जागरूकता से ही एड्स का बचाव संभव है : कमिश्नर डॉ. भार्गव

विंध्यांचल कॉलेज ऑफ नर्सिंग में मनाया गया विश्व एड्स दिवस

रीवा 01 दिसंबर 2019. कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. अशोक कुमार भार्गव के मुख्य आतिथ्य में विंध्यांचल कॉलेज ऑफ नर्सिंग में विश्व एड्स दिवस पर कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कमिश्नर डॉ. भार्गव ने उपस्थित जन समुदाय के समक्ष अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि एड्स महाघातक और लाइलाज बीमारी है। यह एचआईवी वायरस के कारण फैसली है जो हमारी नैसर्गिक प्रतिरोधक क्षमता को धीरे-धीरे कमजोर करता है। इससे बचने के लिए समाज में सकारात्मक माहौल बनाना और जागरूकता बढ़ाना जरूरी है।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि एचआईवी वायरस हमारे खून में उपस्थित श्वेत रक्त कणिकाओं को धीरे-धीरे कमजोर करता है जिससे लाल रक्त कणिकाओं का संतुलन बिगड़ने से खून का भी संतुलन बिगड़ जाता है। एड्स की बीमारी चार कारणों से फैलती है जिसमें एचआईवी संक्रमित महिला या पुरूष के साथ असुरक्षित यौन संबंध बनाने, एचआईवी संक्रमित सुई के साझा उपयोग, एचआईवी संक्रमित खून और खून के उत्पादों के उपयोग एवं एचआईवी संक्रमित गर्भवती महिला के जन्म देने से बच्चे में एड्स की बीमारी हो सकती है। इससे बचने के लिए यौन संबंध के दौरान कंडोम का उपयोग कर सुरक्षा रखना, हर बार नई सुई का उपयोग, रजिस्टर्ड ब्लड बैंक से सुरक्षित ब्लड लेने से एवं गर्भावस्था के प्रथम तिमाही में ही एचआईवी की जांच कराना जरूरी है। कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि एचआईवी का वायरस हमारे शरीर की कोशिकाओं में पनपता है एड्स की बीमारी ने दुनिया में भय, दहशत और मिथ्या भावनाओं को जन्म दिया है जिसके प्रति कोई व्यक्ति खुलकर बहस नहीं करना चाहता है। अत: इसके संबंध में ज्यादा से ज्यादा जागरूकता बढ़ाना जरूरी है। उन्होंने कहा कि एचआईवी पॉजिटिव व्यक्ति के साथ रहने से एड्स नहीं होता है लोगों को यह समझाना हम सभी का कर्तव्य है। उन्होंने कहा कि विवाह के पूर्व एचआईवी टेस्ट करा लेने से जीवन सुखद होता है।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि संसार में हर व्यक्ति सुखी रहना चाहता है और वह कभी बीमार नहीं होना चाहता। यदि हमारे आचार-विचार और आहार-विहार अच्छा होगा तो हम सुखी रह सकते हैं। उन्होंने कहा कि तनाव ग्रस्त रहकर व्यक्ति सुखी नहीं रह सकता। उन्होंने नर्सिंग छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि पीड़ित मानवता की नि:स्वार्थ भाव से सेवा करना ही ईश्वर की सच्ची सेवा है। उन्होंने कहा कि नर्सिंग का कैरियर एक पवित्र व्यवसाय है, पीड़ित मानवता की सेवा का चमत्कारी कार्य है। हमें अपनी सकारात्मक सोच रखकर पीड़ित मानवता की सेवा करना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह संसार एक गूंज की तरह है हम जैसा देते हैं, वैसा ही हमें प्राप्त होता है। अगर हमें अपने जीवन को सार्थक बनाना है तो धन के पीछे नहीं भागना चाहिए। हम सबको यह संकल्प लेना चाहिए की तेजी से पांव पसार रही एड्स की बीमारी के प्रति जागरूकता फैलाएं।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर सेवानिवृत्त अधीक्षक संजय गांधी स्मृति चिकित्सालय डॉ. सीबी शुक्ला, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.एस. पाण्डेय, उप संचालक स्वास्थ्य सेवाएं डॉ. एन.पी. पाठक, जिला नोडल अधिकारी एड्स नियंत्रण समिति डॉ. बीएल मिश्रा ने भी अपने विचार व्यक्त किए। कार्यक्रम के पश्चात अतिथियों ने एड्स के प्रति जागरूकता रैली को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली का समापन स्वामी विवेकानंद पार्क पर हुआ। कार्यक्रम के अंत में महाविद्यालय की प्राचार्य द्वारा आभार व्यक्त किया गया। कार्यक्रम में छात्राओं ने स्वागत गीत एवं नशा मुक्ति तथा साफ-सफाई पर केन्द्रित एक लघु नाटिका की प्रस्तुति दी, जिसकी सभी ने सराहना की। कमिश्नर डॉ. भार्गव जी निरोगी काया अभियान के अंतर्गत संचालित गतिविधियों के तहत सभी को जोर-जोर से हंसने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने अपने उद्बोधन के पूर्व सभी को जोर से हंसाया और कहा कि स्वस्थ रहने के लिए हंसना बहुत जरूरी है।

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