ग्राम लोही में मनाई गई पं. श्रवण कुमार मिश्र ’’शास्त्री जी’’ की जयंती

ग्राम लोही में मनाई गई पं. श्रवण कुमार मिश्र ’’शास्त्री जी’’ की जयंती

ग्राम लोही में मनाया गया तीन दिवसीय जयंती समारोह

पं. श्रवण कुमार मिश्र ’’शास्त्री जी’’ की जयंती कार्यक्रम उनके जन्म स्थान लोही में दिनांक 25-26 एवं 27 मई 2018 को मनाया गया। शास्त्री जी के अनुज श्री राम गोपाल शर्मा तथा पुत्र श्री त्रिवेणी शंकर मिश्र संगम ने जयंती कार्यक्रम आयोजित किया। तीन दिवसीय कार्यक्रम में प्रथम दिवस दिनांक 25.05.2018 को दोपहर 3ः00 बजे शास्त्री जी की प्रतिमा का अनावरण और पादुका पूजन किया गया। सायं 4 बजे ’’एक संत -शिक्षक की महायात्रा’’ नाम से उनके जीवन पर प्रकाश डालते हुये डाॅ. भारतेन्दु मिश्र ने उनके व्यक्तित्व की झांकी प्रस्तुत की। श्री त्रिवेणी शंकर मिश्र ने सभी का स्वागत किया। इसके बाद क्षेत्र के प्रतिष्ठित वरिष्ठ नागरिकों एवं समाज सेवियों का साल एवं श्रीफल से सम्मान किया गया जिसमें डाॅ. सज्जन सिंह, श्री उदय प्रताप सिंह, श्री रामाश्रय उरमलिया, श्री आनंदधन द्विवेदी, सहित 50 वरिष्ठ नागरिक एवं समाज सेवी शामिल थे। सायं 5 बजे से चिन्मय मिशन रीवा के श्री केशवानंद जी द्वारा गीता पर प्रवचन प्रस्तुत किया गया। 6 बजे से 8 बजे तक जगतगुरू बल्लभाचार्य महाराज जी के द्वारा श्री राम की झाकी प्रस्तुत करते हुये बडा ही मोहक प्रवचन दिया गया जिसमें सभी श्रोता रामरस में लीन हो गये।
कवि सम्मेलन – सायं 8 बजे से एक विशाल कवि सम्मेलन आयोजित हुआ जिसमें –
कवि सम्मेलन की सुरूआत में आरती तिवारी ने सरस्वती बंदना प्रस्तुत की फिर कई गजलें पेश की जिनमें ’’एक नजर में भले तुम बसाना नही’’ सुनाकर कवियित्री ने कवि सम्मेलन को उचाइयाॅ प्रदान की।
प्रथम कवियत्री माधवी मिश्रा ने शास्त्री जी पर एक मुक्तक ’’उनके जाने से सारा गगन रो पडा’’ प्रस्तुत करते हुये शास्त्री जी के दिव्य स्वरूप को श्रोताओं के मस्तिष्क में उकेर दिया।
आकाश वर्मा ने देश भक्ति एवं वीर रस की कविता प्रस्तुत कर श्रोताओं को रोमांचित कर दिया।
श्री कालिका त्रिपाठी ने बघेली के कई गीत, गजल, मुक्तक के नमीन्दे से मंच को सजा दिया-’’ एक डटी चाॅदनी पहार हुये दिन हवा करे धौकनी लोहार हुये दिन’’ गीत प्रस्तुत कर श्रोताओं का मन मोह लिया।
उमाशंकर तिवारी ’’उमेश’ ने आध्यात्म और भक्ति से सरावोर उत्कृष्ठ रचना सुनाई जिसे बुद्धि जीवियों ने आत्मसात किया शताद्वियाॅ बीती बदली, संस्कृत के तेवर बदले पर तुलसी का दर्शन -चितंन और जीवन मूल्य नही बदले। उकसी एक वानमी है
सूर्यमणि शुक्ल जिन्हे सवैया सम्राट भी कहा जाता है। वर्तमान राजनीति बेटियों पर आधारित छोटी-छोटी मनोहारी प्रस्तुत किया। बिटिया न रही गुड़ पानी केा देई’’ के मर्म व संवेदना से परिपूर्ण काव्य पंक्तियाॅ प्रस्तुत किया।
डाॅ. कैलाश तिवारी ने रामायण की चैपाई विद्युरत एक प्राण हति लेही, को आधार बनाते हुये शास्त्री जी पर एक कविता सुनाते हुये एक गंभीर रचना ’’शेष जिन्दगी’’ सुनाकर श्रोताओं को ब्रम्हाण्ड की सैर कराते हुये श्रोताओं के आग्रह पर अपनी बघेली कविता ’’अब भला बतावा का करी’’ को लेकर श्रोताओं को भौतिक ग्रामीण जीवन दर्शन कराया। डाॅ. तिवारी ने सरल-सहज लहजे मे -जिसका श्रोताओं ने आनंद उठाया। तथा इन पंक्तियों को श्रोता बाद में भी गुनगुनाते रहें।
राम सरोज द्विवेदी ’’शान्ती दूत ने कबि सम्मेलन का सफल संचालन करते हुये दो गजले प्रस्तुत की जिसमें ’’प्यार परवान चढा आॅख का अंजन होता, प्यार भगवान बना माथ का चंदन होता, प्यार की रामायण दिल की रहल होती है, तो बढी मुश्किल से एक गजल होती है।
श्री जयराम शुक्ला वरिष्ठ पत्रकार जो विशेष आग्रह पर मंच पर आयें जिन्हे पत्रकारिता एवं एक वक्ता के रूप में माना जाता है। शास्त्री जी के उपर आदर स्वरूप एक कविता पढकर एक अच्छे कवि होने का भी परिचय दिया।
डाॅ. अमोल बटरोही जो बघेली के स्तम्भ माने जाते है। उनकी कविता ’’ जल्ल विल्ल केमरा टूट पोहतमान’’ श्रोताओं का मन अपनी ओर खीच लिया। बघेली वोली का ऐसा रंग रोगन जिसमें सामान्य बोली के छुपे हुये गूढ रहस्य से चकित कर देता है।
अतं में डाॅ. राम शिया शर्मा ने मंचासीन कवियों एवं श्रोताओं के आग्रह पर आज की वर्तमान राजनीति एवं समस्याओं पर चोट करती अपनी दो रचनायें सुनायी। जिसे उपस्थित श्रोताओं ने तालियों से अभिनंदन किया। जिसमें ’’मन है बहुत उदास तमाखू मल रमुआ’’ तथा ’’ जबरा सब दिन निवला से जबरौना मागथै’’ बहुत सराही गई।
दिनांक 26.05.2018 को सायं 5 बजें श्री केशवानंद जी का गीता प्रवचन सायं 7 बजे से भजन की प्रस्तुति दी गई। जिसमें श्री विद्यावारिधि तिवारी के द्वारा भजन प्रस्तुत किया गया तथा वैदेही व शैली दुवे के द्वारा बीडा पर शास्त्रीय धुनकी प्रस्तुति दी गई। जिसमें श्रोताओं का मन मोह लिया। सायं 9 बजे श्री सतीश मिश्र द्वारा कई भजन एक अलग अंदाज में प्रस्तुत कियें गये।
दिनांक 27.05.2018 को सायंकाल शेष वरिष्ठ नागरिकों का सम्मान किया गया जिसमें महाराज पुष्पराज सिंह जूदेव, इं. राजेन्द्र शर्मा, माननीय श्री पी.एन.सिंह प्रधान न्यायाधीश, माननीय श्री ए.के. सिंह जी प्रधान न्यायाधीश को श्री त्रिवेणी शंकर मिश्र द्वारा शाल एवं श्रीफल से सम्मानित किया गया। सम्मानित किया गया। इसी तरह तीन दिवस के कार्यक्रम के दौरान 101 प्रतिष्ठित एवं वरिष्ठजनों को सम्मानित किया गया। सायं 5 बजे से माननीय श्री ए. के. सिंह प्रधान न्यायाधीश के द्वारा संगीतमय श्री सुन्दरकाण्ड का प्रस्तुतीकरण किया जिसमें श्रोताओं ने श्री हनुमान जी को दिव्यता का दर्शन किया। अंत में चित्रकूट से पधारे उर्मिला दास महराज के द्वारा रामचरित मानस पर अपना प्रवचन दिया। समूचे कार्यक्रम का क्रियान्वयन तथा संचालन डाॅ. भारतेन्दु मिश्र ने किया तथा सम्मान पर सभी का आभार प्रदर्शन किया।
श्री त्रिवेणी शंकर मिश्र के द्वारा पिता की स्मृति में कराया गया यह अनोखा कार्यक्रम था तथा प्रतिष्ठित और वरिष्ठ नागरिकों को बडे स्तर पर सम्मानित किया गया। जिसमें विविध प्रकार के आयोजन आकर्षण का केन्द्र रहें जो कि समाज के लिए प्रेरणादायक थें।

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