कमिश्नर ने संभाग के सभी कलेक्टरों को दिये बाल मृत्यु की सतत समीक्षा के निर्देश

रीवा 12 अप्रैल 2019. कमिश्नर रीवा संभाग डॉ. अशोक कुमार भार्गव ने संभाग के सभी जिलों के कलेक्टरों, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों तथा विकासखण्ड चिकित्सा अधिकारियों सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारियों को बाल मृत्यु की सतत समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन मध्यप्रदेश का महत्वपूर्ण लक्ष्य बाल मृत्यु दर को कम करना है। इसके लिए संभाग में रणनीति बनाकर कार्य करने एवं बाल मृत्यु के कारणों का पता कर उन्हें दूर करने की जरूरत है ताकि बाल मृत्यु दर में तेजी से कमी लाई जा सके। बाल मृत्यु दर कम करने के लिए सुरक्षित उपायों पर ध्यान देना जरूरी है। बच्चों को स्वस्थ बचपन प्राप्त होने से ही उनका शारीरिक, मानसिक एवं बौद्धिक विकास संभव है। स्वस्थ्य बचपन होने से बच्चे पढ़ाई-लिखाई में अव्वल हो सकेंगे।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने जन्म से लेकर 5 वर्ष तक के समस्त बच्चों की बाल मृत्यु की सतत समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा है कि बाल मृत्यु दर को कम करने के लिये प्रदेश में होने वाली समस्त बाल मृत्यु की रिपोर्टिंग एवं समीक्षा किया जाना अति आवश्यक है। बाल मृत्यु समीक्षा, बाल मृत्यु के कारणों में चिकित्सकीय, सामाजिक, भौगोलिक एवं आर्थिक विभिन्नता को समझने और इस प्रकार विशिष्ट बाल स्वास्थ्य कार्यक्रमों की शुरूआत करने के लिए एक महत्वपूर्ण रणनीति है। बाल मृत्यु समीक्षा का मुख्य उद्देश्य मृत्यु के चिकित्सकीय कारणों के बारे में जानकारी प्राप्त करना है। साथ ही स्वास्थ्य सेवा प्रदायगी की कमियों और बाल मृत्यु के लिये जिम्मेदार सामाजिक कारणों की पहचान करने में मदद करना है। इस जानकारी का उपयोग समुदाय और संस्थागत स्तर पर दी जाने वाली सेवाओं की कमियों को पहचानने एवं सुधारात्मक कार्यवाही को अपनाने में किया जाये।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने समुदाय एवं संस्था आधारित दो प्रकार से बाल मृत्यु की समीक्षा करने के निर्देश दिए हैं। जिसमें भौगोलिक क्षेत्र में होने वाली मृत्यु की सूचना आशा द्वारा बाल मृत्यु के 24 घण्टे के भीतर चिकित्सा अधिकारी एवं संबंधित उप स्वास्थ्य केन्द्र में पदस्थ एएनएम को फोन पर दी जायेगी जिसकी जानकारी रजिस्टर में संधारित कर आवश्यक कार्यवाही की जायेगी। बाल मृत्यु के कारणों की प्रथम संक्षिप्त जांच रिपोर्ट तथा विस्तृत जांच रिपोर्ट तैयार की जायेगी। वहीं संस्था में होने वाली प्रत्येक बाल मृत्यु की सूचना 24 घण्टे के भीतर उपस्थित चिक्तिसक अथवा स्टाफ द्वारा संस्था प्रभारी तथा जिला स्वास्थ्य अधिकारी को दी जाये। संस्था में होने वाली समस्त बाल मृत्यु की समीक्षा मृत्यु के 48 घण्टे के भीतर अनिवार्य रूप से कराये जाने का दायित्व संस्था प्रभारी करायेंगे। कमिश्नर डॉ. भार्गव ने संस्था में मृत अवस्था में आने वाले प्रकरणों की बाल मृत्यु की समीक्षा निर्धारित प्रक्रिया अनुसार करने के भी निर्देश दिये हैं। बाल मृत्यु समीक्षा की प्रविष्टियां सीडीआर सॉफ्टवेयर में करने के दायित्व भी संबंधितों को दिये गये हैं।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने बाल मृत्यु की समीक्षा के लिए विभिन्न स्तरों पर बैठकें आयोजित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने विकासखण्ड स्तर, जिला चिकित्सालय, चिकित्सा महाविद्यालय, जिला मुख्यालय तथा जिला स्वास्थ्य समिति स्तर पर बैठकें आयोजित कर बाल मृत्यु की समीक्षा करने के निर्देश दिये हैं। साथ ही बाल मृत्यु के संबंध में अधिसूचना कार्ड, प्रथम संक्षिप्त जांच रिपोर्ट, वर्बल ऑटोप्सी समीक्षा प्रपत्र, सोशल ऑटोप्सी समीक्षा प्रपत्र, बच्चे के उपचार के लिए व्यय की गई राशि की जानकारी, बाल मृत्यु विवरण, टीकाकरण विवरण, उपचार का विवरण, शिशु के भर्ती के समय उसकी स्थिति तथा मृतक बच्चे के रेफरल विवरण सहित अन्य पत्रकों को भरने के निर्देश कमिश्नर डॉ. भार्गव ने दिये हैं। इन पत्रकों के भरे जाने से बाल मृत्यु की सही-सही जानकारी का पता लगाया जा सकेगा।

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