भविष्य का तीर्थ होगा बसामन मामा गौवंश वन्यजीव विहार

गोवंश की रक्षा के लिए यह अभिनव पहल कल पूरे देश के लिए अनुकरणीय होगी जो रीवा जिले की ऐतिहासिक बसामन मामा की पुण्यभूमि में 17 जुलाई को गोवंश वन्य विहार के रूप में मूर्तरूप लेने जा रही है। चौतरफा वनभूमि से घिरे और सुरम्य पुर्वा प्रपात के समीप यह वन्यविहार 30 हेक्टेयर में आबाद है। यह बेसहारा गोवंश के लिए एक तरह से आश्रम की भाँति है जो भविष्य में किसी पुण्यतीर्थ से कम नहीं होगा।

  यह पुण्य पहल भी स्वप्नदर्शी जन नेता तथा मंत्री श्री राजेन्द्र शुक्ल के खाते में जाती है। श्री शुक्ल ने कोई दो साल पहले मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह के समक्ष यह योजना रखी थी, मुख्यमंत्री ने इसे आगे बढ़ाने को कहा। फिर वन, राजस्व, पशुपालन तथा संबंधित विभागों के समन्वित प्रयास से योजना आगे बढ़ी। राज्य गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड बसामन मामा गौवंश वन्यविहार इसका जीवंत उदाहरण है। सरकार ने यथोचित धनराशि उपलब्ध कराई है साथ ही राजेन्द्र शुक्ल की पहल पर खनिज विकास निगम और पीथमपुर औद्योगिक क्लस्टर ने भी आर्थिक तथा संसाधन उपलब्ध कराने में आगे आए हैं।

   राजेंद्र शुक्ल बताते हैं कि सड़क पर घूमते गोवंश को जब कोई आवारा कहता है तो अंदर से टीस उठती है। हमारी धार्मिक तथा समाजिक मान्यता यही रही है कि माँ पैदा करती है,धरतीमाता हमें धारण करती है और गोमाता हमें पालती है। गाय इसीलिये माता है। हम कैसे स्वार्थी लोग है कि उसी गो माता से पलकर बड़े हुए और फिर उसे सड़कों आवारा घोषित करते हुए सड़कों पर मरने के लिए छोड़ दिया। ये आवारा नहीं बेसहारा हैं क्योंकि हमने इनका सहारा छीन लिया।

    इसी बात को ध्यान पर रखते हुए 2014 में रीवा शहर में लक्ष्मणबाग गोशाला शुरू की गई। शहर के समाज सेवियों ने इसे आगे बढकर सहारा दिया। आज कोई 300 गोवंश वहां पल रहे हैं। पशुचिकित्सक उनकी नियमित जाँच करते हैं। अब शहर की सड़कों पर गोवंश पालीथीन खाकर मरने के लिए अभिशप्त नहीं हैं। बसामन मामा गौवंश वन्यविहार इसी सोच का विस्तार है। इस वन्यविहार में जिले भर से ऐसे ही बेसहारा गोवंश यहां पनाह पाएंगे। यहां उन्मुक्त चारागाह के साथ पशुचिकित्सकों की उपस्थिति भी रहेगी।

   यह सही है कि खेती के तौरतरीकों में बदलाव ने गोवंश को अप्रसांगिक सा बना दिया है। जो गोवंश कलतक धन माने जाते थे वो अब बोझ हो गए है। किसानों की खेती भी प्रभावित हो गई। आज दोनों को बचाने की जरूरत है। सरकार गोवंश को पुनः प्रसांगिक बनाने का यत्न कर रही है। गोवंश के उत्पाद और जैविक खेती के मामले में मध्यप्रदेश सरकार ने लीड लिया है। बसामन मामा गौवंश वन्यजीव विहार पूरे प्रदेश के लिए माडल बनेगा। यह हमारी श्रद्धा और धार्मिक भावनाओं से भी जुड़ा मामला है। लोग इससे जुड़े और गौवंश संरक्षण के पहल की मशाल को आगे बढ़कर थामें।

    बसामन मामा गौवंश वन्यविहार का 17 जुलाई को माननीय मंत्री राजेन्द्र शुक्ल लोकार्पण करेंगे। अध्यक्षता राज्य गौपालन एवं पशुधन संवर्धन बोर्ड के अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरी करेंगे। इस पुण्य आयोजन में सांसद जनार्दन मिश्र, विधायकगण सर्वश्री गिरीश गौतम, दिव्यराज सिंह, नीलम मिश्र जनपद पंचायत सिरमौर अध्यक्ष यशोदा मिश्र की विशिष्ट उपस्थिति रहेगी। समूचे जिले भर के सुधी नागरिकों का आह्वान किया गया है कि वे इस ऐतिहासिक आयोजन के साक्षी बनाने पहुंचे।

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