आशीष दुबे, डॉ. डी.के. साहू, डॉ. ओ.पी. द्विवेदी, दिनेशचन्द्र, डॉ. पवन जैन, डॉ. एस.एन. तिवारी, डॉ. निरजा शुक्ला, अरूण मिश्र, दिनेश तिवारी, जितेन्द्र त्रिपाठी, चन्द्रमणि सहित छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।
मंत्री श्री पटेल ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा संस्थान के चिकित्सक असुविधाओं एवं कमियों के बाद भी जी जान से मरीज की चिकित्सा में लगे रहते हैं और उसे पूरी तरह से स्वस्थ्य कर घर वापस भेजते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे पूर्वज एवं मनीषी वनों में उपलब्ध जड़ी-बूटियों का अनुसंधान कर उसे इलाज के लिए उपयोग करते थे। प्राचीन समय में आयुर्वेद सबसे विश्वसनीय एवं सटीक चिकित्सा पद्धति थी, जिससे बीमार पूरी तरह से स्वस्थ्य हो जाता था। उन्होंने चिकित्सकों की मांग पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री से पर्याप्त मात्रा में औषधियां एवं चिकित्सा उपकरण उपलब्ध कराने का आश्वसन दिया। मंत्री ने आयुष कर्मचारियों की परिवीक्षा अवधि समाप्त करने की सहमति दी तथा इंटर्नशिप कर रहे चिकित्सकों का मानदेय 7 हजार से 14 हजार करने की सहमति दी। मंत्री श्री पटेल ने कहा कि आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को विकसित एवं प्रतिस्थापित करने के लिए प्रदेश सरकार पूरी तरह से गंभीर है एवं इसको सुविधा संपन्न बनाने के लिए पर्याप्त मात्रा में औषधिया,ँ उपकरण और अधोसंरचना के विकास के लिए पर्याप्त मदद दी जायेगी।
चिकित्सालय में भर्ती मरीजों से मिले मंत्री:- पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री पटेल जिला आयुर्वेद चिकित्सालय के विभिन्न वार्डो में भर्ती मरीजों से रूबरू होकर उनके उपचार तथा औषधियों की जानकारी ली। मंत्री श्री पटेल ने आयुर्वेद चिकित्सालय में पंचकर्म चिकित्सा, सर्जरी यूनिट, ई.एन.टी., फीजियोथैरेपी कक्षों का निरीक्षण किया। उन्होंने गोविंदगढ़ से आयी लकवा की मरीज मुन्नी देवी, गुढ़ से आयी शिवकली, डायबिटीज की मरीज श्रीमती कीर्ति द्विवेदी, वीरखाम की रानी सेन, खजुहा के छोटे लाल चौरसिया एवं राघवेन्द्र द्विवेदी से उनके उपचार एवं प्राप्त औषधियों की जानकारी ली। जिला आयुर्वेद चिकित्सालय के प्राचार्य दीपक कुलश्रेष्ठ ने बताया कि वर्तमान में विभिन्न वार्डो में 50 मरीज भर्ती होकर अपना इलाज करवा रहे हैं। चिकित्सकों द्वारा पंचकर्म एवं अन्य उपचार पद्धतियों से उनका इलाज किया जा रहा है।
प्राचार्य श्री कुलश्रेष्ठ ने कहा कि जिला आयुर्वेद महाविद्यालय में गंभीर बीमारियों का इलाज किया जाता है। लेकिन पर्याप्त मात्रा में औषधियों की आपूर्ति करने पर यहां भी मरीजों की संख्या बढ़ेगी और उनका उपचार किया जायेगा।
आयुष कर्मचारी संघ के अध्यक्ष भरतलाल मिश्रा ने कहा कि आयुर्वेद कर्मचारियों की बहुप्रतीक्षित कर्मचारियों की परिवीक्षा अवधि समाप्त करायी जाय। उन्हें एलोपैथी चिकित्सा कर्मचारियों की तरह सुविधाएं उपलब्ध करायी जाय। आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति प्राचीन चिकित्सा पद्धति है इसे लोकव्यापी बनाने के लिए मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध करायी जाय। इससे पूर्व पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री श्री कमलेश्वर पटेल को शाल श्रीफल देकर सम्मानित किया गया।

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