व्यंकट भवन एवं सुरंग का होगा कायाकल्प – कलेक्टर

रीवा 19 नवम्बर 2019. रीवा जिले के पुरातात्विक एवं पर्यटन क्षेत्रों को विकसित एवं संरक्षित करने के लिये प्रभावी कार्यवाही की जायेगी। अब पुरातत्व एवं पर्यटन संवद्र्धन को मिलाकर जिला पुरातत्व एवं पर्यटन परिषद का गठन किया गया है। कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने पर्यटन संवद्र्धन एवं पुरातत्व संघ की बैठक की अध्यक्षता करते हुये बताया कि व्यंकट भवन एवं सुरंग का शीघ्र ही जीर्णोंद्धार किया जायेगा। इसके कायाकल्प के लिये इफको द्वारा राशि उपलब्ध करायी जायेगी। इसके लिये डी.पी. आर. तैयार किया जा रहा है।
बैठक में कलेक्टर ने कहा कि सुरंग के अंदर दर्शकों को आकर्षित करने के लिये पुरातत्व एवं पर्यटन संबंधी डाक्यूमेट्री तैयार की जाये। सुरंग को संरक्षित करने के लिये सुरंग के ऊपर के क्षेत्र में भारी वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित किया जायेगा। इसके लिये सूचना बोर्ड लगाया जाये कि यहां पुरातात्विक धरोहर है इसे सुरक्षित रखें। भारी वाहनों के प्रवेश निषेध के लिये नगर निगम ओवर हेड वायर लगायेगा। व्यंकट भवन के पास से सुरंग की अमरा कोठी एवं उद्यान विभाग के परिसर तक साफ-सफाई की जायेगी। व्यंकट भवन के चारो ओर साफ-सफाई कर सुन्दर गार्डेन विकसित किया जायेगा। पर्यटकों के बैठने के लिये चेयर लगाई जायेगी।
कलेक्टर ने कहा कि थाने में पुरातात्विक महत्व की जितनी मूर्तियां रखी है उन्हें पुरातत्व के उप संचालक को सौंपा जाये। उप संचालक इन मूर्तियों को व्यंकट भवन में स्थापित करेंगे। भारतीय पुरातत्व संग्रहालय द्वारा प्राचीन मूर्तियों को संग्रहीत करके रखा गया है उसे भी व्यंकट भवन में लाकर स्थापित किया जाये। व्यंकट भवन को केमिकल से रेनोवेट किया जायेगा और व्यंकट भवन को आकर्षक एवं सुन्दरता को भव्यता देने हेतु हाई मास्क लाइट लगाकर उसका फोकस व्यंकट भवन की ओर किया जायेगा।
कलेक्टर ने कहा कि जिले के पुरातत्व महत्व के स्थलों एवं पर्यटन क्षेत्रों का प्रचार करने के लिये ई-बुक बनाकर बेवसाइट में डाले। पुरातत्व के उप संचालक ने बताया कि व्यंकट भवन एवं सुरंग को संरक्षित करने के लिये विभाग द्वारा 10 लाख रूपये का आवंटन उपलब्ध कराया जा रहा है। कलेक्टर ने कहा कि पुरातत्व एवं पर्यटन को विकसित करने के लिये 14 दिसंबर को अधिकारी ककरेडी के जंगलों में ट्रैकिग करेंगे तथा 22 दिसंबर को पर्यटन क्षेत्रों का भ्रमण कराया जायेगा। बैठक में सहायक कलेक्टर शिशिर गेमावत, वन मण्डलाधिकारी सीएस सिंह, पुरातत्व के उप संचालक पीसी महोविया, अजय शंकर पाण्डेय, असद खान, मुकेश येंगल, गिरीश तिवारी, वाई.के. पाठक एवं अशोक सिंह उपस्थित थे।

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