मनुष्य का संकल्प ही दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति है – कमिश्नर डॉ. भार्गव

शिक्षा में गुणात्मक सुधार एवं खसरा-रूबेला अभियान की संभागीय समीक्षा बैठक संपन्न

रीवा 05 फरवरी 2019. जिला शिक्षा प्रशिक्षण संस्थान रीवा में शिक्षा में गुणात्मक सुधार एवं खसरा रूबेला अभियान की समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता करते हुए कमिश्नर डॉ. भार्गव ने रीवा संभाग की प्रगति बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए शिक्षा विभाग द्वारा मुस्तैदी के साथ कार्य किया जाये। साथ ही खसरा एवं रूबेला अभियान में शिक्षा एवं स्वास्थ्य विभाग समन्वय से कार्य करें जिससे बीमारियों से बचाव के लिए शत-प्रतिशत टीकाकरण सुनिश्चित हो सके।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि रीवा संभाग की विभिन्न योजनाओं की प्रगति में बनी नकारात्मक छवि को दृढ़ संकल्प शक्ति के साथ दूर किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बच्चे राष्ट्र की धरोहर हैं। इन्हें खसरा और रूबेला जैसी जानलेवा बीमारियों से बचाना हम सभी का दायित्व है। खसरा-रूबेला अभियान मानवीय कल्याण का अनुष्ठान है। बच्चों को खुशहाल बनाना, नैतिक बोध कराना और समाज के प्रति जिम्मेदार नागरिक बनाने में शिक्षकों की महती भूमिका होती है। शिक्षक यदि संकल्प लें तो बड़े-से-बड़ा कार्य किया जाना संभव है। संभाग में शत-प्रतिशत बच्चों को खसरा-रूबेला जैसी जानलेवा बीमारी से छुटकारा दिलाना कोई बड़ी बात नहीं है क्योंकि मनुष्य का संकल्प ही दुनिया की सबसे बड़ी शक्ति है।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि हम सभी लोगों को समाज के हित में सकारात्मक सोच के साथ काम करने की आवश्यकता है। खसरा-रूबेला के टीका से कोई दुष्परिणाम नहीं होते हैं, यह समझने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि वर्ष 1960 से यह टीका दुनिया में प्रयोग में लाया जा रहा है और कोई दुष्परिणाम सामने नहीं आये हैं। उन्होंने कहा कि हम सब लोक सेवक हैं और अच्छे शासन की स्थापना का प्रयास करें। पूरी निष्ठा और ईमानदारी से अपने दायित्व का निर्वहन करें।
कमिश्नर डॉ. भार्गव ने कहा कि विद्यालय ज्ञान का मंदिर होते हैं। मंदिर रूपी विद्यालयों की पवित्रता और स्वच्छता बनाये रखने की जिम्मेदारी शिक्षक बखूबी निर्वहन करें। उन्होंने कहा कि शिक्षक राष्ट्र की बगिया के चतुर माली हैं। शिक्षकों को अपनी जवाबदेही समझते हुए कार्य करने की जरूरत है। शिक्षक समय पर स्कूल आयें और चरित्र तथा अनुशासन बनाये रखें। व्यक्तिगत दुर्बलताओं का प्रदर्शन ज्ञान के मंदिरों में न करें। शिक्षा में गुणात्मक सुधार करने का हमेशा प्रयास करें।
समीक्षा बैठक में संयुक्त संचालक स्वास्थ्य और लोक शिक्षण ने भी अपने विचार व्यक्त किये। उन्होंने संभाग की विभिन्न योजनाओं में प्रगति की जानकारी दी। बैठक का शुभारंभ मॉ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। अंत में जिला शिक्षा अधिकारी रामनरेश पटेल ने आभार व्यक्त किया। बैठक में संभाग के सभी जिलों से पधारे जिला शिक्षा अधिकारी, डीपीस, बीईओ, बीआरसीसी एवं शिक्षकगण उपस्थित थे।

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