नशा हमारी सोचने-समझने की शक्ति को खत्म कर देता है – कमिश्नर डॉ. भार्गव

अंतर्राष्ट्रीय नशा निवारण दिवस पर कमिश्नर ने रैली को दिखाई हरी झंडी
स्वामी विवेकानंद पार्क में आयोजित हुआ कार्यक्रम

रीवा 26 जून 2019. अंतर्राष्ट्रीय नशा निवारण दिवस के अवसर पर सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण विभाग द्वारा नशा मुक्ति के लिए कार्यक्रम आयोजित किए गए। इसी कड़ी में जिला मुख्यालय पर शासकीय उत्कृष्ट उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक एक के प्रांगण से नशामुक्ति के लिए रैली निकाली गई। रैली को मुख्य अतिथि कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। रैली में कमिश्नर डॉ. भार्गव स्वयं भी शामिल हुए। रैली का समापन स्वामी विवेकानंद पार्क में हुआ जहां कमिश्नर डॉ. भार्गव ने उपस्थित जनों को संबोधित किया। रैली में शामिल अधिकारियों-कर्मचारियों, छात्र-छात्राओं, शिक्षकों, समाजसेवी संगठनों एवं संस्थाओं के सदस्यों द्वारा विभिन्न नारों के माध्यम से नशामुक्ति का संदेश दिया गया।
स्वामी विवेकानंद पार्क में आयोजित कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करते हुए मुख्य अतिथि कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने कहा कि नशा एक अभिशाप है। नशे की लत तन एवं मन को को बर्बाद कर देती है। इतना ही नहीं यह समूचे समाज पर विपरीत प्रभाव डालती है। यह दुर्भाग्य की बात है कि हमारी युवा पीढ़ी नशे की गिरफ्त में बढ़ती जा रही है। युवा शक्ति की राष्ट्र के निर्माण में अहम भूमिका होती है। विवेक व्यक्ति की सबसे बड़ी सम्पदा है। नशा हमारे विवेक को विकृत कर देता है। चोरी, डकैती, बलात्कार और अन्य अपराधों में नशा करने वाले व्यक्तियों का योगदान रहता है। नशा करने वाले व्यक्ति ईश्वर द्वारा दी गई जिंदगी का अपमान करते हैं। इस शरीर पर व्यक्ति के घर-परिवार वालों का भी अधिकार होता है। नशा करने वाला व्यक्ति अपने तात्कालिक सुख के लिए शरीर को नशे से नष्ट कर देता है। उन्होंने विभिन्न उदाहरण एवं प्रसंगों के माध्यम से नशे से होने वाले नुकसानों को समझाया। नशे की बीमारी एक मनोरोग की तरह है। इसे जागरूकता के साथ-साथ उपचारात्मक कदम उठाकर ही दूर किया जा सकता है। नशा एक ऐसा अभिशाप जिसने हमारे सामने प्रश्न चिन्ह लगा रखा है। यह अंतर्राष्ट्रीय स्तर का षड्यंत्र भी है। नशा करने वाले व्यक्ति अप्रत्यक्ष रूप से आतंकियों को मदद पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा कि 7 दिसम्बर 1983 को संयुक्त राष्ट्र संघ ने नशा को खत्म करने का संकल्प प्रारंभ किया। जागृत और चेतन्य होकर नशा रूपी राक्षक को खत्म करने का संकल्प लेने की बात कही। उन्होंने सामाजिक न्याय विभाग एवं इस दिशा में काम कर रहे संगठनों को बधाई दी। ब्रम्हकुमारी विश्वविद्यालय रीवा की बहन निर्मला ने कहा कि नशा से परिवार दुखी होते हैं और बहुत नुकसान होता है। ब्रम्हकुमारी विश्व विद्यालय में नशा दूर करने के लिए विभिन्न गतिविधियां आयोजित की जाती है। उन्होंने खुद व्यसन मुक्त होने एवं समाज को भी व्यसन मुक्त करने की समझाइश दी।
समाजसेवी सुजीत द्विवेदी ने कहा कि नशे का परिणाम हमें नाश की ओर ले जाता है। जब हम शारीरिक और मानसिक रूप से बेहद कमजोर हो जाते हैं तब नशा हमारी आदत बन जाता है। जब नशा हमारी आदत बन जाये तब समझ लेना चाहिए कि हम मौत के करीब आ चुके हैं। नशे की इस आदत को छोड़ने में ही हमारी भलाई है। नशा अभिशाप है जो जीवन को बर्बाद कर देता है। एएसआई प्रमोद पाण्डेय ने कहा कि अपने घर में यदि नशा दूर होगा तो समाज में निश्चित रूप से सुधार होगा। राक्षस रूपी नशा को दूर भगाने से ही अच्छे समाज का निर्माण होता है। जागरूकता के माध्यम से अच्छे समाज का निर्माण करें। अंत में आभार प्रदर्शन संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय एवं नि:शक्तजन कल्याण सुचिता तिर्की बेक ने किया।
कार्यक्रम में उप संचालक पंचायत सतीश निगम, प्राचार्य मार्तण्ड स्कूल क्रमांक तीन बीपी खरे, अधीक्षक मूक बधिर विद्यालय एसडीएम त्रिपाठी, जिला योग प्रभारी एवं पीटीआई मार्तण्ड क्रमांक एक सृष्टिधर शर्मा सहित निवेदिता कल्याण समिति, शहीद भगत सिंह समिति, प्रजापिता ब्रम्हाकुमारी विश्वविद्यालय आदि के लोग उपस्थित थे।

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