स्मार्ट सिटी में सुविधाओं के विस्तार से नागरिक भी स्मार्ट बनेंगे – मंत्री श्रीमती माया सिंह
मध्यप्रदेश के स्मार्ट शहरों में 4.5 हजार करोड़ के कार्य प्रगति पर
स्मार्ट सिटी सीईओ का दो दिवसीय शिखर सम्मेलन सम्पन्न
नगरीय विकास एवं आवास मंत्री श्रीमती माया सिंह ने कहा है कि स्मार्ट सिटी में चयनित शहरों में स्मार्ट सुविधाओं के विस्तार से नागरिक भी स्मार्ट बनेंगे। उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश में 7 स्मार्ट सिटी में सुविधाओं के विस्तार के लिये लगभग ढाई हजार करोड़ रुपये लागत के कार्य स्वीकृत किये गये हैं तथा दो हजार करोड़ रुपये से अधिक लागत के कार्य प्रक्रिया में हैं। उन्होंने यह बात देश के स्मार्ट सिटी के मुख्य कार्यपालन अधिकारियों के दो दिवसीय शिखर सम्मेलन के समापन अवसर पर कही।
मंत्री श्रीमती सिंह ने कहा कि स्मार्ट सिटी की अवधारणा के तहत चुनिंदा शहरों में सड़क, पानी, बिजली, यातायात, रोजगार आदि सभी विषयों पर स्मार्ट तरीके से सोचने और कार्य करने की प्रक्रिया प्रारम्भ हुई है। यह प्रक्रिया देश के अन्य शहरों के लिये मॉडल का काम करेगी। उन्होंने कहा कि स्मार्ट सिटी का मूल ढाँचा इस तरह तैयार किया जा रहा है कि एक बार सुविधाओं का विस्तार होने के बाद फिर वह पब्लिक पार्टीसिपेशन से संचालित की जाती रहेंगी। श्रीमती माया सिंह ने कहा कि भोपाल में आयोजित इस शिखर सम्मेलन में प्राप्त सुझावों पर गंभीरता से विचार किया जायेगा। उन्होंने भोपाल में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत एकीकृत कमाण्ड कंट्रोल सेंटर और इन्क्यूबेशन सेंटर प्रारंभ होने पर स्मार्ट सिटी की टीम को बधाई दी।
प्रमुख सचिव श्री विवेक अग्रवाल ने कहा कि स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के सफल संचालन के लिये आवश्यक है कि पीपीपी मोड अथवा पब्लिक बाँड सिस्टम विकसित किये जायें। तभी यह सुविधाएँ भविष्य में बेहतर तरीके से काम कर सकेंगी।
इस अवसर पर देश के विभिन्न स्मार्ट शहरों दमनद्वीव द्वारा विकसित सोलर प्रोजेक्ट, भोपाल द्वारा स्मार्ट लाइट पोल, स्मार्ट पब्लिक बाइक शेयरिंग, पूना द्वारा पब्लिक बाँड सिस्टम का प्रजेन्टेशन दिया गया। समापन सत्र में स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के लिये धन की व्यवस्था विषय पर विस्तार से चर्चा की गई।
इस अवसर पर भारत सरकार के शहरी विकास मंत्रालय के सचिव श्री दुर्गाशंकर मिश्र सहित अन्य अधिकारी और विभिन्न राज्यों के प्रतिनिधि उपस्थित थे।