कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान
निर्वाचन आयोग ने आज कर्नाटक विधानसभा की तारीखों का ऐलान कर लिया। 224 सदस्यों वाले कर्नाटक विधनसभा के लिए 12 मई को मतदान होगा और वोटों की गिनती 15 मई को की जाएगी। कांग्रेस और भाजपा दोनो ही दलों के लिए ये चुनाव बहुत अहम है।
मुख्य चुनाव आयुक्त के इसी एलान के साथ ही कर्नाटक में विधानसभा चुनाव की सियासी रणभेरी बज उठी। वैसे तो तमाम राजनीतिक दलों की ओर से पिछले कुछ महीने से कर्नाटक में सियासी रंग चढ चुका है लेकिन चुनाव आयोग के एलान के बाद अब ये सियासी रंग और गाढा हो जाएगा। खास बात ये है कि चुनाव आयोग ने पूरे राज्य में एक ही चरण में 12 मई को वोटिंग कराने का एलान किया है जबकि तीन दिन बाद यानी 15 मई को नतीजों को ऐलान होगा। आयोग के मुताबिक चुनाव कार्यक्रमों को अंतिम रुप देने में बहुत से कारकों को ध्यान में रखा गया है।
चुनाव कार्यक्रमः
चुनावी कार्यक्रम पर एक नजर डालें तो 224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा चुनाव को लेकर अधिसूचना 17 अप्रैल को जारी की जाएगी और पर्चा भरने की आखिरी तारीख 24 अप्रैल तक होगी। 25 अप्रैल को नामांकन पत्रों की जांच होगी तो 27 अप्रैल तक नामांकन वापस लिया जा सकेगा। 12 मई को मतदान होगा तो 15 मई को वोटों की गिनती होगी ।
चुनाव कार्यक्रम के एलान के साथ ही कर्नाटक में चुनाव आचार संहिता लागू हो गई है। आयोग ने चुनाव के लिए जहां तमाम अहम बंदोबस्त किए हैं वहीं राजनीतिक दलों, उम्मीदवारों और मीडिया के लिए दिशा निर्देश भी जारी किए गए हैं।
कर्नाटक में 4 करोड़ 96 लाख मतदाता अपने मत का इस्तेमाल करेंगे। इनके लिए 56 हजार 696 पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। दिव्यांगों व महिलाओं के लिए विशेष व्यवस्था की जाएगी। 450 से अधिक बूथों की कमान महिलाओं के हाथ में होगी चुनाव के दौरान इवीएम के साथ- साथ वीवीपैट मशीन का भी इस्तेमाल किया जाएगा। चुनावी खर्च पर विशेष नजर रखी जाएगी। बिना दस्तावेज के बड़ी रकम जब्त कर ली जाएगी। कर्नाटक में केंद्रीय सुरक्षाबलों की तैनाती होगी। रात 10 बजे से सुबह छह बजे तक लाउडस्पीकर का इस्तेमाल नहीं होगा ।
224 सदस्यों वाली विधानसभा में बहुमत के लिए 113 सीटों की जरुरत होती है। फिलहाल कर्नाटक में कांग्रेस की सरकार है।
राज्य की मौजूदा विधानसभा की बात करें तो 2013 में हुए विधानसभा चुनावों में प्रदेश की कुल 224 सीटों में से 122 कांग्रेस के खाते में गई थी, जबकि बीजेपी के खाते में 40, जेडीएस के खाते में 40 सीटें गई थीं। अलग पार्टी बनाकर लड़े बीएस येदियुरप्पा के खाते में सिर्फ 6 सीटें ही गईं थी।
हालांकि बीएस येदियुरप्पा फिर से बीजेपी में शामिल हो गए हैं और पार्टी ने इस बार उनको अपना मुख्यमंत्री का चेहरा घोषित किया है. दूसरी तरफ कांग्रेस ने स्पष्ट कर दिया है कि मुख्यमंत्री सिद्दारमैया के नेतृत्व में ही चुनाव लड़ेगी। कांग्रेस की सत्ता अब केवल कर्नाटक, मिजोरम, पंजाब और पुडुचेरी में है. ऐसे में कर्नाटक चुनाव कांग्रेस के लिए जीवन-मरण के प्रश्न जैसा है क्योंकि पार्टी वजूद की लड़ाई लड़ रही है। वहीं बीजेपी पूरे आत्मविश्वास के साथ सत्ता में वापसी की तैयारी में लगी है। 2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा को राज्य की 28 में से 17 सीटें मिली थीं और बीजेपी को उम्मीद है कि वो यही प्रदर्शन विधानसभा चुनावों में भी दुहराएगी। तीसरी ओर जेडीएस-बीएसपी एक साथ मिलकर दोनों प्रमुख पार्टियों को चुनौती देगी।