कश्मीरी पंडितों के शिष्टमंडल ने डॉ. जितेन्द्र सिंह से हस्तक्षेप की मांग की
कश्मीरी पंडित समुदाय के पंजीकृत संगठन- संपूर्ण कश्मीर संगठन (एसकेएस) के एक शिष्टमंडल ने आज यहां प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री और उत्तर – पूर्व क्षेत्र के विकास संबंधी केंद्रीय मंत्री (स्वतंत्र प्रभार), कार्मिक, जनशिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्यमंत्री डॉ. जितेन्द्र सिंह से मुलाकात की। शिष्टमंडल ने अपने समुदाय के सरकारी नौकरी की उम्र पार कर चुके युवाओं के लिए नौकरियों, विस्थापित कश्मीरी पंडितों के पुनर्वास और आतंकवाद से संबंधित विभिन्न मांगों के सिलसिले में उनसे हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया। इस शिष्टमंडल की अगुवाई एसकेएस के अध्यक्ष श्री अनूप कौल ने की।
डॉ. जितेंद्र सिंह को सौंपे ज्ञापन में शिष्टमंडल ने मांग की कि उनके समुदाय के सभी युवक जिनकी सरकारी नौकरी पाने की उम्र गुजर चुकी है, उन्हें मुआवजे के तौर पर पिछले 26 वर्षों के लिए प्रतिवर्ष के आधार पर व्यक्तिगत एकमुश्त पैकेज दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि कश्मीरी पंडितों की सभी श्रेणियों के लिए सुलभ ऋण का प्रावधान किया जाना चाहिए ताकि वे भारत में किसी भी जगह अपना कारोबार शुरू कर सकें और स्व-रोजगार कर सकें। ज्ञापन में कश्मीरी पंडितों के घाटी के बाहर रोजगार पर विशेष रूप से बल दिया गया है।
प्रतिनिधिमंडल की एक अन्य प्रमुख मांग यह है कि कारोबारियों के लिए मुआवजा और सभी विस्थापित कश्मीरी पंडित समुदाय के सभी पंजीकृत व्यक्तियों के लिए घाटी में उनकी वापसी होने तक एकमुश्त राहत पैकेज दिया जाए।
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने शिष्टमंडल को भरोसा दिलाया कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार विस्थापित समुदाय की घाटी में उनके मूल स्थानों पर सम्मानित वापसी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है।