सुप्रीम कोर्ट ने प्रमोशन मे आरक्षण को अनुचित बताया

राज्य सरकारों को दिया एस सी/ एस टी के प्रमोशन मे आरक्षण का अधिकार

सुप्रीम कोर्ट ने आज सरकारी नौकरी में प्रमोशन के लिए आरक्षण की व्यवस्था को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है। प्रमोशन में आरक्षण की कोई जरुरत नहीं है।इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने गेंद राज्य सरकारों के पाले में डालते हुए कहा कि आंकड़ों के आधार पर राज्य सरकार आरक्षण की सुविधा को दे सकती हैं।इस मामले में फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि नागराज फैसले के मुताबिक डेटा चाहिए। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र और राज्यों की दलील मानते हुए कहा कि आंकड़े जारी करने के बाद राज्य सरकारें आरक्षण पर विचार कर सकती हैं। इसी के साथ सुप्रीम कोर्ट ने कहा की सरकारें आरक्षण देने के लिए कुछ मुख्य बातों को आधार बना सकती है।

आरक्षण देने के लिए वर्गों में पिछड़ेपन का निर्धारण कर के सरकार आरक्षण की सुविधा दे सकती हैं। इसके अतिरिक्त नौकरी में पर्याप्त प्रतिनिधित्व न होने को भी प्रमोशन में आरक्षण का आधार बनाया जा सकता है। इसी के साथ संविधान के अनुच्छेद 335 का अनुपालन किया जाएगा।

इस मामले में 2006 में सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ ने सरकारी नौकरियों में प्रमोशन पर आरक्षण को लेकर फैसला दिया था।जिसके तहत कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ इस आरक्षण की व्यवस्था को सही ठहराया था।गौरतलब है कि सरकारी नौकरियों में प्रमोशन में आरक्षण मामले में सुप्रीम कोर्ट की सविधान पीठ ने 30 अगस्त को सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रखा था।

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