विश्व स्तनपान सप्ताह के अंतर्गत संभागीय मीडिया कार्यशाला संपन्न

विश्व स्तनपान सप्ताह एक अगस्त से सात अगस्त तक मनाया जाएगा। सप्ताह के सफल आयोजन हेतु कमिश्नर श्री महेशचन्द्र चौधरी की अध्यक्षता में शहर के एक निजी होटल में संभागीय मीडिया कार्यशाला आयोजित की गई। कार्यशाला की अध्यक्षता करते हुए कमिश्नर श्री चौधरी ने कहा कि स्तनपान को बढ़ावा देने के लिए महिलाओं में जागरूकता लाना जरूरी है। मैदानी स्तर पर महिलाओं में स्तनपान के प्रति जागरूकता लाने के लिए मीडिया की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। उन्होंने प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के पत्रकार बंधुओं से माताओं-बहनों में अपने बच्चों को स्तनपान कराने के प्रति जागरूकता फैलाने की अपील की।
कमिश्नर श्री चौधरी ने कहा कि स्तनपान जीवन का आधार है। बच्चों को स्तनपान नहीं कराने से महिलाओं में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी होने का खतरा रहता है। इसके अलावा अन्य कई बीमारियां भी पैदा हो सकती हैं। इसलिए महिलाओं को चाहिए कि वे अपने बच्चों को स्तनपान जरूर करायें। उन्होंने कहा कि स्तनपान को बढ़ावा देने की बात आम जनता तक पहुंचे इसके लिए मीडिया अपनी भूमिका का निर्वहन करे। उन्होंने कहा कि मीडिया के सहयोग से लोग बच्चों को स्तनपान कराने के लिए आगे आयेंगे। उन्होंने कहा कि जिन स्थानों पर महिलाएँ काम करती हैं वहां बच्चों को स्तनपान कराने के लिए बैठने की व्यवस्था होना चाहिए। इसके लिए भी उन्होंने जागरूकता फैलाने की मीडिया से सहयोग की अपेक्षा की। उन्होंने कहा कि आंगनवाड़ी केन्द्रों के माध्यम से बच्चों तक पोषण आहार पहुंचना चाहिए। उन्होंने कार्यशाला के माध्यम से मीडिया से अपनी पहली मुलाकात कर संभाग में अपनी प्राथमिकता वाले कार्यों की जानकारी दी।
कार्यशाला में संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास एल.एन. कण्डवाल, संयुक्त संचालक स्वास्थ्य डॉ. एस.के.शालम, जिला टीकाकरण अधिकारी बसंत अग्निहोत्री, क्लिंंटन फाउंडेशन के समन्वयक विनीत परिहार, यूनिसेफ के संभागीय पोषण सलाहकार बृजेश त्रिपाठी,    भोपाल के राज्य प्रतिनिधि श्रीनिवासन कलाम सहित संबंधित अधिकारी, कर्मचारी मौजूद थे।
स्तनपान से होती है शिशुओं की कई बीमारियों से रक्षा – मीडिया कार्यशाला में संयुक्त संचालक महिला एवं बाल विकास द्वारा बताया गया कि नवजात शिशुओं के लिए माँ का दूध अत्यन्त फायदेमंद होता है। इससे बच्चों को न केवल कुपोषण से बचाया जा सकता है बल्कि उनकी विभिन्न प्रकार की बीमारियों से रक्षा भी होती है। इसलिए हर माँ को अपने नवजात शिशुओं को स्तनपान अवश्य कराना चाहिए। शिशु के जन्म के एक घण्टे के अन्दर स्तनपान कराना अनिवार्य होता है। शिशु को छ: माह तक केवल स्तनपान कराना चाहिए। छ: माह के बाद शिशु को स्तनपान के साथ-साथ ऊपरी आहार दिया जाता है तथा दो वर्ष की आयु तक के बच्चे को ऊपरी आहार के साथ-साथ सतत स्तनपान कराना चाहिए। उन्होंने जानकारी दी कि सभी आंगनवाड़ी केन्द्रों, स्कूलों, कालेजों आदि में एक सप्ताह तक इस दिशा में महिला बाल विकास विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा संयुक्त आयोजन किया जायेगा जिसकी शुरूआत मीडिया कार्यशाला से की गई है।
माँ के दूध के महत्व को जन-जन तक पहुंचाने के उद्देश्य से वल्र्ड अलायन्स फॉर ब्रोस्ट फीडिंग द्वारा सन 1992 से विश्व स्तनपान की शुरूआत की गई। बाद में विश्व स्वास्थ्य संगठन एवं यूनिसेफ के तकनीकी मार्गदर्शन में दुनिया भर में विश्व स्तनपान सप्ताह एक अगस्त से सात अगस्त तक प्रतिवर्ष मनाया जाने लगा।

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