राजेन्द्र शुक्ल के ड्रीम प्रोजेक्ट रीवा सोलर प्लांट का राज्यपाल करेंगी अवलोकन

01-02-19 रीवा.कल 2फरवरी को सुबह 10 बजे मध्यप्रदेश एवं छत्तीसगढ़ की राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल रीवा के पास गुढ़ की बदवार पहाड़ी मे स्थापित हुए 750 मेगावाट सोलर प्लांट का रीवा विधायक पूर्व ऊर्जा, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा मंत्री राजेन्द्र शुक्ल के साथ अवलोकन करेंगी। यह सोलर प्लांट राजेन्द्र शुक्ल का एक ड्रीम प्रोजेक्ट था जिसे उन्होंने पूर्व सरकार के मुखिया मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के सहयोग से धरातल पर उतारा है।यहां से उत्पादित हो रही बिजली प्रति यूनिट दुनिया मे सबसे सस्ती है।

1560 हेक्टेयर क्षेत्र मे निर्मित हो रही इस परियोजना मे 4500 करोड़ रुपये का निवेश है ।

वर्तमान में हमारी ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति का सबसे बड़ा साधन पेट्रोलियम तथा कोयला है। पृथ्वी में इनके भंडार सीमित है। लगातार बढ़ती मांग तथा उपयोग से भविष्य में पेट्रोलियम पदार्थ के भंडार समाप्त होने का भय है। पेट्रोलियम समाप्त होते ही हमारी प्रगति का चक्र थम जायेगा। मानव अस्तित्व बचाये रखना भी मुश्किल होगा। इस लिये हमे ऊर्जा के वैकल्पिक तथा अक्षय स्त्रोतों पर ध्यान देना आवश्यक है। ऊर्जा का सदा से सबसे बड़ा स्त्रोत सूर्य रहा है। इसलिये भविष्य में हमारी ऊर्जा आवश्यकताओं की पूर्ति का सबसे बड़ा साधन सूर्य बनेगा। इसी उद्देश्य की पूर्ति के लिये जिले के गुढ़ कस्वे के पास बदवार गांव में रीवा अल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा केन्द्र स्थापित किया गया है। यह विश्व का सबसे बड़ा सौर ऊर्जा केन्द्र है। इससे 750 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा।
रीवा अल्ट्रा मेगा सौर ऊर्जा संयंत्र के निर्माण के लिए 1542 हेक्टेयर भूमि उपलब्ध करायी गयी है। इसमें गुढ़ तहसील के ग्राम बदवार बरसैतादेश, बरसैता पहाड़, इटार पहाड़ तथा रामनगर पहाड़ की शासकीय एवं निजी भूमि शामिल है।   इस परियोजना के प्रारंभिक कार्यों के लिए एमएनआरई द्वारा बीस लाख रूपये प्रति मेगावाट के दर 150 करोड़ रूपये का अनुदान दिया गया है।
अल्ट्रा सोलर पावर प्लांट में तीन कम्पनियों द्वारा 750 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जा रहा  है। महिन्द्रा      रिन्युएवल प्राइवेट लिमिटेड मुम्बई द्वारा 250 मेगावाट, एक्मे जयपुर सोलर पावर प्राइवेट लिमिटेड गुरूग्राम द्वारा 250 मेगावाट तथा एरिसन क्लीन एनर्जी लिमिटेड द्वारा 250 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जायेगा। यहां से उत्पादित 76 प्रतिशत बिजली मध्यप्रदेश राज्य सरकार द्वारा खरीदी जायेगी। शेष 24 प्रतिशत बिजली नई दिल्ली मेट्रो रेल परियोजना को दी जायेगी। देश की राजधानी की जन परिवाहन का आधार मेट्रो रेल रीवा की सौर ऊर्जा से दौडेगी। इससे 25 वर्षों में राज्य शासन को 2086 करोड़ रूपये तथा दिल्ली मेट्रो को 1220 करोड़ रूपये का लाभ होगा।

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