कलेक्टर ने डभौरा में किया रात्रि विश्राम, लगाई चौपाल

निरीक्षण में प्रभारी हेडमास्टर की दो वेतन वृद्धियां रोकने के दिये निर्देश

रीवा 16 अक्टूबर 2019. कलेक्टर ओमप्रकाश श्रीवास्तव ने 15 अक्टूबर को डभौरा में रात्रि विश्राम किया। उन्होंने वहां रात्रि में चौपाल लगाकर ग्रामीणजनों से विभिन्न शासकीय योजनाओं पर चर्चा की। चर्चा में ज्ञात हुआ कि डभौरा में विगत तीन दिनों से विद्युत की स्थिति बहुत खराब है। रात तथा दिन में विद्युत की उपलब्धता सुनिश्चित नहीं हो पाती है। इस पर उन्होंने तत्काल एमपीईबी के एसई को फोन लगाकर निर्देशित किया कि वह अपने कर्मचारियों को फील्ड में भेजकर विद्युत व्यवस्था सुनिश्चित करायें।
रात्रि विश्राम के उपरांत कलेक्टर ने 16 अक्टूबर को प्रात: 8 बजे से डभौरा क्षेत्र का भ्रमण प्रारंभ किया। उन्होंने डभौरा के पास बनाई जाने वाली सिलिका सैंड के स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने कहा कि इस स्थल की वैज्ञानिक जांच करायी जाकर औद्योगिक उपयोग की सिलिका सैंड पाये जाने पर आगे आवश्यक कार्यवाही की जायेगी ताकि स्थानीय लोगों को रोजगार उपलब्ध हो सके। कलेक्टर ने इसके बाद कन्या माध्यमिक शाला डभौरा का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान पाया गया कि प्रभारी हेड मास्टर सुरेशचंद्र जायसवाल का न तो अपना लेसन प्लान है और न ही दैनंदिनी तैयार की गई है। बच्चों के गृह कार्य की जांच भी नहीं की जा रही है। प्रभारी हेड मास्टर द्वारा अभी तक बहुत कम कोर्स पढ़ाया गया है। इस प्रकार की लापरवाही पर कलेक्टर ने प्रभारी हेड मास्टर की दो वार्षिक वेतन वृद्धियां रोकने के निर्देश दिए। इसी विद्यालय पदस्थ संस्कृत विषय के शिक्षक काशी प्रसाद मिश्रा का कार्य उत्कृष्ट पाया गया। कलेक्टर ने शिक्षक को प्रशंसा पत्र जारी करने के निर्देश दिए। कलेक्टर ने इसके बाद क्षेत्र के हायर सेकंडरी स्कूल का निरीक्षण किया। निरीक्षण में पाया गया कि स्कूल का भवन का निर्माण कार्य 3 वर्षों से अधूरा पड़ा है। यह भी ज्ञात हुआ कि इसी प्रकार जिले के चार अन्य स्कूल भवन भी अधूरे हैं। कलेक्टर ने इस संबंध में तत्काल वरिष्ठ अधिकारियों को चेतावनी देते हुए एक माह के अंदर कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिए।
कलेक्टर द्वारा प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का निरीक्षण किया गया तथा रोगी कल्याण समिति की राशि से स्वास्थ्य केन्द्र की बाउंड्री स्वीकृत की गई। इसके अलावा शासन से प्राप्त चार लाख रूपये की राशि से अन्य कार्य प्रारंभ करने के निर्देश दिए गए। इस केन्द्र में नर्स का अभाव है जिनकी पदस्थापना के लिए सीएमएचओ को निर्देशित किया गया। सहकारी समिति के निरीक्षण में पाया गया कि उपस्थित किसानों की गिरदावरी को लेकर बहुत शिकायते हैं। उन शिकायतों के निराकरण के लिए तहसीलदार को निर्देशित किया गया। सहकारी समिति में खाद न होने की शिकायत प्राप्त हुई। 3 दिन के भीतर उपलब्ध कराने के निर्देश दिए गए। इसके पश्चात हरिजन बस्ती डभौरा से रेलवे पुल तक बनाए जाने वाले मार्ग का निरीक्षण किया गया। इस मार्ग के बनने से रेलवे फाटक बंद रहने पर भी आम जनता का आवागमन हो सकेगा। इसके अलावा बस्ती से बंडे तक की 7.50 किलोमीटर के मार्ग का भी निरीक्षण किया गया तथा आश्वासन दिया गया कि इसे किसी योजना में स्वीकृत कराने का प्रयास किया जाएगा। डभौरा में शमशान के लिए लकड़ी का अभाव है अत: वन मंडल अधिकारी को डबरा में शासकीय लकड़ी उपलब्ध कराने हेतु निर्देशित किया गया। इसके पश्चात ग्राम गेंदुरहा में बन रहे गौशाला का अवलोकन किया गया। निर्माण कार्य पर उन्होंने संतोष जताया तथा कहा गया कि जिले में बन रही 27 गौशालाओं में से लगभग आधी नवंबर के अंत तक प्रारंभ हो जाएंगी। शेष गौशाला में भी दिसंबर माह के अंत तक प्रारंभ करने का लक्ष्य रखा गया है। इस अवसर पर गेंदुरहा सरपंच माया सिंह व विश्वनाथ सिंह सहित ग्रामवासी उपस्थित थे। जवा में शिविर में कलेक्टर द्वारा कहा गया कि इतनी बड़ी संख्या में आवेदन पत्र प्राप्त होने का अर्थ है कि निचली मशीनरी ठीक से काम नहीं कर रही है। निर्देशित किया गया कि अब विकासखंड स्तरीय सभी अधिकारियों का विकासखंड पर रहना अनिवार्य किया जाएगा। सभी अधिकारियों को 7 दिन में अपने निवास के पते सहित जानकारी देना होगी। उनके विभागीय अधिकारी उनका सत्यापन करेंगे तथा रिपोर्ट 7 दिन के भीतर कलेक्टर को प्रस्तुत करेंगे। विकासखंड स्तरीय अधिकारी बिना अनुमति अपना मुख्यालय नहीं छोड़ सकेंगे और वह अपने नीचे के स्तर के अधिकारियों को भी अपने-अपने मुख्यालय पर रहना सुनिश्चित कराएंगे।

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