ओबीसी आयोग को मिलेगा संवैधानिक दर्जा

सरकार ने बुधवार को एससी-एसटी के हितों के संरक्षण से जुड़े एससी-एसटी अत्याचार निरोधक विधेयक को मंजूरी दी गई, तो गुरुवार को ओबीसी आयोग को संवैधानिक दर्जा देने वाले विधेयक को लोकसभा से मंजूरी दी गई।

गुरुवार को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री थावर चंद गहलोत ने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा देने के प्रावधान वाले 123वें संविधान संशोधन विधेयक-2017 को चर्चा और पारित कराने के लिए लोकसभा में पेश किया और सदस्यों से इसका समर्थन करने की अपील की।चर्चा के दौरान विभिन्न राजनीतिक दलों के सदस्यों ने इसका समर्थन किया, तो इस काम में देरी के लिए कांग्रेस को आड़े हाथ लिया

।साथ ही कुछ सदस्यों ने ओबीसी आरक्षण से सबंधित क्रीमी लेयर की व्यवस्था को खत्म करने की मांग की।

लोकसभा से पास होने के बाद अब इस बिल को दोबारा नए सिरे से राज्यसभा के पास भेजा जाएगा।वैसे भी यह संविधान संशोधन से जुड़ा बिल है, ऐसे में इसके लिए दोनों सदनों में दो तिहाई बहुमत ज़रूरी होगा। लेकिन जिस तरह से इस पर आम सहमति बनती दिख रही है लगता है कि इसी सत्र में ये बिल पास हो जाएगा।

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