इजरायली पीएम की भारत यात्रा का चौथा दिन

भारत और इजराईल मिलकर कैसे अपनी क्षमताओं का बेहतरीन उपयोग कर सकते है इसका बेहतरीन उदाहरण आज गुजरात में एक बार फिर देखने को मिला।  दुनिया में अपने स्टार्ट अप के लिये अपना लोहा मनवा चुके इजराइल के सहयोग से गुजरात में एक और आईक्रिएट सेंटर का उदघाटन हुआ।

अहमदाबाद से 50 किलोमीटर दूर जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और इजरायली पीएम बेन्यामिन नेतन्याहू धोलेरा में आईक्रिएट का उद्धाटन करने पहुंचे तो लक्ष्य था दोनों देशों के बीच इनोवेशन संबंधों को नई उड़ान देना। युवाओं के अरमानों को नये पंख लगाना। गुजरात की जमीन से बुधवार को आई-क्रिएट के जरिये एक नये अध्याय की शुरूआत हो गई। धोलेरा में शुरू हुए इस आई-क्रिएट सेंटर दोनों देशों के युवाओं को सफलता की नई कहानी लिखने का मौका देगा, जिसके लिए दोनों नेता जाने और माने जाते हैं।

प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि किसी भी इनोवेशन के लिए साहस की जरूरत होती है और युवाओं को आगे बढ़ने में आने वाली तमाम रूकावटों को हटाना उनकी सरकार का मकसद है। खास दिन के खास मौके पर पीएम मोदी ने खास मंत्र दिया। पीएम मोदी ने कहा कि जब भी कोई नई या अलग शुरूआत की जाती है तो लोग उसका मजाक उड़ाते है और इसके लिए युवाओं को बिना कुछ सोचे अपने लक्ष्य की तरफ बढ़ाना चाहिए। तकनीक के सहारे ऊंची छलांग लगाने लिए प्रधानमंत्री मोदी ने इजरायल के जज्बे की तारीफ की।

दोनों देश इनोवेशन के जरिये जुड़ सके इसके लिए 2017 में भारत इजरायल चैलेंज के विजेताओं पुरस्कार दिये गये। कृषि, स्वास्थ्य और जल क्षेत्र में कुछ नया करने वाले इन युवाओं का जोश देखने वाला था। दोनों नेताओं के बीच दोस्ती की शुरूआत पिछले साल पीएम मोदी के दौरे से हुई थी, आई-क्रिएट के मंच पर भी दोनों नेता खास अंदाज में दिखे।

पीएम नेतन्याहू ने प्रधानमंत्री मोदी को गल मोबाईल जीप तोहफे में दी। पिछले साल प्रधानमंत्री मोदी की इजरायल यात्रा के दौरान दोनों नेता इसी जीप में समुन्द्र किनारे सैर करते नज़र आये थे। खास तरह की इस जीप का वजन 1540 किग्रा। 90 किमी.प्रति घण्टा की स्पीड से चलने वाली ये जीप रोजना 20 हजार लीटर पानी को पीने लायक बना देती है।

आईक्रियेट केंद्र की नींव 2012 में रखी गई थी। नींव रखी थी अब के प्रधानमंत्री और तब के गुजरात के मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी ने। उद्यमशीलता और प्रौद्योगिकी के इस अंतर्राष्ट्रीय केंद्र की आधारशिला भविष्य के लिए नयी उम्मीद थी। 2012 में नई उम्मीदों की नई पहल वाले इस केन्द्र का मकसद नये उद्यमियों को मौके देना है। एक ऐसा देश जो पूरी दुनिया में स्टार्ट अप के लिए जाना जाता है तो दूसरी तरह एक देश जो स्टार्ट अप को रफ्तार देने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहा है ऐसे में नवाचार, प्रौद्योगिकी और उद्यमशीलता को बढ़ावा देने वाला ये केन्द्र दोनों देशों के रिश्तों में निश्चि तौर पर मील का पत्थर साबित होगा।

कम पानी से अधिक पैदावार कैसे की जाय़े इस मोर्चे पर इजरायल ने दुनिया के सामने एक सफल उदाहरण पेश किया है. जिसका फायदा भारत को भी मिल रहा है. इसी सिलसिले में आज गुजरात के वड-राड में सेंटर फॉर एक्सिलेंस का उद्धाटन हुआ।  उन्नत तकनीक के माध्यम से बेहतर पैदावार की जमीन तैयार करने बाले इस संश्थान का उद्झाटन पीएम मोदी और इजरायल के पीएम ने किया।

भारत दौरे पर आये इजरायल के पीएम आज गुजरात में थे तो अपने दोस्त की अगुवानी में पीएम मोदी भी गुजरात पहुंचे।  दिनभर के व्यस्त कार्यक्रम की शुरूआत अहमदाबाद से हुई जहां पीएम मोदी ने पीएम नेतेन्याहू को भारतीय संस्कृति और कला से रू-ब-रू कराया. तो दोनो नेताओं की आपसी केमेस्ट्री भी देखने लायक थी।

दौरे का चौथा दिन और प्रधानमंत्री बेन्यामिन नेतन्याहू पत्नी सारा के साथ पहुंचे अहमदाबाद। प्रधानमंत्री मोदी ने किया गर्मजोशी से स्वागत.बेन्यामिन यूं तो पहले ही प्रधानमंत्री के मुरीद हो चुके हैं और एक बार फिर वे बड़े ही सहज अंदाज़ से साथ प्रधानमंत्री से साथ नज़र आऐ गूजंते संगीत को सुन वे ख़ुद को भी रोक ना सके।

गरबा ने तो सारा नेतन्याहू का मन ही मोह लिया। प्रधानमंत्री मोदी ने बड़े ही सहज भाव से उन्हे गरबा और भारत की समृद्ध परंपरा से रू-ब-रू कराया।  एयरपोर्ट की छठा ऐसी जिसमें मेहमान दम्पति पूरी तर से रंगा हुआ दिखा। भारतीय विविधता को जानने की उत्सुकता इतनी कि बड़े ही बेतल्लुफ़ी से साथ कलाकारों के साथ रंग बिरंगे छाते को हाथ में थामें बेन्यामिन नज़र आऐ। यही है परंपरा जो इतने रंगों में रंगी सिन्धु से कावेरी तक दिखती है। यही वो संस्कृति है जो गंगा से गोदावरी तक बहती है।

भारत की झलक से ओत-प्रोत कारंवा साबरमती तक का 9 किमी. का सफ़र तय करता चला गया।  फिर ये कारंवा पहुंचा शांति-अहिंसा के अनोखे आश्रम पर।

उत्तरायण सूर्य की गुनगुनाती हवा में चहल कदमी कर प्रधानमंत्री मोदी मेहमान दम्पत्ति को ले चले उस ओर जो गुजरात के उत्सवधर्मिता का भी प्रतीक है। ये रंग-बिरंगी पतंग है। जो नीले गगन में बंधनों से दूर पक्षी की तरफ पंख फैलाऐ कुंलाचे भरती है। फिर क्या था दोनों प्रधानमंत्रियों ने दोस्ती की डोर थामी और पतंग आसमान में परवान चढ़ गई।

दरअसल 14 जनवरी से ही गुजरात में उत्तरायण पर्व की धूम है। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी उन्हे साबरमती के आश्रम बापू की उन यादों को दिखाया जिसने देश ही नहीं बल्कि दुनिया को अशांति के दौर से उबरा।  जिसने एक बदलाव की नई राह दी यही है रघुपति राघव का संदेश भी।  इसके बाद इसराइली प्रधानमंत्री ने अपने विचार विज़टर बुक में दर्ज़ किए। उन्होने लिखा कि “मानवता के महान व्यक्तित्व के आश्रम में आकर वाक़ई एक अद्धितीय प्रेरणा मिली।

इजरायल के प्रधानमंत्री की भारत यात्रा दोनो देशो के संबंधो के 25 साल होने के लिहाज से तो बेहद खास है ही लेकिन दोनो देशो के प्रधानमंत्रियों की आपसी दोस्ती भी लगातार सुर्खियां बटोरती रही है।  अपने गृह राज्य गुजरात में अपने दोस्त का स्वागत करने पहुंचे पीएम मोदी के साथ पीएम नेतेन्याहू की तस्वीरें आज भी खासी चर्चा में रही जिसने दोनो नेताओं के आपसी संबंधो की एक नई ईबारत लिखी।

पूरी यात्रा के दौरान दोनों के बीच गहरी दोस्ती की झलक देखने को मिली । दोनों नेताओं ने अपने साझा प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कई बार एकदूसरे से हाथ मिलाया और गले मिले । पीएम मोदी ने मेहमान का स्वागत हिब्रू भाषा में किया और उनका निकनेक पुकारा तो नेतन्याहू ने भी पीएम मोदी को अपना दोस्त बताया और भारत का क्रांतिकारी नेता करार दिया । यही नहीं वो अपने ‘मित्र नरेंद्र’ के साथ किसी योग सत्र में शामिल होने के लिए तैयार हैं ।

 

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