पानी रोकने के लिये देश में बनीं 30 परियोजनाएँ : केन्द्रीय मंत्री श्री गडकरी
प्रदेश में 15 जुलाई को लगाये जायेंगे 7 करोड़ पौधे : मुख्यमंत्री श्री चौहान
प्रदेश की 313 नदियों को पुनर्जीवित किया जाएगा
बान्द्राभान में पंचम नदी महोत्सव का हुआ शुभारंभ
केन्द्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग, जल संसाधन, नदी विकास तथा गंगा संरक्षण मंत्री श्री नितिन गडकरी और मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान ने आज होशंगाबाद जिले में नर्मदा एवं तवा नदी के संगम स्थल बांद्राभान में पंचम नदी महोत्सव का शुभारंभ किया। श्री गडकरी ने इस अवसर पर कहा कि जब तक हम जल का संरक्षण नहीं करेंगे, तब तक देश में जल की समस्या समाप्त नहीं होगी। हमें जल संरक्षण के महत्व को समझते हुए काम करना होगा। श्री गडकरी ने कहा कि पृथ्वी का 70 प्रतिशत पानी बेकार चला जाता है। इसके नियोजन के लिये देश में 30 परियोजनाएँ बनाई गईं हैं। श्री गडकरी ने बताया कि केन्द्र शासन गंगा प्रोजेक्ट में साढ़े पांच लाख करोड़ रूपये के कार्य करवाएगा। उन्होंने बताया कि नदी पर्यटन को बढ़ावा देने के लिये केन्द्र शासन द्वारा प्रयास किये जा रहे हैं। इसके लिये पानी पर चलने वाली बस और हवाई जहाज खरीदे गये हैं।
केन्द्रीय मंत्री श्री गडकरी ने बताया कि 5 वर्ष पहले टायलेट का पानी शुद्ध करके विक्रय कर 18 करोड़ रूपये का राजस्व अर्जित किया गया था। इस वर्ष 78 करोड़ रूपये का पानी विक्रय करने का लक्ष्य है। सीवरेज जल से मिथेन गैस निकालकर गंगा नदी पर बस चलाना आरंभ किया गया है। उन्होंने ग्राम एवं जिला पंचायत में सड़क निर्माण में डामर के साथ 8 प्रतिशत प्लास्टिक का उपयोग करने की सलाह दी। उन्होंने बताया कि समुद्र का पानी भी शुद्ध करके पेयजल के रूप में बेचा जा रहा है। श्री गडकरी ने कहा कि नदी महोत्सव से प्राप्त चिंतन और सुझाव पर भारत सरकार अमल करेगी। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में राज्य सरकार द्वारा नदी एवं पर्यावरण सुरक्षा के लिये किये जा रहे विशेष कार्य सराहनीय हैं।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि नदी संरक्षण के लिये गत वर्ष नर्मदा सेवा यात्रा निकाली गई थी। पाँच माह 5 दिन तक चली इस यात्रा से लोगों में नदी, जल एवं पर्यावरण संरक्षण के प्रति जागृति आई है। श्री चौहान ने बताया कि दो जुलाई 2017 को प्रदेश में 6 करोड़ 63 लाख पौधे लगाये गये, जिनमें से 80 प्रतिशत पौधे जीवित हैं। उन्होंने कहा कि 15 जुलाई 2018 को पुन: 7 करोड़ पौधे लगाये जायेंगे और प्रदेश की 313 नदियों पर श्रमदान कर उन्हें पुनर्जीवित किया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि तालाबों के पुनर्जीवन का कार्य भी होगा। नर्मदा किनारे 20 जिलों में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने का काम शुरू हो गया है। नर्मदा के किनारे के गाँवों में मुक्तिधाम, पूजनकुण्ड और क्षेत्र को नशामुक्त बनाने का काम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि सिंचाई संसाधनों में वृद्धि के फलस्वरूप प्रदेश में गेहूँ, चना, उड़द, प्याज, लहसुन आदि का भरपूर उत्पादन हुआ है। इनकी खपत के लिये प्रसंस्करण केन्द्र बनाने पर कार्य किया जा रहा है। श्री चौहान ने कहा कि जैविक खेती का अभियान नर्मदा तट से शुरू किया जा रहा है। महोत्सव के दौरान हुए चिंतन के आधार पर आगे की रणनीति तैयार की जायेगी।
केन्द्रीय मंत्री श्री गडकरी और मुख्यमंत्री श्री चौहान ने इस अवसर पर पूर्व केन्द्रीय मंत्री स्व. श्री अनिल माधव द्वारा लिखित पुस्तक नर्मदा परिक्रमा मार्ग का विमोचन किया। इस अवसर पर सतगुरू जग्गी वासुदेव द्वारा नदी महोत्सव पर दिये गये संदेश का प्रसारण भी किया गया।
कार्यक्रम को सह-सरकार्यवाहक श्री सुरेश सोनी और स्वामी परमात्मानंद ने भी संबोधित किया। सांसद श्री राव उदय प्रताप सिंह, भाजपा उपाध्यक्ष विजेश लूनावत, जन अभियान परिषद के उपाध्यक्ष श्री राघवेन्द्र गौतम और श्री प्रदीप पाण्डे, विधायक एवं पूर्व मंत्री श्री सरताज सिंह भी मौजूद थे।