राम का जीवन-चरित्र समाज में शांति, सद्भाव व मैत्री को निर्मित करने की शिक्षा देता है – कमिश्नर डॉ. भार्गव

179 वें रामलीला महोत्सव में लंका दहन कार्यक्रम में शामिल हुए कमिश्नर

रीवा 07 अक्टूबर 2019. शहर के नृत्य राघव मंदिर परिसर में चल रहे 179वें रामलीला महोत्सव में लंका दहन का मंचन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने रामलीला मंचन को ऐतिहासिक बताया और कहा कि रामलीला सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं है, बल्कि हमारे समाज के चरित्र निर्माण की आधारशिला को मजबूत करने की कथा है। राम इस राष्ट्र की आत्मा हैं और जन-जन के प्रेरणा स्त्रोत हैं। उनका आदर्श और जीवन-चरित्र दुर्लभ है जो समाज में शांति, सद्भाव व मैत्री को निर्मित करने की शिक्षा देता है।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने चैत्र नवरात्रि में भगवान श्रीराम के जन्म से लेकर विजयादशमी तक उनके उत्कर्ष के प्रसंगों पर प्रकाश डाला। माँ दुर्गा के प्रति भगवान राम की श्रद्धा व भक्ति के प्रसंगों के बारे में बताते हुए कहा कि विजयादशमी का त्यौहार पराक्रम और साहस के प्रति मर्यादा पुरूषोत्तम राम की जय गाथा का दिवस है। रामनवमी का दिन भगवान राम के जन्म का दिन है। सुबह-सुबह अपने माता-पिता का आशीर्वाद लेने और बड़े बुजुर्गों का सम्मान करने से राम का चरित्र साकार हो जाता है।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने रामलीला समिति के आयोजकों की सराहना करते हुए डॉ. भार्गव ने कहा कि आज जब धर्म के क्षेत्र में संक्रमण का काल है, ऐसे में इस प्रकार के आयोजन समाज को सही दिशा देते हैं। इस प्रकार के आयोजन होते रहना चाहिए। उन्होंने नवरात्रि के इस पावन पर्व पर लोगों से बेटियों के प्रति श्रद्धा व सम्मान की भावना रखने का आग्रह किया। कार्यक्रम में उप संचालक सतीश निगम, रामलीला महोत्सव समिति के अध्यक्ष प्रतीक मिश्रा, उपाध्यक्ष देवेन्द्र शुक्ल, सचिव दीपक दुबे, कोषाध्यक्ष, प्रचार सचिव मनीष, मंदिर के पुजारी संतोष दुबे, महन्त शीतलाशरण महाराज सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित थे।

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